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पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से लोग झेल रहे दोहरी मार, जानिए क्या है इनका हाल

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Published : Jun 26, 2020, 6:32 PM IST

देश में बढ़ते पेट्रोल-डीजल के दाम अब लोगों के लिए दोहरी मार का काम कर रहे हैं. एक तरफ लोग बड़ी मुश्किल से लॉकडाउन में हुई आर्थिक तंगी से उबर ही रहे थे कि अब लोगों के सामने एक और मुसीबत आ गई है. ऐसे मे ईटीवी भारत की टीम दिल्ली के मुंडका पेट्रोल पंप पर पहुंची और चालक से आपबीती जानी...

drivers review over petrol diesel increasing rate at petrol pump in mundka
पेट्रोल-डीजल के बढ़ते रेट से परेशान हो रहे वाहन चालक

नई दिल्ली: एक तरफ देश कोरोना की मार झेल रहा है तो वहीं दूसरी तरफ पेट्रोल और डीजल की बढ़ी कीमतें भी लोगों का हाल बेहाल कर रही है. ऐसे वक्त में सबसे अधिक परेशानी उन वाहन चालकों को हो रही है, जो डीजल का इस्तेमाल करते हैं. इसको लेकर ईटीवी भारत की टीम ने दिल्ली के मुंडका पेट्रोल पंप पर पेट्रोल भरवाने आ रहे वाहन चालकों से बातचीत की.

पेट्रोल-डीजल के बढ़ते रेट से परेशान हो रहे वाहन चालक

लॉकडाउन खत्म हुआ बेरोजगारी नहीं

इस बारे में हमारी टीम को एक चालक ने बताया कि लॉकडाउन भले ही खत्म हो गया हो गया है, लेकिन लोगों के पास अभी भी रोजगार नहीं है. ऐसे में पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ाने का सरकार का फैसला बिल्कुल गलत है. क्योंकि लोग अभी भी आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं और जब लोगों के पास रोजगार का स्त्रोत नहीं होगा तो वहीं बढ़ी हुई कीमतों को नहीं झेल पाएंगे और इस समय शायद ही कोई व्यक्ति होगा जो पेट्रोल और डीजल की बढ़ी कीमतों से संतुष्ट हो सके.

विचार करें सरकार

चालक का कहना है कि इसलिए सरकार को इस बारे में फिर से विचार करना चाहिए और बढ़ी हुई वैट की दरों में कमी लानी चाहिए. क्योंकि एक वक्त में लोग 2-2 मुसीबतों का सामने ना करें और धीरे-धीरे आर्थिक तंगी से उबर सकें.

नई दिल्ली: एक तरफ देश कोरोना की मार झेल रहा है तो वहीं दूसरी तरफ पेट्रोल और डीजल की बढ़ी कीमतें भी लोगों का हाल बेहाल कर रही है. ऐसे वक्त में सबसे अधिक परेशानी उन वाहन चालकों को हो रही है, जो डीजल का इस्तेमाल करते हैं. इसको लेकर ईटीवी भारत की टीम ने दिल्ली के मुंडका पेट्रोल पंप पर पेट्रोल भरवाने आ रहे वाहन चालकों से बातचीत की.

पेट्रोल-डीजल के बढ़ते रेट से परेशान हो रहे वाहन चालक

लॉकडाउन खत्म हुआ बेरोजगारी नहीं

इस बारे में हमारी टीम को एक चालक ने बताया कि लॉकडाउन भले ही खत्म हो गया हो गया है, लेकिन लोगों के पास अभी भी रोजगार नहीं है. ऐसे में पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ाने का सरकार का फैसला बिल्कुल गलत है. क्योंकि लोग अभी भी आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं और जब लोगों के पास रोजगार का स्त्रोत नहीं होगा तो वहीं बढ़ी हुई कीमतों को नहीं झेल पाएंगे और इस समय शायद ही कोई व्यक्ति होगा जो पेट्रोल और डीजल की बढ़ी कीमतों से संतुष्ट हो सके.

विचार करें सरकार

चालक का कहना है कि इसलिए सरकार को इस बारे में फिर से विचार करना चाहिए और बढ़ी हुई वैट की दरों में कमी लानी चाहिए. क्योंकि एक वक्त में लोग 2-2 मुसीबतों का सामने ना करें और धीरे-धीरे आर्थिक तंगी से उबर सकें.

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