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गौशाला संचालकों ने 'काउ हग डे' का किया समर्थन, जानें गाय को गले लगाने के क्या हैं फायदे

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Published : Feb 12, 2023, 1:55 PM IST

वैलेंटाइन डे प्यार का दिन होता है. यह दिन प्रेमियों के लिए काफी खास होता है. कपल्स इस दिन मिलकर एक-दूसरे के साथ वक्त बिताते हैं. भारतीय पशु कल्याण बोर्ड की सलाह का समर्थन करते हुए केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने लोगों से 14 फरवरी को 'काउ हग डे' के रूप में मनाने की अपील की है. उन्होंने कहा कि सभी को गाय से प्यार करना चाहिए.

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काउ हग डे
गौशाला संंचालक

नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भारतीय पशु कल्याण बोर्ड की सलाह का समर्थन करते हुए कहा कि 14 फरवरी को काउ हग डे मनाना चाहिए. उन्होंने कहा कि हम सभी को गाय से प्यार करना चाहिए और उसे गले लगाना चाहिए. इसको लेकर सोशल मीडिया पर तरह-तरह के मीम्स भी बनाए जा रहे हैं. वहीं, गौशाला संचालकों ने सहमति जताते हुए कहा कि वैदिक काल से भारत में गाय को माता का दर्जा प्राप्त है. सभी भारतवासियों को पश्चिमी सभ्यता की चकाचौंध से प्रेरित वैलेंटाइन डे न मना कर "काउ हग डे" मनाना चाहिए.

दिल्ली के ताजपुर और जांटी कला गांव में गौशाला संचालक मोनू कुमार ने बताया कि वह दो गौशाला चला रहे हैं. दोनों गौशाला में 100 से ज्यादा गाय है. गायों को हिंदू समाज में वैदिक काल से माता का दर्जा प्राप्त है. कहा जाता है कि गाय का जन्म नहीं हुआ है, बल्कि समुद्र मंथन के दौरान प्रकट हुई थी. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह की बात पर सहमती जताते हुए उन्होंने कहा कि गाय ऑक्सीजन देती है और कार्बन डाइऑक्साइड अब्जॉर्ब करती है. कोरोना काल में पैसे देकर भी लोगों को ऑक्सीजन का सिलेंडर नहीं मिल रहा था. वहीं गाय लोगों के लिए जीवनदायिनी बनकर ऑक्सीजन छोड़ रही थी. गायें, खासकर पालतू जानवरों के साथ रहने और उसके साथ खेलने से प्रेम की भावना बढ़ती है.

गायों से मिलने वाले स्वास्थ्य लाभ

विदेशों में लोग पैसे देकर गायों की सेवा करते हैं. अब भारत में भी लोग गायों की सेवा कर उनके साथ समय निकालकर गौशाला में खेलने के लिए आते हैं. इससे लोगों को घातक से घातक बीमारियों से निजात मिलती है. ब्लड कैंसर, हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक और एड्स जैसी बीमारियों से छुटकारा मिलता है. गाय के गोबर और गोमूत्र को एक साथ मिलाकर शरीर पर लगाने से चर्म रोगों से छुटकारा मिलता है.

ये भी पढ़ें : Valentine Day Special Gift : जानिए वैलेंटाइन डे पर लड़कों के लिए कौन सा गिफ्ट है ऑन डिमांड

वैलेंटाइन डे को कहें ना

गौशाला संचालक ने कहा कि आर्थिक रूप से समृद्ध दूसरे देशों में लोग अब गाय पालन को अहमियत दे रहे हैं. गायों को पालकर उनके साथ भावनात्मक रूप से जुड़े रहने से स्वास्थ्य ठीक रहता है. भारत के लोग अभी भी पश्चिमी सभ्यता के चकाचौंध भरे त्यौहारों के पीछे दौड़ रहे हैं. भारतवासियों को अब पश्चिमी सभ्यता के त्यौहारों को छोड़कर देश के त्यौहारों को मनाना चाहिए. खासकर वैलेंटाइन डे न मना कर अब से 'काऊ हग डे" मनाना चाहिए. इससे लोगों का जानवरों के प्रति प्रेम बढ़ेगा और घातक बीमारियों से निजात मिलेगी. उन्होंने कहा कि गिरिराज सिंह की इस अपील का कुछ लोग मजाक बना रहे हैं. राक्षस प्रवृत्ति के लोग रामायण काल से लेकर कलयुग तक सभी युगों में पैदा हुए हैं. उन्हें मजाक बनाने के अलावा दूसरा काम नजर नहीं आता है. एक्सपर्ट्स का भी मानना है कि गाय पर हाथ फेरने, गले लगाने और उनके साथ समय बिताने से बीमारियों से निजात मिलती है.

