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दिल्ली में लड्डू खिलाए और सामान लेकर हो गए फरार, नशा खुरानी गैंग के 3 आरोपी गिरफ्तार

दिल्ली में नशाखुरानी गिरोह फिर सक्रिय हो गया है. आप अनजान लोगों की दी गई मिठाई लेने से परहेज नहीं करते तो सावधान हो जाएं, क्योंकि आप भी नशा खुरानी गैंग के शिकार हो सकते हैं. नॉर्थ डिस्ट्रिक्ट में नशा खुरानी गैंग का खुलासा हुआ है और गैंग के 3 आरोपी गिरफ्तार (Intoxication gang arrested) किए गए हैं. जानें पूरा मामला.

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Published : Nov 9, 2022, 11:48 AM IST

लड्डू खिलाया और सामान लेकर हो गए फरार.
लड्डू खिलाया और सामान लेकर हो गए फरार.

नई दिल्ली : राह चलते अगर कभी किसी ने खुशी या उत्सव के बहाने आपको लड्डू खिलाई है और आप अनजान लोगों की दी गई मिठाई लेने से परहेज नहीं करते तो सावधान हो जाएं, क्योंकि आप भी नशा खुरानी गैंग के शिकार हो सकते हैं. नॉर्थ डिस्ट्रिक्ट में गुलाबी बाग थाने की पुलिस ने एक ऐसे ही गैंग का खुलासा किया है, जिसके सदस्य (accused of Intoxication) राह चलते लोगों को किसी खुशी का बहाना बता कर उन्हें लड्डू खिलाते हैं और फिर उनके बैग, पैकेट, कीमती सामान लेकर फरार हो जाते हैं.

ये भी पढ़ें : -शादी का झांसा देकर बनाता था शारीरिक संबंध, पुलिस ने 30 लाख रूपये के साथ किया गिरफ्तार

तीनों पर दर्ज हैं तीन दर्जन से अधिक मामले : डीसीपी सागर सिंह कलसी के अनुसार, इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों की पहचान, कमल सिंह उर्फ लंगड़ा, पवन सिंह उर्फ टेढ़ा और गौरव उर्फ हड्डी के रूप में हुई है. ये दिल्ली के सीलमपुर, उस्मानपुर और दयालपुर इलाके के रहने वाले हैं. इनके पास से वारदात में इस्तेमाल की गई स्कूटी और लोगों को अचेत करने वाले जहर की 7 वैलियम टैबलेट बरामद की गई है. आरोपी ड्रग एडिक्ट हैं और इन सभी के खिलाफ दिल्ली के अलग-अलग थानों में क्रमशः 18, 19 और 07 आपराधिक मामले दर्ज हैं.



रिक्शाचालक को बेहोश कर उड़ाया कीमती सामान : डीसीपी ने बताया कि, 23 अक्टूबर को गुलाबी बाग थाने की पुलिस को दी गयी शिकायत में शिकायतकर्ता ईश्वरदीन मिश्रा ने बताया कि वह रिक्शा चलाता है, और 21 अक्टूबर की सुबह वो दिल्ली के भगीरथ प्लेस स्थित हरियाणा इलेक्ट्रिकल स्टोर से 21 सीलिंग फैन और कॉपर वायर को लेकर गुलाबी बाग होते हुए नजफगढ में डिलीवर करने जा रहा था. इस दौरान रास्ते मे उसे पसीने आने लगे और थकावट महसूस होने लगी और जैसे ही गुलाबी बाग रेड लाईट क्रॉस कर वो शास्त्री नगर मेट्रो स्टेशन की तरफ बढ़ा, उसके बाद उसने अपनी चेतना खो दी. बयान के आधार पर गुलाबी बाग थाने में मामला दर्ज किया गया और एसीपी सराय रोहिल्ला, प्रशांत चौधरी की देखरेख में एसएचओ समर सिंह के नेतृत्व में महिला एसआई नेहा, हेड कॉन्स्टेबल नवीन और अन्य की टीम का गठन कर मामले की जांच और आरोपियों की पकड़ के लिए लगाया गया था.


सीसीटीवी फुटेज से अपराधियों तक पहुंची पुलिस : जांच के दौरान शिकायतकर्ता के रूट को फॉलो करते हुए सीसीटीवी फुटेज की जांच की गई. पुलिस ने सुराग की तलाश में 100 से भी ज्यादा सीसीटीवी फुटेज खंगाले. आखिरकार जखीरा अंडरपास के सीसीटीवी फुटेज की जांच में पुलिस को स्कूटी सवार दो संदिग्धों के शिकायतकर्ता के आगे चलते और एक को पीछे से रिक्शा को धकेलते हुए पाया गया. जिसके बाद, स्कूटी के डिटेल से उसके ओनरशिप का पता कर सीलमपुर इलाके में छापा मार कर कमल सिंह उर्फ लंगड़ा को दबोच लिया. पूछताछ में उसने अपने साथियों के साथ मिलकर वारदात को अंजाम देने की बात स्वीकारी. उसकी निशानदेही पर पुलिस ने पवन उर्फ टेढ़ा को भी हिरासत में ले लिया और फिर पवन की निशानदेही पर तीसरे आरोपी गौरव उर्फ हड्डी को भी दबोच लिया. पुलिस कस्टडी के दौरान आरोपियों ने उस केमिस्ट के बारे में भी बताया, जो बिना किसी प्रिस्क्रिप्शन के उन्हें बेहोश करने वाली दवा उपलब्ध करवाता था. पुलिस उसके खिलाफ भी कार्रवाई कर रही है.



