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हथिनीकुंड बैराज पर पानी की कमी, यमुना से लगते इलाकों में बढ़ सकता है जल संकट - Water crisis due to hathnikund barrage

हथिनी कुंड बैराज पर यमुना के पानी की लगातार कमी हो रही है. इसके चलते आने वाले दिनों में हरियाणा और यमुना से लगते इलाकों में सिंचाई और पीने के पानी के लिए दिक्कतें पैदा हो सकती हैं. पानी की कमी के चलते उत्तर प्रदेश की सप्लाई फिलहाल रोक दी गई है.

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हथिनीकुंड बैराज पर पानी की कमी, यमुना से लगते इलाकों में बढ़ सकता है जल संकट
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Published : Feb 3, 2021, 5:58 PM IST

नई दिल्ली/यमुनानगर: हथिनी कुंड बैराज से 5 राज्यों को पानी की सप्लाई होती है. इसमें दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश शामिल हैं. इस समय यमुना में हथिनी कुंड बैराज पर मात्र 1502 क्यूसेक पानी बह रहा है, जिसमें से 1150 क्यूसेक पानी हरियाणा में सप्लाई किया जा रहा है. जबकि 761 क्यूसेक पानी दिल्ली में सप्लाई किया जा रहा है. वहीं सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक, 352 क्यूसेक पानी यमुना में पशु पक्षियों के लिए छोड़ा जाता है.

हथिनी कुंड बैराज के अधिकारी शेर सिंह ने बताया कि दिसंबर से मार्च तक पानी की लगभग ऐसी ही स्थिति रहती है. लेकिन इस वर्ष यमुना के कैचमेंट एरिया में बारिश कम होने के चलते स्थिति पहले से बहुत खराब है. उन्होंने बताया कि 2015 में भी इसी तरह की स्थिति देखने को मिली थी. जब यमुना के कैचमेंट एरिया में बारिश कम हुई थी.

ये भी पढ़ें: यमुनानगर: छठी से आठवीं क्लास तक के खुले स्कूल, 30 से 35 फीसदी आ रहे

उन्होंने बताया कि यमुना के कैचमेंट एरिया में बारिश कम होने का खामियाजा दिल्ली-हरियाणा सहित अन्य राज्य को भुगतना पड़ता है. इस बार भी ऐसे ही हालात बनने जा रहे हैं. पानी की कमी के चलते दिल्ली और हरियाणा के कई इलाकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. हरियाणा के कई इलाकों की फसलें इसी यमुना के पानी से सिंचित होती हैं. इसके अलावा यमुना के साथ लगते इलाकों में भी परेशानियां हो सकती हैं.

नई दिल्ली/यमुनानगर: हथिनी कुंड बैराज से 5 राज्यों को पानी की सप्लाई होती है. इसमें दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश शामिल हैं. इस समय यमुना में हथिनी कुंड बैराज पर मात्र 1502 क्यूसेक पानी बह रहा है, जिसमें से 1150 क्यूसेक पानी हरियाणा में सप्लाई किया जा रहा है. जबकि 761 क्यूसेक पानी दिल्ली में सप्लाई किया जा रहा है. वहीं सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक, 352 क्यूसेक पानी यमुना में पशु पक्षियों के लिए छोड़ा जाता है.

हथिनी कुंड बैराज के अधिकारी शेर सिंह ने बताया कि दिसंबर से मार्च तक पानी की लगभग ऐसी ही स्थिति रहती है. लेकिन इस वर्ष यमुना के कैचमेंट एरिया में बारिश कम होने के चलते स्थिति पहले से बहुत खराब है. उन्होंने बताया कि 2015 में भी इसी तरह की स्थिति देखने को मिली थी. जब यमुना के कैचमेंट एरिया में बारिश कम हुई थी.

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उन्होंने बताया कि यमुना के कैचमेंट एरिया में बारिश कम होने का खामियाजा दिल्ली-हरियाणा सहित अन्य राज्य को भुगतना पड़ता है. इस बार भी ऐसे ही हालात बनने जा रहे हैं. पानी की कमी के चलते दिल्ली और हरियाणा के कई इलाकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. हरियाणा के कई इलाकों की फसलें इसी यमुना के पानी से सिंचित होती हैं. इसके अलावा यमुना के साथ लगते इलाकों में भी परेशानियां हो सकती हैं.

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