नई दिल्ली: पूरे देश समेत राजधानी दिल्ली में 2 साल के लंबे समय के बाद वैश्विक महामारी कोरोना के मामलों में कमी आई है, जिससे इस साल बाजार में ग्राहकों की अधिक चहल पहल भी देखने को मिल रही है. यह देशभर के व्यापारियों के लिए व्यापार का बड़ा अवसर भी लेकर आ रहा है. इसी को देखते हुए देश के सबसे बड़े व्यापारी संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (confederation of all india traders) ने दिवाली पर करीब 2.5 लाख करोड़ रुपए के व्यापार होने का अनुमान लगाया है.
ऐसा इसलिए भी है क्योंकि 2 साल बाद दिवाली बिना किसी कोविड प्रतिबंध के मनाई जाएगी, जिससे लोग खुलकर बाजार में खरीदारी करने के लिए निकल रहे हैं. वहीं इस बार त्योहार पर उपभोक्ताओं द्वारा भारतीय उत्पादों की खरीद पर जोर है. इससे चीन को लगभग 60 हजार करोड़ रुपए का झटका लगा है. दुकानदारों ने बताया कि ग्राहक अब चाइनीय उत्पादों के बजाए भारतीय उत्पादों की मांग कर रहे हैं, जिससे भारतीय कारोबारियों को काफी फायदा हो रहा है.
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल कहा कि 8 अक्टूबर को केंद्र सरकार द्वारा डीए में 4% की बढ़ोतरी और 12 अक्टूबर को वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए अराजपत्रित रेल कर्मचारियों को 78 दिनों के वेतन के बराबर उत्पादकता-लिंक्ड बोनस (पीएलबी) देने की सरकार की घोषणा से बाजार में नकद प्रवाह को गति मिलेगी.
कैट की रिसर्च शाखा, कैट रिसर्च एंड ट्रेड डेवलपमेंट सोसाइटी ने विभिन्न राज्यों के 25 शहरों में एक सर्वेक्षण का दूसरा दौर पूरा किया. सर्वेक्षण में बाजारों में उपभोक्ताओं की प्रवृत्ति और सामान खरीदने में उनकी पसंद मुख्य बिंदु थे. इसी सर्वेक्षण में भारतीय उत्पादों की मांग में बढ़त की बात सामने आई.
प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकल फॉर वोकल एवं आत्मनिर्भर भारत के मिशन को आगे बढ़ाते हुए कैट ने देश के व्यापारियों के साथ मिलकर इस दिवाली को 'अपनी दिवाली, भारतीय दिवाली' के रूप में मनाने का आह्वान किया है. इससे भारत में निर्मित उत्पादों जैसे घर की सजावट के सामान, मिट्टी के दीये, देवी-देवताओं की मूर्ती, दीवार पर लटकाए जाने वाले हस्तशिल्प के सामान आदी स्थानीय कारीगरों और शिल्पकारों को बड़ा व्यापार देंगे.
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इसके अतिरिक्त एफएमसीजी सामान, उपभोक्ता वस्तुएं, खिलौने, इलेक्ट्रॉनिक्स, बिजली उपकरण, रसोई के सामान, उपहार की वस्तुएं, व्यक्तिगत उपभोग्य वस्तुएं, मिष्ठान-नमकीन, होम फर्निशिंग, कपड़ा, रेडिमेड कपड़े, फैशन परिधान, कपड़ा, टेपेस्ट्री, बर्तन, बिल्डर्स हार्डवेयर, जूते, घड़ियां, फर्नीचर और फिक्स वस्त्र, सौंदर्य प्रसाधन, मोबाइल एवं एक्सेसरीज, लकड़ी और प्लाईवुड, पेंट और कांच, दूध, डेयरी उत्पाद, किराना, खाद्यान्न, खाद्य तेल, दालें, साइकिल और उसके सामान, दीवार घड़ियां, गोटा-जरी, साड़ी और ड्रेस मटेरियल आदि क्षेत्रों में बड़ा व्यापार होने की संभावना है.