आरोपियों ने बताया वारदात को अंजाम देने का तरीका : पूछताछ में आरोपियों ने खुलासा किया कि वारदात वाले दिन वो सभी कमल की स्कूटी से घूम रहे थे, जब उनकी नजर पुलबंगश इलाके में रिक्शे पर कीमती सामानों को लेकर जा रहे रिक्शा चालक पर पड़ी. जिसके बाद तुरंत ही उन्होंने पास की मिठाई दुकान से लड्डू का पैक खरीदा और एक लड्डू में इंसोमिया दवा मिला कर पहचान के लिए एक पेपर के ऊपर वापस लड्डू के डिब्बे में रख दिया. किसी को शक न हो इसलिए उसने राहगीरों को लड्डू बांटते हुए, रिक्शा चालक को भी लड्डू दिया, जिसमें उन्होंने दवा मिला रखी थी. इसके बाद उन्होंने उसका पीछा करना शुरू किया. इस दौरान जब रिक्शा चालक इंद्रलोक के जखीरा अंडरपास के पास पहुंचा तो वो पसीने से तर-बतर हो कर थकावट महसूस करने लगा. जिसके बाद गौरव स्कूटी से उतर गया, और मदद के बहाने उसके रिक्शे को धक्का देने लगा. जब रिक्शा चालक पूरी तरह से अचेत हो गया तो गौरव उसे एक शॉप के पास छोड़ कर रिक्शा चलाते हुए, अपने साथियों के साथ जो स्कूटी से रूप नगर की तरफ फरार हो गया. बाद में उन्होंने उन सामानों को सीलमपुर के राजू नाम के शख्स को 45 हजार में बेच दिया, और उन पैसों को उन्होंने दीवाली में मौज-मस्ती में उड़ा दिए. पुलिस ने रिसीवर की तलाश में उसके ठिकानों पर छापेमारियाँ की, लेकिन तब तक वो फरार हो चुका था.आरोपी इलाके में स्कूटी पर घूमते हुए, उन शिकार की तलाश करते थे, जो अकेले हों और उनके पास कोई कीमती सामान, बैग या पैकेट हो. फिर वे उसे अपने झांसे में लेकर दवा मिला लड्डू खिलाते थे और जब उनका शिकार बेहोश हो जाता था तो ये उसका सामान लेकर चंपत हो जाते थे. इस मामले में पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार कर आगे की जांच में जुट गई है.

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नई दिल्ली : राह चलते अगर कभी किसी ने खुशी या उत्सव के बहाने आपको लड्डू खिलाई है और आप अनजान लोगों की दी गई मिठाई लेने से परहेज नहीं करते तो सावधान हो जाएं, क्योंकि आप भी नशा खुरानी गैंग के शिकार हो सकते हैं. नॉर्थ डिस्ट्रिक्ट में गुलाबी बाग थाने की पुलिस ने एक ऐसे ही गैंग का खुलासा किया है, जिसके सदस्य (accused of Intoxication) राह चलते लोगों को किसी खुशी का बहाना बता कर उन्हें लड्डू खिलाते हैं और फिर उनके बैग, पैकेट, कीमती सामान लेकर फरार हो जाते हैं.

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तीनों पर दर्ज हैं तीन दर्जन से अधिक मामले : डीसीपी सागर सिंह कलसी के अनुसार, इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों की पहचान, कमल सिंह उर्फ लंगड़ा, पवन सिंह उर्फ टेढ़ा और गौरव उर्फ हड्डी के रूप में हुई है. ये दिल्ली के सीलमपुर, उस्मानपुर और दयालपुर इलाके के रहने वाले हैं. इनके पास से वारदात में इस्तेमाल की गई स्कूटी और लोगों को अचेत करने वाले जहर की 7 वैलियम टैबलेट बरामद की गई है. आरोपी ड्रग एडिक्ट हैं और इन सभी के खिलाफ दिल्ली के अलग-अलग थानों में क्रमशः 18, 19 और 07 आपराधिक मामले दर्ज हैं.



