नई दिल्ली: देश में कोरोना काल की शुरुआत में लगाए गए लॉकडाउन के दौरान केजरीवाल सरकार ने किरायदारों को राहत देने के लिए वादे किए थे. लॉकडाउन-2 के दौरान दिल्ली सरकार की ओर कहा गया था कि दिल्ली में जो किराया नहीं दे पाएगा, उनका किराया दिल्ली सरकार देगी. मजदूर किरायेदार विकास पार्टी ने केजरीवाल सरकार के वादे को याद दिलाते हुए दिल्ली में रह रहे किरायदारों की मदद करने की मांग की है.
किरायेदारों ने लिखें केजरीवाल सरकार के नाम पत्र
मजदूर किरायेदार विकास पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेंद्र पासवान का कहना है कि लॉकडाउन-2 में बोला था कि जो किराया नहीं दे पाएगा. उनका किराया दिल्ली सरकार देगी लेकिन अनलॉक-4 आने के बाद भी अब तक किसी भी किरायदार को सरकार से कोई मदद नहीं मिली है.
किरायेदारों की मदद की गुहार लगाते हुए मजदूर किरायेदार विकास पार्टी ने केजरीवाल सरकार को पत्र लिखे हैं. इसके लिए पार्टी चिट्ठी पत्री कार्यक्रम चला रही है. जिसके तहत दिल्ली में रहने वाले किरायेदार मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को चिट्ठी लिखकर वादा याद दिलाते हुए किराया देने में मदद की गुहार लगा रहे हैं.
'पांच लाख चिट्ठी लिखने का लक्ष्य'
मजदूर किरायेदार विकास पार्टी के चिट्टी पत्री कार्यक्रम के तहत अब तक चालीस हजार से ज्यादा चिट्ठियां मुख्यमंत्री को लिखी जा चुकी हैं. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की माने तो पांच लाख चिट्ठी केजरीवाल सरकार को लिखने का लक्ष्य बनाया गया है. जब तक किरायेदारों से किए वादे पर कोई अमल नहीं होता, तब तक ये सिलसिला चलता रहेगा. पार्टी का मानना है कि आम आदमी पार्टी अब भाजपा की भाषा बोल रही है.
उनका कहना है कि अब तक चालीस हजार से ज्यादा चिट्ठी स्पीड पोस्ट के जरिए सीएम केजरीवाल को भेजी जा चुकी है. दिल्ली के किरायेदार पांच से सात सौ चिट्ठी रोजाना मुख्यमंत्री को भेज रहे हैं. ताकि सरकार उनकी मांग जल्द से जल्द सुने.
महेंद्र पासवान ने कहा कि दिल्ली सरकार किरायेदार विरोधी काम कर रही है, उम्मीद नहीं थी कि केजरीवाल से ऐसा करेगी. क्योंकि वो आम आदमी के मुख्यमंत्री थे. जिन्होंने उन्हें भरपूर वोट दिया था. उन्होंने इस मुद्दे पर मिलने के लिए मुख्यमंत्री केजरीवाल से समय भी मांगा था जो कि नहीं दिया गया.
'आज भी परेशान घूम रहे हैं दंगा प्रभावित'
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के प्रभावित आज भी मुआवजा नहीं मिलने की वजह से परेशान घूम रहे हैं. सबने देखा कि दंगों में किरायेदारों का कैसे नुकसान हुआ. महेंद्र पासवान ने बताया कि वो ऐसे बहुत से लोगों को जानते हैं जिनका लाखों का नुक्सान हुआ, लेकिन उन्हें सरकार से मुआवजे के नाम पर डेढ़ सौ, पांच सौ, हजार रुपये के चेक थमा दिए गए.
महेंद्र पासवान का कहना है कि सरकार ने दंगा पीड़ितों के साथ छल किया है. उनसे झूठ बोला है. कहने को सरकार के पास पूरा सिस्टम मौजूद है, पूरा नेटवर्क हैं. एसडीएम हैं, डीसीपी हैं और भी अफसर हैं. जिस तरह से सरकारी राशन घर-घर पहुंचाया गया. वैसे ही मुआवजा भी पहुंचाया जा सकता था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. जिसकी वजह से आज भी लोग परेशान हैं.
'किसानों के साथ धोखा है केंद्र सरकार का बिल'
मजदूर किरायेदार विकास पार्टी के अध्यक्ष महेंद्र पासवान ने कहा कि केंद्र सरकार का किसान बिल पूरी तरह से गलत है. सरकार अपना पीछा छुड़ाने के लिए ये बिल लायी है. किसानों को धोखा दे ही है. उन्होंने कहा कि हद तो ये है कि एक प्रधानमंत्री झूठ बोलते हैं और फिर उसे सच बताने के लिए पीछे-पीछे सारे मंत्री और सांसद भी झूठ बोलने लग जाते हैं.