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नवरात्रों में मूर्ति बनाने वालों पर भी दिखा कोरोना का असर, नहीं मिल रहा काम - नवरात्र पर्व पर कोरोना संक्रमण

नवरात्र पर्व पर कोरोना संक्रमण के कारण माता की मूर्तियां बनाकर बेचने वाले लोग भी परेशान हैं. 13 अप्रैल से नवरात्र पर्व की शुरुआत हो गई है. इसी कड़ी में ईटीवी भारत की टीम नेमजलिस पार्क मेट्रो स्टेशन के पास में मूर्तियां बनाने वाले मूर्तिकार से बात की.

Corona also has influence on idol makers in north delhi
मूर्ति बनाने वालों पर भी दिखा कोरोना का असर
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Published : Apr 15, 2021, 3:03 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में लगातार बढ़ते हुए कोरोना मरीजों को ध्यान में रखकर नाइट कर्फ्यू लगाया गया है. लॉकडाउन की संभावनाओं को देखते हुए नवरात्रों पर मूर्तियां बनाने वालों का काम भी बिल्कुल मंदा रहा. उत्तरी पश्चिमी दिल्ली के मजलिस पार्क मेट्रो स्टेशन के पास में मूर्तियां बनाकर बेचने वाले शख्स ने बताया कि पिछले नवरात्र में कोरोना काल के दौरान उनका काम बंद रहा था और इस बार भी बिल्कुल कम है.

मूर्ति बनाने वालों पर भी दिखा कोरोना का असर

कोरोना संकट से पहले वे खूब मूर्तियां बनाते थे और बिकती थी. अभी तो वह सिर्फ किसी आर्डर पर ही बनाते हैं और काम बिल्कुल कम हो गया है और गुजारा करना भी मुश्किल हो गया. इन लोगों ने बताया कि यह उनका पुश्तैनी काम है.

कारीगरों पर मंडराया आर्थिक संकट

मूर्तिकार ने बताया कि वह पूर्वजों के काल से इसी तरह से पीढ़ी दर पीढ़ी मूर्तियां बनाते आ रहे हैं. नवरात्रों में माता की मूर्तियों की काफी मांग होती थी, लेकिन इस बार कोई काम नहीं है. क्योंकि नाइट में कर्फ्यू है लोग पंडाल लगाकर किस तरह माता की पूजा कर पाएंगे.

ये भी पढ़ें:-सरस्वती पूजा को लेकर तैयारियां शुरू, लेकिन मूर्तिकार परेशान

साथ ही सामूहिक आयोजन में भी 50 से ज्यादा लोग इकट्ठा नहीं हो सकते, इसलिए लोग सामूहिक आयोजन के लिए माता की मूर्तियां नहीं खरीद रहे हैं. कोरोना संक्रमण से पहले माता के जागरण चलते रहते थे. गलियों में जगह-जगह पर माता की चौकीयां लगती थी और वहां पर माता की मूर्तियों को सजाया जाता था. लेकिन ऐसा इस बार कोरोना संकट के कारण नहीं हो रहा है. इस कारण मूर्तिकार भी बेहद परेशान हैं.

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में लगातार बढ़ते हुए कोरोना मरीजों को ध्यान में रखकर नाइट कर्फ्यू लगाया गया है. लॉकडाउन की संभावनाओं को देखते हुए नवरात्रों पर मूर्तियां बनाने वालों का काम भी बिल्कुल मंदा रहा. उत्तरी पश्चिमी दिल्ली के मजलिस पार्क मेट्रो स्टेशन के पास में मूर्तियां बनाकर बेचने वाले शख्स ने बताया कि पिछले नवरात्र में कोरोना काल के दौरान उनका काम बंद रहा था और इस बार भी बिल्कुल कम है.

मूर्ति बनाने वालों पर भी दिखा कोरोना का असर

कोरोना संकट से पहले वे खूब मूर्तियां बनाते थे और बिकती थी. अभी तो वह सिर्फ किसी आर्डर पर ही बनाते हैं और काम बिल्कुल कम हो गया है और गुजारा करना भी मुश्किल हो गया. इन लोगों ने बताया कि यह उनका पुश्तैनी काम है.

कारीगरों पर मंडराया आर्थिक संकट

मूर्तिकार ने बताया कि वह पूर्वजों के काल से इसी तरह से पीढ़ी दर पीढ़ी मूर्तियां बनाते आ रहे हैं. नवरात्रों में माता की मूर्तियों की काफी मांग होती थी, लेकिन इस बार कोई काम नहीं है. क्योंकि नाइट में कर्फ्यू है लोग पंडाल लगाकर किस तरह माता की पूजा कर पाएंगे.

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साथ ही सामूहिक आयोजन में भी 50 से ज्यादा लोग इकट्ठा नहीं हो सकते, इसलिए लोग सामूहिक आयोजन के लिए माता की मूर्तियां नहीं खरीद रहे हैं. कोरोना संक्रमण से पहले माता के जागरण चलते रहते थे. गलियों में जगह-जगह पर माता की चौकीयां लगती थी और वहां पर माता की मूर्तियों को सजाया जाता था. लेकिन ऐसा इस बार कोरोना संकट के कारण नहीं हो रहा है. इस कारण मूर्तिकार भी बेहद परेशान हैं.

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