नई दिल्लीः 22 जुलाई को लगभग 4 महीने के बाद उत्तरी दिल्ली नगर निगम का पहला सदन होने जा रहा है. जो नए मेयर जयप्रकाश की अध्यक्षता में होगा. लेकिन निगम का यह सदन बेहद हंगामेदार हो सकता है. दरअसल निगम पिछले काफी लंबे समय से आर्थिक बदहाली के दौर से गुजर रहा है. यहां तक कि निगम के पास अपने कर्मचारियों को वेतन देने के लिए भी फंड नहीं है.
वहीं दूसरी तरफ निगम को केंद्र और दिल्ली सरकार के द्वारा विभिन्न मदों में मिला फंड पूरे तरीके से लैप्स हो गया है. इस बार हॉर्टिकल्चर विभाग के फंड को भी निगम प्रयोग नहीं कर पाया है. निगम के सभी फंड लैप्स हो गए और अब विपक्ष इसी बात का मुद्दा बनाकर सदन के अंदर भाजपा शासित निगम की प्रशासन व्यवस्था के ऊपर सवाल उठा सकता है.
फंड लैप्स होने और निगम प्रशासन की विफलता को लेकर विपक्ष की तरफ से इस बार के सदन में सवाल भी लगाए गए हैं. जिसको लेकर जवाब मांगा गया है. निगम प्रशासन की तरफ से संतोषजनक सवाल ना मिलने पर सदन के बेहद हंगामेदार रहने के आसार हैं. वहीं बालकराम अस्पताल में की गई आत्महत्या के विषय पर भी सदन में तीखी बहस देखने को मिल सकती है.