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हज के फॉर्म रद्द होने पर जमीयत उलेमा हिंद के महासचिव ने जताया एतराज, कहा- माफी मांगे हज कमेटी

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Published : Jun 19, 2021, 11:07 PM IST

विश्वभर में कोरोना के चलते सऊदी अरब सरकार ने दूसरे देशों के नागरिकों के लिए हज पर पाबंदी लगाई है. इसके चलते हज जाने के लिए मंगवाए गए आवेदन रद्द कर दिए गए हैं. इसको लेकर जमीयत उलेमा हिंद के महासचिव मौलाना जावेद ने कड़ा ऐतराज जताया है.

Jamiat Ulema Hind general secretary maulana javed
जमीयत उलेमा हिंद के महासचिव मौलाना जावेद

नई दिल्ली: कोरोना काल में, किसी भी तरह के खतरे को देखते हुए सऊदी अरब सरकार ने दूसरे देशों के नागरिकों के लिए हज पर पाबंदी लगाई है. इस मुश्किल दौर में हज के सफर पर जाने के लिए नये आवेदन मंगवाने और फिर रद्द लिए जाने पर जमीयत उलेमा हिंद के महासचिव मौलाना जावेद ने कड़ा ऐतराज जताया है. उन्होंने इसके लिए हज कमेटी ऑफ इंडिया को जिम्मेदार बताया है. इसके साथ ही मुस्लिम समाज से माफी मांगने की मांग की है.

हज कमेटी को दूरदर्शिता से काम लेना चाहिए

जमीयत उलेमा हिंद के दिल्ली प्रदेश महासचिव मौलाना जावेद सिद्दीकी ने मुकद्दस हज के आगामी सफर के लिए भरे गए फार्म रद्द किए जाने पर ऐतराज जताते हुए कहा कि कोरोना जैसे मुश्किल दौर में जब हर कोई आर्थिक, मानसिक और कारोबारी रूप से परेशान हैं, ऐसे में हज कमेटी को दूरदर्शिता से काम लेना चाहिए था. देशभर में लाखों लोगों से आगामी हज के लिए आवेदन लेे लिए गए, लेकिन आगामी समय में महामारी को ध्यान में रखते हुए सऊदी सरकार ने दूसरे देश के नागरिकों के हज करने पर प्रतिबंध लगाते हुए सिर्फ अपने देश के वैक्सीन लगाए लोगों को ही हज की इजाजत दी है.

हज के फॉर्म रद्द होने पर जमीयत उलेमा हिंद के महासचिव ने जताया एतराज

नये फार्म भरवाना गलत फैसला

मौलाना जावेद सिद्दीकी ने कहा कि मुश्किल दौर में जब हज कमेटी ऑफ इंडिया को दूरदर्शिता से काम लेना चाहिए था, तब हज के सफर के लिए हजारों लोगों से आवेदन मंगा लिए. मौलाना जावेद ने कहा कि वही हुआ जिसका अंदेशा था. हज कमेटी को हज के सफर पर जाने वालों से माफी मांगनी चाहिए. उन्होंने कहा कि जब नए फार्म भरे जा रहे थे, उस समय भी हमारी यही मांग थी कि जिन लोगों के वर्ष 2020 के फार्म मंजूर हुए थे, उन्हीं को सामने रखते हुए आगामी वर्ष 2021 के लिए तैयारी की जाए और जिनके नामों का ऐलान हुआ था, उन्हीं में से इस साल हज के लिए चुन लिया जाए.

ये भी पढ़ें-देशद्रोह और व्यवस्थाओं के प्रति विद्रोह दोनों अलग-अलग बात : देवांगना कलीता, नताशा नरवाल

सऊदी अरब के प्रतिबंध के बाद रद्द हुए फार्म

गौरतलब है कि कई कई सालों की कोशिशों के बाद इन खुशकिस्मत लोगों के नाम हज के लिए सामने आए, जिन्हें हज कमेटी ने कैंसिल कर दिया. महामारी की वजह से हज को सीमित किया गया और दूसरे देशों के नागरिकों को हज के लिए रोक लगा दी है. हज कमेटी ने मुश्किल दौर में भी दूरदर्शिता से काम नहीं किया और एक बार फिर से वर्ष 2021 के लिए हज फार्म भरवा लिए गए. सऊदी सरकार की तरफ से पहले कोई गाइडलाइन नहीं आई और फिर कुछ ही दिन में सऊदी सरकार ने साफ कर दिया कि उनके नागरिक और बाहर मुल्कों से उनके देश में रहने वाले नागरिक ही हज कर सकेंगे. आखिर कार फिर से हज के सफर की प्रक्रिया को निरस्त कर दिया गया और फिर भारत सरकार के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री ने भी सऊदी सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए फार्म रद्द किए जाने का ऐलान कर दिया.

