नई दिल्ली: शहीद उधम सिंह के 80वें बलिदान दिवस पर ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन किया गया. ये कोरोना काल में परिषद का 66वां वेबिनार था. स्वतंत्रता सेनानी सरदार उधम सिंह ने जलियांवाला बाग हत्याकांड के उत्तरदायी पंजाब के गर्वनर जनरल रहे माइकल डायर को लंदन में जाकर गोली मारी थी. 31 जुलाई 1940 को 40 साल की उम्र में उन्हें पेंटनविले जेल(यू.के) में फांसी दे दी गई थी. साथ ही युवाओं को हमारे सेनानियों के आदर्शो पर चलने की बात भी रखी गई.
इस वैबिनार में शामिल हुई वैदिक विदुषी आचार्या आयुषी राणा (आर्ष कन्या, गुरुकुल नज़ीबाबाद) ने कहा कि युवा शब्द को उल्टा किया जाए, तो वायु होता है. अर्थात जिसमें कुछ करने की लग्न हो वही युवा है. युवा समाज का वो हिस्सा है, जो किसी देश का भविष्य निर्मित होता है. युवा का तात्पर्य अवस्था से नहीं अपितु युवा वो है. जिसमें तीव्रता, हिम्मत व ताकत ये तीनों गुण विद्यमान हो.
'युवा गहन ऊर्जा और उच्च महत्वकांक्षाओं से भरे हुए होते हैं'
केंद्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि युवा शक्ति देश और समाज की रीढ़ होती है. स्वतंत्रता आंदोलन के क्रांतिकारी शहीद उधम सिंह का बलिदान सदियों तक समाज का मार्ग प्रशस्त करता रहेगा. युवा देश और समाज को नए शिखर पर ले जाते हैं. युवा देश का वर्तमान हैं, तो भूतकाल और भविष्य के सेतु भी हैं.
उनका कहना कि युवा गहन ऊर्जा और उच्च महत्वकांक्षाओं से भरे हुए होते हैं. समाज को बेहतर बनाने और राष्ट्र के निर्माण में सर्वाधिक योगदान युवाओं का ही होता है. देश के स्वतंत्रता आंदोलन में महर्षि दयानंद से प्रेरणा पाकर हजारों नौजवान आजादी की लड़ाई में कूद पड़े. साथ ही गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए आर्य नेत्री अंजू जावा ने शहीदों के बलिदान से प्रेरणा लेने का आह्वान किया.
'देशों के युवा शहीदों से प्रेरणा लें'
प्रान्तीय महामंत्री प्रवीन आर्य ने भारत के स्वतन्त्रता संग्राम के महान सेनानी, क्रान्तिकारी सरदार उधम सिंह के 80वें बलिदान दिवस पर श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए उनके जीवन चरित्र से नई पीढ़ी को परिचित करवाने का आह्वान किया. प्रधान शिक्षक सौरभ गुप्ता ने गोष्टी का संचालन करते हुए देश के युवाओं को शहीद भगतसिंह, राजगुरु, सुखदेव, सरदार उधम सिंह, चंद्रशेखर आज़ाद, पंडित रामप्रसाद बिस्मिल से देश भक्ति की प्रेरणा लेने का आह्वान किया.
इस कार्यक्रम में गायिका संगीता आर्या,बिन्दु मदान, उर्मिला आर्या (गुरुग्राम),राजश्री यादव,पुष्पा चुघ,वंदना जावा,मनीषा ग्रोवर,नरेश खन्ना,मधु खेड़ा,उषा मलिक आदि ने सुन्दर गीतों से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया. प्रमुख रूप से आचार्य महेंद्र भाई,यशोवीर आर्य,देवेन्द्र भगत, प्रेम कुमार सचदेवा, डॉ अंजू मेहरोत्रा, प्रकाशवीर शास्त्री,राजेश मेंहदीरत्ता,देवेन्द्र गुप्ता,अमरनाथ बत्रा,डॉ रचना चावला,धर्मपाल परमार(पी एम ओ) आदि उपस्थित थे.