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गणतंत्र दिवस: 'ब्राजील के राष्ट्रपति को ना बनाए मुख्य अतिथि', AISA कार्यकर्ताओं का विरोध - President Of Brazil

शनिवार को दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) में आइसा के कार्यकर्ताओं ने गणतंत्र दिवस पर ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर मेसियास बोलसोनारो को मुख्य अतिथि बनाए जाने पर विरोध-प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि जेयर की नीति और सोच कट्टरता और महिलाओं से भेदभाव पर आधारित है.

AISA workers demanded not to make bolsonaro chief guest
जेयर बोलसोनारो के खिलाफ आइसा का प्रदर्शन
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Published : Jan 25, 2020, 6:13 PM IST

नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस के मौके पर ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर मेसियास बोलसोनारो को मुख्य अतिथि बनाए जाने को लेकर विवाद शुरू हो गया है. इसी कड़ी में दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) के आर्ट्स फैकल्टी पर ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन (आइसा) के कार्यकर्ताओं ने शनिवार को विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

जेयर बोलसोनारो के खिलाफ आइसा का प्रदर्शन

महिलाओं का नहीं करते सम्मान
वहीं एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ऐसे शख्स को गणतंत्र दिवस के मौके पर मुख्य अतिथि बनाया है जिसकी नीति और सोच कट्टरता और महिलाओं से भेदभाव पर आधारित है. ऐसे व्यक्ति को मुख्य अतिथि बनाना बिल्कुल ही गलत है. प्रदर्शनकारी ने कहा कि अमेजॉन के जंगलों में लगी आग के प्रति जिस तरह से उन्होंने रवैया अपनाया है, वे उनकी उदासीनता को दर्शाता है.

समाज और महिला विरोधी है नीति
वहीं एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा कि महिलाओं के प्रति उनकी सोच काफी गंदी है और महिलाओं को गंदी नजर से देखते हैं. उन्होंने कहा कि अमेजॉन के जंगलों में आग लगी हुई है और उसने आज नजरअंदाज किया जा रहा है, अगर यही रवैया जारी रहा तो आने वाले दिनों में जंगल पूरी तरह से खत्म हो जाएगा. जो कि पृथ्वी के लिए काफी विनाशकारी होगा क्योंकि ऐसे में सांस लेना भी लोगों के लिए दूभर हो जाएगा. वहीं प्रदर्शनकारी ने कहा कि उन्हें मुख्य अतिथि बनाए जाने की बजाए किसी और को मुख्य अतिथि बनाए गया होता तो बेहतर रहता.

नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस के मौके पर ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर मेसियास बोलसोनारो को मुख्य अतिथि बनाए जाने को लेकर विवाद शुरू हो गया है. इसी कड़ी में दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) के आर्ट्स फैकल्टी पर ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन (आइसा) के कार्यकर्ताओं ने शनिवार को विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

जेयर बोलसोनारो के खिलाफ आइसा का प्रदर्शन

महिलाओं का नहीं करते सम्मान
वहीं एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ऐसे शख्स को गणतंत्र दिवस के मौके पर मुख्य अतिथि बनाया है जिसकी नीति और सोच कट्टरता और महिलाओं से भेदभाव पर आधारित है. ऐसे व्यक्ति को मुख्य अतिथि बनाना बिल्कुल ही गलत है. प्रदर्शनकारी ने कहा कि अमेजॉन के जंगलों में लगी आग के प्रति जिस तरह से उन्होंने रवैया अपनाया है, वे उनकी उदासीनता को दर्शाता है.

समाज और महिला विरोधी है नीति
वहीं एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा कि महिलाओं के प्रति उनकी सोच काफी गंदी है और महिलाओं को गंदी नजर से देखते हैं. उन्होंने कहा कि अमेजॉन के जंगलों में आग लगी हुई है और उसने आज नजरअंदाज किया जा रहा है, अगर यही रवैया जारी रहा तो आने वाले दिनों में जंगल पूरी तरह से खत्म हो जाएगा. जो कि पृथ्वी के लिए काफी विनाशकारी होगा क्योंकि ऐसे में सांस लेना भी लोगों के लिए दूभर हो जाएगा. वहीं प्रदर्शनकारी ने कहा कि उन्हें मुख्य अतिथि बनाए जाने की बजाए किसी और को मुख्य अतिथि बनाए गया होता तो बेहतर रहता.

Intro:नई दिल्ली ।

गणतंत्र दिवस के मौके पर ब्राजील के राष्ट्रपति जेएम बोलसोनारो को मुख्य अतिथि बनाए जाने को लेकर विवाद शुरू हो गया है. इसी कड़ी में दिल्ली विश्वविद्यालय के आर्ट्स फैकल्टी पर ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन के कार्यकर्ताओं ने शनिवार को विरोध प्रदर्शन किया इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्राजील के राष्ट्रपति जेएम बोलसोनारो के खिलाफ नारेबाजी की.


Body:महिलाओं का नहीं करते सम्मान

वहीं एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ऐसे शख्स को गणतंत्र दिवस के मौके पर मुख्य अतिथि बनाया है जिसकी नीति और सोच कट्टरता और महिलाओं से भेदभाव पर आधारित है ऐसे व्यक्ति को मुख्य अतिथि बनाना बिल्कुल ही गलत है. प्रदर्शनकारी ने कहा कि अमेजॉन के जंगलों में लगी आग के प्रति जिस तरह से उन्होंने रवैया अपनाया है वह उनकी उदासीनता को दर्शाता है.


Conclusion:समाज और महिला विरोधी है नीति

वहीं एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा कि महिलाओं के प्रति उनकी सोच काफी गंदी है और महिलाओं को गंदी नज़र से देखते हैं. उन्होंने कहा कि अमेजॉन के जंगलों में आग लगी हुई है. और उसे आज इतनी तेज रफ्तार से काटा जा रहा है अगर यही रफ्तार जारी रही तो आने वाले दिनों में जंगल पूरी तरह से खत्म हो जाएगा जो कि पृथ्वी के लिए काफी विनाशकारी होगा क्योंकि ऐसे में सांस लेना भी लोगों के लिए दूभर हो जाएगा. वहीं प्रदर्शनकारी ने कहा कि उन्हें मुख्य अतिथि बनाए जाने की बजाए किसी और को मुख्य अतिथि बनाए गया होता तो बेहतर रहता.
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