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बाबू जगजीवन राम अस्पताल में मूलभूत सुविधाओं का अभाव, बुखार की गोली तक उपलब्ध नहीं

दिल्ली के बाबू जगजीवन राम अस्पताल में लोगों को मूलभूत सुविधाएं भी नहीं मिल पा रही है. अस्पताल में बुखार की गोली पेरासिटामोल उपलब्ध नहीं है. यहां मरीजों को जांच कराने के लिए कई महीनों तक चक्कर लगाने पड़ते हैं. यहां तक की अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की सुविधा बंद है. पढ़ें पूरी खबर..

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Published : May 24, 2022, 4:08 PM IST

बाबू जगजीवन राम अस्पताल में मूलभूत सुविधाओं का अभाव
बाबू जगजीवन राम अस्पताल में मूलभूत सुविधाओं का अभाव

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार भले ही अस्पतालों को दुरुस्त करने के लाख दावे करती रहे लेकिन हालात उसके उलट है. जहांगीरपुरी इलाके स्थित बाबू जगजीवन राम अस्पताल में मरीजों का हाल बेहाल है. अस्पताल में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है. यहां इलाज कराने आए मरीजों का दावा है कि अस्पताल में सामान्य सुविधाएं तक नहीं मिल रही हैं. ऐसे में किसी बड़े मर्ज का इलाज मिलना तो दूर की बात है.

यहां पर बुखार की पेरासिटामोल गोली भी उपलब्ध नहीं है. ऐसे में अस्पताल के डॉक्टर दवाई लिख कर देते है तो आधी से ज्यादा दवाएं बाहर से लेनी पड़ती है, जोकि काफी महंगी आती है. मरीजों ने बताया कि विभाग में अल्ट्रासाउंड भी नहीं हो पाता है. अल्ट्रासाउंड की टेस्ट मशीनें कई महीनों से खराब है. जिसकी वजह से मरीजों को खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

मरीजों को अस्पताल में जांच के लिए कई महीनों का चक्कर लगाना पड़ता है. यहां मरीज के लिए अंदर बैठने की व्यवस्था तक नहीं है. मरीजों का कहना है कि अस्पताल में तैनात गार्ड भी मरीजों से काम के नाम पर पैसे वसूलते हैं. इसकी भनक अस्पताल प्रबंधक के अधिकारियों को भी है लेकिन इस तरह मामले को संज्ञान में नहीं लिया जाता. जिससे मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है.

ये भी पढ़ें: अंबेडकर हॉस्पिटल में 20 घंटे बीत जाने के बाद भी बिजली बहाल नहीं की गई, गर्मी से मरीज बेहाल

बता दें कि स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन दिल्ली में स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर बड़े-बड़े दावे करते रहे है. वे अक्सर सरकारी अस्पतालों में दौरा भी करते है. बावजूद इसके सरकारी अस्पतालों में कोई ठोस सुधार नहीं हुआ है. बाबू जगजीवन राम अस्पताल में जहां मरीजों को छोटी बीमारियों की दवा भी बाहर से लेनी पड़ती है. अस्पताल का ऐसा हाल देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि स्वास्थ्य मंत्री के दावों में कितना दम है..

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नई दिल्ली: दिल्ली सरकार भले ही अस्पतालों को दुरुस्त करने के लाख दावे करती रहे लेकिन हालात उसके उलट है. जहांगीरपुरी इलाके स्थित बाबू जगजीवन राम अस्पताल में मरीजों का हाल बेहाल है. अस्पताल में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है. यहां इलाज कराने आए मरीजों का दावा है कि अस्पताल में सामान्य सुविधाएं तक नहीं मिल रही हैं. ऐसे में किसी बड़े मर्ज का इलाज मिलना तो दूर की बात है.

यहां पर बुखार की पेरासिटामोल गोली भी उपलब्ध नहीं है. ऐसे में अस्पताल के डॉक्टर दवाई लिख कर देते है तो आधी से ज्यादा दवाएं बाहर से लेनी पड़ती है, जोकि काफी महंगी आती है. मरीजों ने बताया कि विभाग में अल्ट्रासाउंड भी नहीं हो पाता है. अल्ट्रासाउंड की टेस्ट मशीनें कई महीनों से खराब है. जिसकी वजह से मरीजों को खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

मरीजों को अस्पताल में जांच के लिए कई महीनों का चक्कर लगाना पड़ता है. यहां मरीज के लिए अंदर बैठने की व्यवस्था तक नहीं है. मरीजों का कहना है कि अस्पताल में तैनात गार्ड भी मरीजों से काम के नाम पर पैसे वसूलते हैं. इसकी भनक अस्पताल प्रबंधक के अधिकारियों को भी है लेकिन इस तरह मामले को संज्ञान में नहीं लिया जाता. जिससे मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है.

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बता दें कि स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन दिल्ली में स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर बड़े-बड़े दावे करते रहे है. वे अक्सर सरकारी अस्पतालों में दौरा भी करते है. बावजूद इसके सरकारी अस्पतालों में कोई ठोस सुधार नहीं हुआ है. बाबू जगजीवन राम अस्पताल में जहां मरीजों को छोटी बीमारियों की दवा भी बाहर से लेनी पड़ती है. अस्पताल का ऐसा हाल देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि स्वास्थ्य मंत्री के दावों में कितना दम है..

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