नई दिल्ली: विधानसभा चुनाव से ठीक पहले रेहड़ी पटरी वालों का मुद्दा दिल्ली में फिर से सियासी रूप लेता जा रहा है. इस मुद्दे पर दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष देवेंद्र यादव आज CM अरविंद केजरीवाल से मिलने उनके घर पहुंचे थे. मुख्यमंत्री तो नहीं मिले, उनके कार्यालय में देवेंद्र यादव मेमोरेंडम सौंपकर लौट आए.
CM केजरीवाल को सौंपा मेमोरेंडम
देवेंद्र यादव आज रेहड़ी पटरी से जुड़े लोगों और कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के साथ अरविंद केजरीवाल से मिलने उनके घर पहुंचे थे. इनके यहां पहुंचने से पहले ही पुलिस ने बैरिकेडिंग कर रखी थी, जिससे ये लोग अरविंद केजरीवाल के घर तक नहीं जा सके फिर इनमें से देवेंद्र यादव सहित 5 प्रतिनिधिमंडल अरविंद केजरीवाल के आवास स्थित कार्यालय पहुंचा और वहां इस संबंध में मेमोरेंडम दिया.
इस मेमोरेंडम के अनुसार देवेंद्र यादव का कहना है कि कांग्रेस पार्टी ने आबादी के हिसाब से ढाई प्रतिशत लोगों को रेहड़ी पटरी लगाने का अधिकार देने वाला अधिनियम पास किया था. उसके बाद टाउन वेंडिंग कमेटी का गठन भी हुआ, लेकिन आम आदमी पार्टी की सरकार ने इस योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया.
मामले को अदालत लेकर जाएगी कांग्रेस
मीडिया से बातचीत में देवेंद्र यादव ने कहा कि कांग्रेस पार्टी जब इस मामले को अदालत तक ले कर गई, तब अदालत के आदेशों के पश्चात केजरीवाल सरकार ने टाउन वेंडिंग कमेटी के चुनाव कराए, लेकिन चुनाव के 2 महीने बीत चुके हैं और अब तक इसे लेकर सरकार की तरफ से अधिसूचना जारी नहीं की गई है. आज इस मुद्दे पर अरविंद केजरीवाल के न मिलने को लेकर भी उन्होंने उनपर निशाना साधा. बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिल्ली के फुटपाथ से रेहड़ी पटरी वालों का अतिक्रमण हटाने के देश का जिक्र करते हुए भी देवेंद्र यादव ने कहा कि उसके बाद अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वे इस मामले को फिर से जरूरत पड़ी तो अदालत लेकर जाएंगे. उन्होंने कहा कि अगर दिल्ली सरकार अगले हफ्ते तक इसे लेकर अधिसूचना जारी नहीं करती है, तो हम लोग आगामी 15 सितंबर को जंतर मंतर पर एक बड़ा प्रदर्शन करेंगे.
रेहड़ी पटरी वालों ने की थी केजरीवाल से मुलाकात
गौरतलब है कि टाउन वेंडिंग कमिटी दिल्ली में रेहड़ी पटरी वालों को व्यवस्थित करने का काम करती है. यह मुद्दा भी गर्म था ही कि सुप्रीम कोर्ट ने फुटपाथ पर लगे रेहड़ी पटरी वालों के अतिक्रमण को हटाने का आदेश जारी कर दिया. इसे लेकर कुछ रेहड़ी पटरी वालों ने अरविंद केजरीवाल से भी मुलाकात की थी और उन्होंने आश्वासन दिया था कि जरूरत पड़ी तो इस मामले को फिर से कोर्ट लेकर जाएंगे. लेकिन अब कांग्रेस पार्टी भी इसमें कूद गई है. देखना होगा कि आगामी एक हफ्ते के भीतर दिल्ली सरकार की तरफ से इसे लेकर अधिसूचना जारी होती है, या फिर 15 सितंबर को कांग्रेस इसे लेकर राजघाट पहुंच जाती है.