ये भी पढ़ें : Hug Day के दिन इन राशियों को मिलेगा फ्रेंड्स-स्वीटहार्ट से प्यार , जा सकते हैं किसी क्लब या लॉन्ग ड्राइव पर

गौशाला संंचालक

नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भारतीय पशु कल्याण बोर्ड की सलाह का समर्थन करते हुए कहा कि 14 फरवरी को काउ हग डे मनाना चाहिए. उन्होंने कहा कि हम सभी को गाय से प्यार करना चाहिए और उसे गले लगाना चाहिए. इसको लेकर सोशल मीडिया पर तरह-तरह के मीम्स भी बनाए जा रहे हैं. वहीं, गौशाला संचालकों ने सहमति जताते हुए कहा कि वैदिक काल से भारत में गाय को माता का दर्जा प्राप्त है. सभी भारतवासियों को पश्चिमी सभ्यता की चकाचौंध से प्रेरित वैलेंटाइन डे न मना कर "काउ हग डे" मनाना चाहिए.

दिल्ली के ताजपुर और जांटी कला गांव में गौशाला संचालक मोनू कुमार ने बताया कि वह दो गौशाला चला रहे हैं. दोनों गौशाला में 100 से ज्यादा गाय है. गायों को हिंदू समाज में वैदिक काल से माता का दर्जा प्राप्त है. कहा जाता है कि गाय का जन्म नहीं हुआ है, बल्कि समुद्र मंथन के दौरान प्रकट हुई थी. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह की बात पर सहमती जताते हुए उन्होंने कहा कि गाय ऑक्सीजन देती है और कार्बन डाइऑक्साइड अब्जॉर्ब करती है. कोरोना काल में पैसे देकर भी लोगों को ऑक्सीजन का सिलेंडर नहीं मिल रहा था. वहीं गाय लोगों के लिए जीवनदायिनी बनकर ऑक्सीजन छोड़ रही थी. गायें, खासकर पालतू जानवरों के साथ रहने और उसके साथ खेलने से प्रेम की भावना बढ़ती है.

गायों से मिलने वाले स्वास्थ्य लाभ

विदेशों में लोग पैसे देकर गायों की सेवा करते हैं. अब भारत में भी लोग गायों की सेवा कर उनके साथ समय निकालकर गौशाला में खेलने के लिए आते हैं. इससे लोगों को घातक से घातक बीमारियों से निजात मिलती है. ब्लड कैंसर, हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक और एड्स जैसी बीमारियों से छुटकारा मिलता है. गाय के गोबर और गोमूत्र को एक साथ मिलाकर शरीर पर लगाने से चर्म रोगों से छुटकारा मिलता है.

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वैलेंटाइन डे को कहें ना

गौशाला संचालक ने कहा कि आर्थिक रूप से समृद्ध दूसरे देशों में लोग अब गाय पालन को अहमियत दे रहे हैं. गायों को पालकर उनके साथ भावनात्मक रूप से जुड़े रहने से स्वास्थ्य ठीक रहता है. भारत के लोग अभी भी पश्चिमी सभ्यता के चकाचौंध भरे त्यौहारों के पीछे दौड़ रहे हैं. भारतवासियों को अब पश्चिमी सभ्यता के त्यौहारों को छोड़कर देश के त्यौहारों को मनाना चाहिए. खासकर वैलेंटाइन डे न मना कर अब से 'काऊ हग डे" मनाना चाहिए. इससे लोगों का जानवरों के प्रति प्रेम बढ़ेगा और घातक बीमारियों से निजात मिलेगी. उन्होंने कहा कि गिरिराज सिंह की इस अपील का कुछ लोग मजाक बना रहे हैं. राक्षस प्रवृत्ति के लोग रामायण काल से लेकर कलयुग तक सभी युगों में पैदा हुए हैं. उन्हें मजाक बनाने के अलावा दूसरा काम नजर नहीं आता है. एक्सपर्ट्स का भी मानना है कि गाय पर हाथ फेरने, गले लगाने और उनके साथ समय बिताने से बीमारियों से निजात मिलती है.

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