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एलजी वीके सक्सेना ने दिल्ली की तीनों लैंडफिल साइट्स का किया निरीक्षण - दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना

राजधानी दिल्ली के तीनों लैंडफिल साइट का उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दौरा किया. लैंडफिल साइट पर ठोस कचरे के निपटान की स्थिति का उन्होंने जायजा लिया. बीते 3 महीने में 12.50 लाख तन ठोस अपशिष्ट का निष्पादन किया गया. इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को कई निर्देश भी दिए.

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Published : May 25, 2023, 8:37 AM IST

नई दिल्लीः राजधानी दिल्ली में लैंडफिल साइट एक बड़ी समस्या बनी हुई है, जिससे दिल्ली की आबोहवा लगातार दूषित हो रही है. ठोस अपशिष्ट के प्रबंधन के लिए एनजीटी द्वारा फरवरी माह में उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया था. दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने बुधवार को तीनों लैंडफिल साइट्स का दौरा किया. उन्होंने वहां ठोस कूड़ा निष्पादन के लिए जारी काम का जायजा भी लिया. उपराज्यपाल वीके सक्सेना एक साल पहले तीनों लैंडफिल साइट का दौरा किया था. जिस गति से पिछले एक साल में काम हुआ है, उसको लेकर के उपराज्यपाल ने संतोष जताया.

बता दें, मई 2022 तक लैंडफिल साइट से 1.41 लाख मीट्रिक टन ठोस कूड़े का निष्पादन प्रतिमाह किया जा रहा था, जोकि अक्टूबर 2022 में बढ़कर छह लाख मीट्रिक टन प्रतिमाह पर पहुंच गया. जिस गति से काम किया जा रहा है उसको देखकर यह भी कहा गया कि जल्द ही प्रतिमाह कूड़े का निष्पादन 9 लाख मीट्रिक टन तक किया जा सकेगा.

भलस्वा लैंडफिल साइट पर मौजूदा देसी वेस्ट फरवरी 2023 से मई 2023 के बीच तय लक्ष्य से अधिक करीब 111% पूरा किया गया. जबकि ओखला लैंडफिल साइट पर तय लक्ष्य का 88% और गाजीपुर लैंडफिल साइट से तय लक्ष्य का 34% ज्यादा निष्पादन किया गया है. उपराज्यपाल के हस्तक्षेप के बाद पिछली तिमाही से एनएचएआई अपने कराला माजरी, बुराड़ी, होलंबी परियोजना और एनटीपीसी इको पार्क एवं एनएचएआई फरीदाबाद मीठापुर परियोजना के लिए इन कूड़ों को उठा रही है. वहीं सी एंड डी वेस्ट को उसकी खामपुर, केशव नगर बुराड़ी की साइट्स पर भेजा जा रहा है. लीगेसी आरडीएफ वेस्ट को उठाने के लिए कॉरपोरेट सेक्टर को जोड़ने की मुहिम भी रंग ला रही है. जे. के. सीमेंट चित्तौड़गढ़, अल्ट्राटेक सीमेंट एवं पश्चिमी उत्तर प्रदेश की कागज मिल लैंडफिल साइटों से आरडीएफ वेस्ट उठा रहे हैं.

ये भी पढे़ंः तीन देशों की यात्रा के बाद स्वदेश लौटे पीएम मोदी, बोले- कहीं भी जाता हूं गर्व महसूस होता है

लैंडफिल साइट पर जिस तरीके से काम चल रहा है, उसको लेकर उपराज्यपाल ने संतोष प्रकट किया. उन्होंने तीनों लैंडफिल साइट पर चल रहे बायो माइनिंग कार्य पर प्रतिदिन निगरानी रखने के भी आदेश दिए. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि उन्हें समय-समय पर लैंडफिल साइट पर हो रहे कार्यों के बारे में अपडेट देते रहें और यह भी सुनिश्चित किया जाए कि तय समय पर लैंडफिल साइट का कार्य पूरा किया जा रहा है या नहीं.

ये भी पढ़ेंः वर्चुअल निकाह के 5 माह बाद पाकिस्तानी दुल्हन पहुंची अपनी ससुराल जोधपुर, वीजा के कारण विदाई में हुई देरी

नई दिल्लीः राजधानी दिल्ली में लैंडफिल साइट एक बड़ी समस्या बनी हुई है, जिससे दिल्ली की आबोहवा लगातार दूषित हो रही है. ठोस अपशिष्ट के प्रबंधन के लिए एनजीटी द्वारा फरवरी माह में उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया था. दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने बुधवार को तीनों लैंडफिल साइट्स का दौरा किया. उन्होंने वहां ठोस कूड़ा निष्पादन के लिए जारी काम का जायजा भी लिया. उपराज्यपाल वीके सक्सेना एक साल पहले तीनों लैंडफिल साइट का दौरा किया था. जिस गति से पिछले एक साल में काम हुआ है, उसको लेकर के उपराज्यपाल ने संतोष जताया.

बता दें, मई 2022 तक लैंडफिल साइट से 1.41 लाख मीट्रिक टन ठोस कूड़े का निष्पादन प्रतिमाह किया जा रहा था, जोकि अक्टूबर 2022 में बढ़कर छह लाख मीट्रिक टन प्रतिमाह पर पहुंच गया. जिस गति से काम किया जा रहा है उसको देखकर यह भी कहा गया कि जल्द ही प्रतिमाह कूड़े का निष्पादन 9 लाख मीट्रिक टन तक किया जा सकेगा.

भलस्वा लैंडफिल साइट पर मौजूदा देसी वेस्ट फरवरी 2023 से मई 2023 के बीच तय लक्ष्य से अधिक करीब 111% पूरा किया गया. जबकि ओखला लैंडफिल साइट पर तय लक्ष्य का 88% और गाजीपुर लैंडफिल साइट से तय लक्ष्य का 34% ज्यादा निष्पादन किया गया है. उपराज्यपाल के हस्तक्षेप के बाद पिछली तिमाही से एनएचएआई अपने कराला माजरी, बुराड़ी, होलंबी परियोजना और एनटीपीसी इको पार्क एवं एनएचएआई फरीदाबाद मीठापुर परियोजना के लिए इन कूड़ों को उठा रही है. वहीं सी एंड डी वेस्ट को उसकी खामपुर, केशव नगर बुराड़ी की साइट्स पर भेजा जा रहा है. लीगेसी आरडीएफ वेस्ट को उठाने के लिए कॉरपोरेट सेक्टर को जोड़ने की मुहिम भी रंग ला रही है. जे. के. सीमेंट चित्तौड़गढ़, अल्ट्राटेक सीमेंट एवं पश्चिमी उत्तर प्रदेश की कागज मिल लैंडफिल साइटों से आरडीएफ वेस्ट उठा रहे हैं.

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लैंडफिल साइट पर जिस तरीके से काम चल रहा है, उसको लेकर उपराज्यपाल ने संतोष प्रकट किया. उन्होंने तीनों लैंडफिल साइट पर चल रहे बायो माइनिंग कार्य पर प्रतिदिन निगरानी रखने के भी आदेश दिए. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि उन्हें समय-समय पर लैंडफिल साइट पर हो रहे कार्यों के बारे में अपडेट देते रहें और यह भी सुनिश्चित किया जाए कि तय समय पर लैंडफिल साइट का कार्य पूरा किया जा रहा है या नहीं.

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