नई दिल्ली: कोरोना काल में, किसी भी तरह के खतरे को देखते हुए सऊदी अरब सरकार ने दूसरे देशों के नागरिकों के लिए हज पर पाबंदी लगाई है. इस मुश्किल दौर में हज के सफर पर जाने के लिए नये आवेदन मंगवाने और फिर रद्द लिए जाने पर जमीयत उलेमा हिंद के महासचिव मौलाना जावेद ने कड़ा ऐतराज जताया है. उन्होंने इसके लिए हज कमेटी ऑफ इंडिया को जिम्मेदार बताया है. इसके साथ ही मुस्लिम समाज से माफी मांगने की मांग की है.

हज कमेटी को दूरदर्शिता से काम लेना चाहिए

जमीयत उलेमा हिंद के दिल्ली प्रदेश महासचिव मौलाना जावेद सिद्दीकी ने मुकद्दस हज के आगामी सफर के लिए भरे गए फार्म रद्द किए जाने पर ऐतराज जताते हुए कहा कि कोरोना जैसे मुश्किल दौर में जब हर कोई आर्थिक, मानसिक और कारोबारी रूप से परेशान हैं, ऐसे में हज कमेटी को दूरदर्शिता से काम लेना चाहिए था. देशभर में लाखों लोगों से आगामी हज के लिए आवेदन लेे लिए गए, लेकिन आगामी समय में महामारी को ध्यान में रखते हुए सऊदी सरकार ने दूसरे देश के नागरिकों के हज करने पर प्रतिबंध लगाते हुए सिर्फ अपने देश के वैक्सीन लगाए लोगों को ही हज की इजाजत दी है.

हज के फॉर्म रद्द होने पर जमीयत उलेमा हिंद के महासचिव ने जताया एतराज

नये फार्म भरवाना गलत फैसला

मौलाना जावेद सिद्दीकी ने कहा कि मुश्किल दौर में जब हज कमेटी ऑफ इंडिया को दूरदर्शिता से काम लेना चाहिए था, तब हज के सफर के लिए हजारों लोगों से आवेदन मंगा लिए. मौलाना जावेद ने कहा कि वही हुआ जिसका अंदेशा था. हज कमेटी को हज के सफर पर जाने वालों से माफी मांगनी चाहिए. उन्होंने कहा कि जब नए फार्म भरे जा रहे थे, उस समय भी हमारी यही मांग थी कि जिन लोगों के वर्ष 2020 के फार्म मंजूर हुए थे, उन्हीं को सामने रखते हुए आगामी वर्ष 2021 के लिए तैयारी की जाए और जिनके नामों का ऐलान हुआ था, उन्हीं में से इस साल हज के लिए चुन लिया जाए.

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सऊदी अरब के प्रतिबंध के बाद रद्द हुए फार्म

गौरतलब है कि कई कई सालों की कोशिशों के बाद इन खुशकिस्मत लोगों के नाम हज के लिए सामने आए, जिन्हें हज कमेटी ने कैंसिल कर दिया. महामारी की वजह से हज को सीमित किया गया और दूसरे देशों के नागरिकों को हज के लिए रोक लगा दी है. हज कमेटी ने मुश्किल दौर में भी दूरदर्शिता से काम नहीं किया और एक बार फिर से वर्ष 2021 के लिए हज फार्म भरवा लिए गए. सऊदी सरकार की तरफ से पहले कोई गाइडलाइन नहीं आई और फिर कुछ ही दिन में सऊदी सरकार ने साफ कर दिया कि उनके नागरिक और बाहर मुल्कों से उनके देश में रहने वाले नागरिक ही हज कर सकेंगे. आखिर कार फिर से हज के सफर की प्रक्रिया को निरस्त कर दिया गया और फिर भारत सरकार के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री ने भी सऊदी सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए फार्म रद्द किए जाने का ऐलान कर दिया.

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