रिक्शाचालक को बेहोश कर उड़ाया कीमती सामान : डीसीपी ने बताया कि, 23 अक्टूबर को गुलाबी बाग थाने की पुलिस को दी गयी शिकायत में शिकायतकर्ता ईश्वरदीन मिश्रा ने बताया कि वह रिक्शा चलाता है, और 21 अक्टूबर की सुबह वो दिल्ली के भगीरथ प्लेस स्थित हरियाणा इलेक्ट्रिकल स्टोर से 21 सीलिंग फैन और कॉपर वायर को लेकर गुलाबी बाग होते हुए नजफगढ में डिलीवर करने जा रहा था. इस दौरान रास्ते मे उसे पसीने आने लगे और थकावट महसूस होने लगी और जैसे ही गुलाबी बाग रेड लाईट क्रॉस कर वो शास्त्री नगर मेट्रो स्टेशन की तरफ बढ़ा, उसके बाद उसने अपनी चेतना खो दी. बयान के आधार पर गुलाबी बाग थाने में मामला दर्ज किया गया और एसीपी सराय रोहिल्ला, प्रशांत चौधरी की देखरेख में एसएचओ समर सिंह के नेतृत्व में महिला एसआई नेहा, हेड कॉन्स्टेबल नवीन और अन्य की टीम का गठन कर मामले की जांच और आरोपियों की पकड़ के लिए लगाया गया था.


सीसीटीवी फुटेज से अपराधियों तक पहुंची पुलिस : जांच के दौरान शिकायतकर्ता के रूट को फॉलो करते हुए सीसीटीवी फुटेज की जांच की गई. पुलिस ने सुराग की तलाश में 100 से भी ज्यादा सीसीटीवी फुटेज खंगाले. आखिरकार जखीरा अंडरपास के सीसीटीवी फुटेज की जांच में पुलिस को स्कूटी सवार दो संदिग्धों के शिकायतकर्ता के आगे चलते और एक को पीछे से रिक्शा को धकेलते हुए पाया गया. जिसके बाद, स्कूटी के डिटेल से उसके ओनरशिप का पता कर सीलमपुर इलाके में छापा मार कर कमल सिंह उर्फ लंगड़ा को दबोच लिया. पूछताछ में उसने अपने साथियों के साथ मिलकर वारदात को अंजाम देने की बात स्वीकारी. उसकी निशानदेही पर पुलिस ने पवन उर्फ टेढ़ा को भी हिरासत में ले लिया और फिर पवन की निशानदेही पर तीसरे आरोपी गौरव उर्फ हड्डी को भी दबोच लिया. पुलिस कस्टडी के दौरान आरोपियों ने उस केमिस्ट के बारे में भी बताया, जो बिना किसी प्रिस्क्रिप्शन के उन्हें बेहोश करने वाली दवा उपलब्ध करवाता था. पुलिस उसके खिलाफ भी कार्रवाई कर रही है.



आरोपियों ने बताया वारदात को अंजाम देने का तरीका : पूछताछ में आरोपियों ने खुलासा किया कि वारदात वाले दिन वो सभी कमल की स्कूटी से घूम रहे थे, जब उनकी नजर पुलबंगश इलाके में रिक्शे पर कीमती सामानों को लेकर जा रहे रिक्शा चालक पर पड़ी. जिसके बाद तुरंत ही उन्होंने पास की मिठाई दुकान से लड्डू का पैक खरीदा और एक लड्डू में इंसोमिया दवा मिला कर पहचान के लिए एक पेपर के ऊपर वापस लड्डू के डिब्बे में रख दिया. किसी को शक न हो इसलिए उसने राहगीरों को लड्डू बांटते हुए, रिक्शा चालक को भी लड्डू दिया, जिसमें उन्होंने दवा मिला रखी थी. इसके बाद उन्होंने उसका पीछा करना शुरू किया. इस दौरान जब रिक्शा चालक इंद्रलोक के जखीरा अंडरपास के पास पहुंचा तो वो पसीने से तर-बतर हो कर थकावट महसूस करने लगा. जिसके बाद गौरव स्कूटी से उतर गया, और मदद के बहाने उसके रिक्शे को धक्का देने लगा. जब रिक्शा चालक पूरी तरह से अचेत हो गया तो गौरव उसे एक शॉप के पास छोड़ कर रिक्शा चलाते हुए, अपने साथियों के साथ जो स्कूटी से रूप नगर की तरफ फरार हो गया. बाद में उन्होंने उन सामानों को सीलमपुर के राजू नाम के शख्स को 45 हजार में बेच दिया, और उन पैसों को उन्होंने दीवाली में मौज-मस्ती में उड़ा दिए. पुलिस ने रिसीवर की तलाश में उसके ठिकानों पर छापेमारियाँ की, लेकिन तब तक वो फरार हो चुका था.आरोपी इलाके में स्कूटी पर घूमते हुए, उन शिकार की तलाश करते थे, जो अकेले हों और उनके पास कोई कीमती सामान, बैग या पैकेट हो. फिर वे उसे अपने झांसे में लेकर दवा मिला लड्डू खिलाते थे और जब उनका शिकार बेहोश हो जाता था तो ये उसका सामान लेकर चंपत हो जाते थे. इस मामले में पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार कर आगे की जांच में जुट गई है.

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