नई दिल्ली: बाहरी दिल्ली के बवाना इलाके में एक महिला फांसी लगाकर खुदकुशी कर रही थी. जानकारी के बाद दिल्ली पुलिस ने महिला की जान बचा ली. पुलिस ने वहां मौजूद एक महिला से उसे सीपीआर दिलवाया जिसकी वजह से उसकी जान बच गई. वहीं दूसरी घटना में रोहिणी इलाके में परिवार से बिछड़ गए एक दिव्यांग बच्चे को पीसीआर ने परिजनों से मिलवाया.
ये है पूरा मामला
डीसीपी शरत सिन्हा के अनुसार पीसीआर वैन में तैनात हवलदार विकास राणा और सिपाही सुनील को एक कॉल मिली कि बवाना स्थित उमर मस्जिद के पास एक महिला खुदकुशी कर रही है. पुलिस टीम तुरंत मौके पर पहुंची जहां एक महिला फर्श पर बेहोशी की हालत में पड़ी हुई थी.
उसके गले पर फंदे का निशान था. पुलिस टीम ने तुरंत वहां मौजूद एक महिला को बेहोश पड़ी महिला को सीपीआर देने का निर्देश दिया. इस महिला को सीपीआर देने के बाद उसे नजदीकी अस्पताल पहुंचाया गया.
डॉक्टरों ने की पुलिसकर्मियों की सराहना
पुलिस टीम ने रास्ते में भी महिला से पीड़िता को सीपीआर दिलवाया जिसकी वजह से उसकी हालत में कुछ सुधार आया. उसे पूठ खुर्द स्थित महर्षि बाल्मीकि अस्पताल पहुंचाया गया जहां उसकी जान बच गई है. डॉक्टर ने मौके पर फर्स्ट एड के तौर पर सीपीआर देने की वजह से पीसीआर के पुलिसकर्मियों की सराहना की है.
ठंड में मिला कांप रहा दिव्यांग बच्चा
पीसीआर वैन में तैनात एएसआई अजय पाल और हवलदार हंसराज अवंतिका चौक के पास गश्त कर रहे थे. उन्होंने एक बच्चे को परेशान हालत में देखा. यह बच्चा ठंड में अकेला खड़ा ठिठुर रहा था. उन्होंने उसका नाम पूछा, लेकिन वह अपने एवं परिजनों के बारे में जानकारी नहीं दे सका.
यह बच्चा दिव्यांग होने के चलते कुछ नहीं बता पा रहा था. उसे अपनी वैन में बिठाकर पुलिस टीम ने आसपास उसके परिजनों को तलाशना शुरू किया.
मोबाइल नंबर से मिला सुराग
इस बच्चे की पहचान के लिए पुलिस ने आसपास अनाउंसमेंट भी की, लेकिन किसी ने बच्चे को नहीं पहचाना. इस दौरान पुलिस ने बच्चे के हाथ पर एक नंबर लिखा हुआ देखा. इस पर जब कॉल की गई तो उसके घर का पता मिल गया. रोहिणी सेक्टर 17 के इस पते पर उसकी बहन पुलिस को मिली. पीसीआर ने इसकी जानकारी लोकल पुलिस को दी और इसके बाद बच्चे को उसके परिवार से मिलवा दिया गया.