नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने सीलमपुर में हुए प्रदर्शन के दौरान हिंसक भीड़ पर लाठीचार्ज कर तितर-बितर किया. इस दौरान दिव्यांग ने आरोप लगाया कि पुलिस ने दुकान में तोड़फोड़ की और सीसीटीवी में लगे डीवीआर को भी उखाड़कर अपने साथ ले गए.
पीड़ित की दुकान में पुलिस ने की जमकर तोड़फोड़
पीड़ित ने पुलिस पर आरोप लगाया कि पुलिस ने पहले तो पीड़ित से दुकान बंद करवाई और फिर हिंसा शुरू हुआ तो उसी दुकान का शटर उठाकर वहां जमकर तोड़फोड़ की. इतना ही नहीं दुकान में लगे सीसीटीवी के डीवीआर भी उखाड़कर अपने साथ ले गई. फिलहाल पीड़ित दिव्यांग न्याय की उम्मीद लगाए अपनी टूटी दुकान में ही मौजूद है.
इस तोड़फोड़ की खबर दुकानदार को नहीं चली पता
जानकारी के मुताबिक दिव्यांग अनीस मलिक सीलमपुर मार्किट की ओर जाने वाले रास्ते पर टूर एंड ट्रैवल की शॉप चलाते है. पीड़ित की माने तो मंगलवार को हुए प्रदर्शन के दौरान जब पुलिस ने प्रदर्शनकारियों से चौक खाली करा लिया तो पुलिस कर्मी उनके पास आए और दुकान बंद करके वहां से अपने घर चले जाने का आदेश दिया जिसपर वे दुकान का शटर बंद करके वहां से चले गए. करीब चार बजे उनके पास पड़ोसी का फोन आया जिसने बताया कि पुलिस ने उनकी दुकान में बहुत तोड़फोड़ की.
दुकान में पुलिस ने किया इतना नुकसान
अनीस जब अपनी दुकान पहुंचे तो उन्होने देखा कि-
- उनकी ट्रैवल शॉप के शटर पर लगे शीशे को पुलिस ने तोड़ा.
- इतना ही नहीं पुलिस वालों ने वहां रखे कंप्यूटर, कैमरे और फोटो प्रिंटर भी तोड़ डाले बल्कि पुलिस कर्मी शॉप में लगे सीसीटीवी का डीवीआर सिस्टम भी तोड़कर अपने साथ ले गए.
काम पर इस तोड़फोड़ से पड़ा बुरा प्रभाव
इस तोड़फोड़ के बाद दिव्यांग अनीस मलिक का काम रुक गया और वे हताश और लाचार होकर दुकान में ही बैठे रहे. फिलहाल देखना ये होगा कि आखिर दिव्यांग की दुकान में हुई बर्बरता का उन्हें कोई हर्जाना मिलेगा या फिर बस ऐसे वे ही परेशान होते रहेंगे.
पुलिस बर्बरता का वीडियो हुआ वायरल
सीलमपुर लालबत्ती पर दिव्यांग अनीस की ट्रैवल शॉप पर पुलिस ने जो हैवानियत दिखाई उसका एक वीडियो भी वायरल हुआ है जिसमें पुलिसकर्मी दुकान का शटर उठाते है और वहां लगे शीशों पर डंडे बरसाते हुए साफ दिखाई दे रहे हैं. इस वीडियो के सामने आने के बाद पुलिस अफसरों ने चुप्पी साधी हुई है.
मुआवजा मिल जाये तो नहीं कराएंगे कोई शिकायत
पीड़ित दुकानदार अनीस मलिक ने कहा कि वे पिछले करीब चौदह सालों से यहां दुकान चलाते हैं. उसके बावजूद पुलिस वालों ने उनकी दुकान में इतनी बुरी तरह से तोड़फोड़ की है. अगर उन्हें इस तोड़फोड़ का हर्जाना पुलिस दे देती है तो वे इस मामले के खिलाफ कोई शिकायत नहीं करेंगे.