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दिल्ली की आबोहवा बिगाड़ रही सेहत, एक्सपर्ट की मानें तो शरीर के लिए स्लो पोइज़न है प्रदूषण - Pollution is slow poison for body

दिल्ली का बढ़ता प्रदूषण लोगों को बीमार कर रहा है. दिल्ली की आबोहवा बदलने लगी है. एक्सपर्ट की मानें तो हवा में प्रदूषण का स्तर शरीर के लिए (Pollution is slow poison for body) स्लो पोइज़न के समान है. ऐसे में लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है और घर से बाहर कम से कम निकलना चाहिए.

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Published : Nov 1, 2022, 2:28 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली में प्रदूषण एक बार फिर सभी के लिए चिंता का विषय बन चुका है. लगातार बढ़ता प्रदूषण लोगों को बीमार कर रहा है. दिल्ली की आबोहवा बदलने लगी है. एक्सपर्ट की मानें तो हवा में प्रदूषण का स्तर शरीर के लिए (Pollution is slow poison for body) स्लो पोइज़न के समान है. अब एयर क्वालिटी इंडेक्स 400 के पार हो चुका है. डॉक्टर का कहना है कि सर्दी शुरू होने के साथ कई तरह के इंफेक्शन होने का खतरा रहता है. प्रदूषण का स्तर ऊपर पहुंचा है, ऐसे में लोगों को खांसी, नाक-गला बंद होना, गला दर्द, सांस लेने में दिक्कत, आंखों में जलन के अगर लक्षण आते हैं, तो आमतौर पर सुबह-शाम घर के अंदर रहने की कोशिश करें.

शालीमार बाग हॉस्पिटल में कार्डियोलॉजी सर्जरी हेड डॉक्टर दिनेश चंद्रा कहते हैं कि प्रदूषण बढ़ने लगा है तो इंफेक्शन भी बढ़ेगा. ओपीडी में कुछ दिनों में मरीजों की संख्या बढ़ गई है. सांस की दिक्कतें जिन मरीजों को पहले से है उनके लक्षण बढ़ने लगे हैं. इस वक्त दमा और क्रॉनिक इन्फ्लेमेटरी लंग डिजीज के मरीजों को सुबह शाम बाहर नहीं निकलना चाहिए. प्रदूषण से सीधे तौर पर फेफड़े और ह्रदय संबंधित रोग होते हैं. मरीज गर्म कपड़े जरूर पहने और शरीर में पानी की कमी ना होने दें. बचाव के लिए मास्क जरूर पहनें. पहले से बीमार लोग दवाएं वक्त पर लें. इन दिनों लगातार प्रदूषण बढ़ रहा है जिसको देखते हुए छोटे बच्चे और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि बच्चे और बुजुर्गों की इम्यूनिटी कम होती है और किसी भी तरीके के प्रदूषण से वह जल्दी ग्रसित हो सकते हैं. डॉक्टर दिनेश चंद्रा ने बताया कि डब्ल्यूएचओ के एक डांटा के मुताबिक भारत में हर दिन 5000 लोग प्रदूषण से ग्रसित बीमारियों के कारण अपनी जिंदगी गंवाते हैं, जोकि गंभीर बात है. ऐसे में सतर्क रहने की जरूरत है और लोगों को कम से कम घर से निकलना चाहिए, जिससे प्रदूषण से होने वाली बीमारियों से बचा जा सके.

दिल्ली का बढ़ता प्रदूषण

ये भी पढ़ें: प्रदूषण के खिलाफ पूर्वी दिल्ली नगर निगम सख्त, अब तक काटे 249 चालान

धर्मशिला नारायणा हॉस्पिटल दिल्ली के वरिष्ठ डॉक्टर अंशुमान कुमार कहते हैं कि जैसे-जैसे एयर क्वालिटी खराब हो रही है, इसका असर ना सिर्फ पहले से बीमार लोगों पर बल्कि सेहतमंद लोगों पर भी पड़ेगा. एयर क्वालिटी इंडेक्स 400 के पार हो चुका है जो कि गंभीर कैटेगरी में आता है. इस वक्त सुबह और शाम आउटडोर एक्टिविटी से बचना चाहिए. जैसे दौड़ना या तेज चलना या एक्सरसाइज, क्योंकि सांस ज्यादा लेना मतलब की खराब हवा शरीर के अंदर लेना. कई स्टडी में यह पाया गया है कि जो लोग लंबे समय या कुछ साल तक खराब हवा के बीच रहते हैं उन्हें हार्ट अटैक, कैंसर, स्ट्रोक होने का खतरा रहता है.

