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जमीयत ने गोद लेकर हिंसाग्रस्त शिव विहार में बनवाए मकान और धार्मिक स्थल

बता दें कि पिछले साल 24-25 फरवरी के दौरान शिव विहार इलाके में काफी नुकसान हुआ था. बहुत लोग बेघर हुए और सैकड़ों लोग पलायन करने को मजबूर हो गए. हालांकि बाद में हालात सामान्य होने पर लोग अपने-अपने घरों को लौट आए.

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जमीयत उलेमा ए हिंद
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Published : Feb 26, 2021, 2:33 PM IST

नई दिल्लीः उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के बाद हिंसा ग्रस्त इलाकों में सरकारी मदद के अलावा दूसरे संगठनों ने भी इन इलाकों में काफी मदद की है. इसी कड़ी में जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने उत्तर पूर्वी दिल्ली के शिव विहार इलाके को गोद लेकर न केवल संभाला, बल्कि कई घरों की मरम्मत भी कराई और कई लोगों की सहायता भी की.

हिंसा पीड़ितों की जमीयत ने की मदद

शिव विहार इलाके में हुए नुकसान की भरपाई के लिए जमीयत उलेमा-ए-हिंद मददगार बन कर सामने खड़ी हुई. जमीयत ने पूरे इलाके को गोद लिया और पीड़ितों की हर संभव मदद की. इस दौरान जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने क्षतिग्रस्त मकानों को नए सिरे से बनवाया, कुछ मकानों की मरम्मत कराई और जिनके छोटे-मोटे काम धंधे खत्म हो गए थे, उनको भी मदद पहुंचाई.

इसे लेकर जमीयत उलेमा-ए-हिंद के दिल्ली प्रदेश उपाध्यक्ष मौलाना दाऊ दामिनी ने ईटीवी भारत से बातचीत की. उन्होंने कहा कि शुरुआती दौर से ही जमीयत उलेमा-ए-हिंद के मददगारों ने प्रभावितों की मदद की और लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया.

'कानूनी मदद की भी पहल'

मौलाना दाऊ ने कहा कि हिंसा के बाद जांच से जुड़ी सुरक्षा एजेंसियों ने तहकीकात शुरू की. कई आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, लेकिन इस दौरान कुछ ऐसे भी लोग थे, जो चने में घुन की तरह बेगुनाह होते हुए भी पुलिस के हाथ लग गए और उन्हें जेल जाना पड़ा. जिसे देखते हुए जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने एक न्यायिक सेल बनाया और बेगुनाहों को कानूनी मदद पहुंचाने की पहल की.

नई दिल्लीः उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के बाद हिंसा ग्रस्त इलाकों में सरकारी मदद के अलावा दूसरे संगठनों ने भी इन इलाकों में काफी मदद की है. इसी कड़ी में जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने उत्तर पूर्वी दिल्ली के शिव विहार इलाके को गोद लेकर न केवल संभाला, बल्कि कई घरों की मरम्मत भी कराई और कई लोगों की सहायता भी की.

हिंसा पीड़ितों की जमीयत ने की मदद

शिव विहार इलाके में हुए नुकसान की भरपाई के लिए जमीयत उलेमा-ए-हिंद मददगार बन कर सामने खड़ी हुई. जमीयत ने पूरे इलाके को गोद लिया और पीड़ितों की हर संभव मदद की. इस दौरान जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने क्षतिग्रस्त मकानों को नए सिरे से बनवाया, कुछ मकानों की मरम्मत कराई और जिनके छोटे-मोटे काम धंधे खत्म हो गए थे, उनको भी मदद पहुंचाई.

इसे लेकर जमीयत उलेमा-ए-हिंद के दिल्ली प्रदेश उपाध्यक्ष मौलाना दाऊ दामिनी ने ईटीवी भारत से बातचीत की. उन्होंने कहा कि शुरुआती दौर से ही जमीयत उलेमा-ए-हिंद के मददगारों ने प्रभावितों की मदद की और लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया.

'कानूनी मदद की भी पहल'

मौलाना दाऊ ने कहा कि हिंसा के बाद जांच से जुड़ी सुरक्षा एजेंसियों ने तहकीकात शुरू की. कई आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, लेकिन इस दौरान कुछ ऐसे भी लोग थे, जो चने में घुन की तरह बेगुनाह होते हुए भी पुलिस के हाथ लग गए और उन्हें जेल जाना पड़ा. जिसे देखते हुए जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने एक न्यायिक सेल बनाया और बेगुनाहों को कानूनी मदद पहुंचाने की पहल की.

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