नई दिल्ली: उत्तरी दिल्ली के मुखर्जी नगर इलाके में सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट में रह रहे 336 परिवारों के लिए पुनर्वास का काम बहुत ही धीमी गति से चल रही है. अपार्टमेंट में रह रहे लोगों को डीडीए के साथ हुए करार के तहत समझौता पत्र पर 15 अक्टूबर तक अपार्टमेंट को खाली कर डीडीए को सौपना था, लेकिन अभी तक केवल 40 परिवारों ने ही समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं. जबकि 200 से ज्यादा परिवार अपनी जान जोखिम में डालकर जर्जर अपार्टमेंट में रह रहे हैं. करीब 9 महीने पहले इस अपार्टमेंट को डीडीए द्वारा डेंजर घोषित कर दिया गया था. मगर अभी तक यहां के निवासियों के लिए किसी भी तरह की वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की जा सकी है.
अपार्टमेंट के अध्यक्ष अमरेंद्र कुमार ने बताया कि अपार्टमेंट में कुल 336 फ्लैट हैं. करीब 85 परिवार पहले ही यहां से पलायन कर चुके हैं. अभी तक केवल डीडीए के समझौता पत्र पर केवल 40 परिवारों ने ही हस्ताक्षर किए हैं. डीडीए की तरफ से कहा गया है कि जब तक समझौता पत्र पर सभी परिवार हस्ताक्षर नहीं कर देते, तब तक अपार्टमेंट की पुनर्वास प्रक्रिया को शुरू नहीं किया जा सकता. उन्होंने बताया कि दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के सामने पुनर्वास का मामला पहले भी उठाया गया था. इसमें उन्होंने मांग की थी कि अपार्टमेंट के 70 फीसदी परिवारों के समझौता पत्र पर हस्ताक्षर करते ही पुनर्वास प्रक्रिया शुरू कर दी जाए. जबकि डीडीए पूरी तरह से फ्लैट खाली करने की बात कर रहा है.
हालांकि इस सप्ताह सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट के पदाधिकारियों को उपराज्यपाल से मिलने का समय मिला है. बता दें कि दिन पहले डीडीए द्वारा अपार्टमेंट को गिराने के लिए नियुक्त की गई कंपनी इंडिया दिल्ली एसोसिएशन (आईडीए) के प्रतिनिधि भी अपार्टमेंट का दौरा करने के लिए पहुंचे थे. अपार्टमेंट के निवासियों ने प्रतिनिधियों से बात भी की थी. प्रतिनिधियों ने लोगों को बताया कि यहां पर रहना बहुत खतरनाक है, इसे तुरंत ही खाली कर यहां से दूसरी जगह जाना चाहिए.
डीडीए के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अपार्टमेंट के निवासियों की पुनर्वास नीति के लिए काम तेजी से किया जा रहा है. डीडीए की तरफ से अपार्टमेंट में रह रहे लोगों को उनके फ्लैट के हिसाब से किराया देने की बात भी तय की गई है. उसके बावजूद भी लोग फ्लैट खाली करने को तैयार नहीं है.
एक अन्य पदाधिकारी ने बताया कि दिल्ली में लगातार भूकंप के झटके महसूस किये जा रहे हैं. यदि कभी तेज तीव्रता का भूकंप आ गया तो अपार्टमेंट निवासियों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है. इसलिए अपार्टमेंट के निवासी और डीडीए दोनों को अपार्टमेंट को खाली करने के समझौते को लेकर सभी बातों पर विचार करना चाहिए. डीडीए को अपनी नीति में लचीलापन लाना होगा, ताकि किसी बड़े हादसे से पहले सभी परिवार अपार्टमेंट को खाली कर दूसरी जगह शिफ्ट हो जाए और डीडीए अपना काम शुरू कर सके.