नई दिल्ली: विधानसभा चुनावों की हलचल के बीच दिल्ली सरकार के मंत्री सरकारी दफ्तरों, अस्पतालों और अन्य विभागों का जायजा लेने के लिए ग्राउंड पर काम कर रहे हैं. श्रम मंत्री गोपाल राय ने गुरु तेग बहादुर अस्पताल का औचक निरीक्षण किया, इस दौरान कई अफसरों के खिलाफ शिकायतें सुनने के बाद श्रम मंत्री भड़क गए और उनके तत्काल ट्रांसफर के आदेश दे दिए.
कई कर्मचारियों को बिना किसी पूर्व सूचना के हटाकर नए लोगों को काम पर रखने की शिकायत को मंत्री ने बेहद गंभीरता से लिया और कर्मचारियों को वापस ड्यूटी पर नहीं रखने पर संबंधित कम्पनी का टेंडर खत्म करने के निर्देश भी दिए गए.
श्रम मंत्री गोपाल राय जीटीबी अस्पताल पहुंचे और वहां कार्यरत कर्मचारियों की सैलरी और मेहनताना सम्बंधी मामलों को सुना. इस दौरान अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर सुनील कुमार, अस्पताल कमेटी की मेंबर और इलाके की विधायक सरिता सिंह भी उनके साथ रहे.
श्रम मंत्री ने अस्पताल में कार्यरत स्टाफ, कर्मचारियों को बुलाकर उनकी समस्याएं सुनी. इस दौरान अस्पताल में कर्मचारियों ने लेडी सुपरवाइजर पर अभद्रता करने और ड्यूटी लगाने की एवज में पैसे मांगने का आरोप लगाया.
इसके साथ ही एक महिला कर्मचारी ने भी महिला सुपरवाइजर पर गंभीर आरोप लगाए, इन आरोपों को सुनकर श्रम मंत्री आग बबूला हो गए और इंचार्ज से सुपरवाइजर को तत्काल ट्रांसफर करने के निर्देश दे डाले.
सुपरवाइजर के ट्रांसफर के आदेश दे दिए.
अस्पताल में कई सालों से कार्यरत कर्मचारियों ने मंत्री के सामने शिकायत रखी कि नई कंपनी ने पुराने स्टाफ को हटा दिया है और नए कर्मचारी ड्यूटी पर तैनात कर दिए गए हैं. जिसके चलते कई महीनों से वो लोग बेरोजगार हो गए हैं और जितने दिन उन्होंने काम किया उसकी भी सैलरी नहीं दी जा रही.
श्रम मंत्री गोपाल राय ने अस्पताल प्रशासन की खामियों पर नाराज़गी जाहिर की और अफसरों को तुरंत बुलाने के आदेश दिए. साथ ही वहां मौजूद इंचार्ज से कंपनियों को टेंडर देते समय लागू की जाने वाली गाइडलाइन के बारे में भी पूछा, काफी इंतजार के बाद भी जब कंपनी से कोई अफसर नहीं पहुंचा तो श्रम मंत्री गोपाल राय ने मौजूद अफसरों को हिदायत दी कि कोई भी एजेंसी किसी भी पुराने कर्मचारी को ऐसे नहीं हटा सकती है, अगर कंपनी इन कर्मचारियों को वापस काम पर नहीं रखती है तो उसका टेंडर रद्द कर दिया जाए.