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नई दिल्ली: दिल्ली में प्रदूषण एक बार फिर सभी के लिए चिंता का विषय बन चुका है. लगातार बढ़ता प्रदूषण लोगों को बीमार कर रहा है. दिल्ली की आबोहवा बदलने लगी है. एक्सपर्ट की मानें तो हवा में प्रदूषण का स्तर शरीर के लिए (Pollution is slow poison for body) स्लो पोइज़न के समान है. अब एयर क्वालिटी इंडेक्स 400 के पार हो चुका है. डॉक्टर का कहना है कि सर्दी शुरू होने के साथ कई तरह के इंफेक्शन होने का खतरा रहता है. प्रदूषण का स्तर ऊपर पहुंचा है, ऐसे में लोगों को खांसी, नाक-गला बंद होना, गला दर्द, सांस लेने में दिक्कत, आंखों में जलन के अगर लक्षण आते हैं, तो आमतौर पर सुबह-शाम घर के अंदर रहने की कोशिश करें.

शालीमार बाग हॉस्पिटल में कार्डियोलॉजी सर्जरी हेड डॉक्टर दिनेश चंद्रा कहते हैं कि प्रदूषण बढ़ने लगा है तो इंफेक्शन भी बढ़ेगा. ओपीडी में कुछ दिनों में मरीजों की संख्या बढ़ गई है. सांस की दिक्कतें जिन मरीजों को पहले से है उनके लक्षण बढ़ने लगे हैं. इस वक्त दमा और क्रॉनिक इन्फ्लेमेटरी लंग डिजीज के मरीजों को सुबह शाम बाहर नहीं निकलना चाहिए. प्रदूषण से सीधे तौर पर फेफड़े और ह्रदय संबंधित रोग होते हैं. मरीज गर्म कपड़े जरूर पहने और शरीर में पानी की कमी ना होने दें. बचाव के लिए मास्क जरूर पहनें. पहले से बीमार लोग दवाएं वक्त पर लें. इन दिनों लगातार प्रदूषण बढ़ रहा है जिसको देखते हुए छोटे बच्चे और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि बच्चे और बुजुर्गों की इम्यूनिटी कम होती है और किसी भी तरीके के प्रदूषण से वह जल्दी ग्रसित हो सकते हैं. डॉक्टर दिनेश चंद्रा ने बताया कि डब्ल्यूएचओ के एक डांटा के मुताबिक भारत में हर दिन 5000 लोग प्रदूषण से ग्रसित बीमारियों के कारण अपनी जिंदगी गंवाते हैं, जोकि गंभीर बात है. ऐसे में सतर्क रहने की जरूरत है और लोगों को कम से कम घर से निकलना चाहिए, जिससे प्रदूषण से होने वाली बीमारियों से बचा जा सके.

दिल्ली का बढ़ता प्रदूषण

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धर्मशिला नारायणा हॉस्पिटल दिल्ली के वरिष्ठ डॉक्टर अंशुमान कुमार कहते हैं कि जैसे-जैसे एयर क्वालिटी खराब हो रही है, इसका असर ना सिर्फ पहले से बीमार लोगों पर बल्कि सेहतमंद लोगों पर भी पड़ेगा. एयर क्वालिटी इंडेक्स 400 के पार हो चुका है जो कि गंभीर कैटेगरी में आता है. इस वक्त सुबह और शाम आउटडोर एक्टिविटी से बचना चाहिए. जैसे दौड़ना या तेज चलना या एक्सरसाइज, क्योंकि सांस ज्यादा लेना मतलब की खराब हवा शरीर के अंदर लेना. कई स्टडी में यह पाया गया है कि जो लोग लंबे समय या कुछ साल तक खराब हवा के बीच रहते हैं उन्हें हार्ट अटैक, कैंसर, स्ट्रोक होने का खतरा रहता है.

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