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World Mosquito Day: मच्छर का छोटा डंक बन सकता है खतरा, जानिए बचने के उपाय - ईटीवी भारत लाइव

विश्व मच्छर दिवस पर WHO ने जीरो मलेरिया डे बनाया और साथ ही उन्होंने मच्छरों से होने वाली बीमारियों को लेकर भी लोगों को जागरूक किया है.

विश्व मच्छर दिवस, etv bharat
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Published : Aug 20, 2019, 9:32 PM IST

नई दिल्ली: पूरी दुनिया में 20 अगस्त को विश्व मच्छर दिवस मनाया जाता है और मच्छरों के कारण होने वाली बीमारियों से लोगों को जागरूक किया जाता है. इसी कड़ी में मलेरिया को देखते हुए इस साल डब्ल्यूएचओ ने जीरो मलेरिया डे बनाया है.

20 अगस्त को मनाया जाता है विश्व मच्छर दिवस

भारत में मलेरिया से लड़ने के लिए क्या है इंतजाम और क्या है इसकी जरूरत. इसको लेकर ईटीवी भारत की टीम ने राम मनोहर लोहिया के डॉक्टर बृजेश कुमार से बातचीत की.

मलेरिया पर काबू न पाने की वजह?
डॉक्टर बृजेश कुमार ने बताया कि भारत में मलेरिया पर काबू न पाने का एकमात्र कारण लोगों के बीच जागरूकता का न होना और साथ ही संबंधित अथॉरिटी की ओर से साफ सफाई ना करना है.

उन्होंने बताया कि आज मलेरिया का उपचार करना बेहद आसान है. लेकिन कई लोग इसकी चपेट में सिर्फ और सिर्फ इस वजह से आते हैं कि उन्हें इसके उपचार की कोई जानकारी नहीं होती. वे समय रहते डॉक्टर के पास नहीं जाते. इसके बाद स्थिति ज्यादा बिगड़ जाती है और वह जानलेवा भी साबित होती है. इसलिए जरूरी है कि समय रहते डॉक्टर को जरूर दिखाएं.

मच्छर काटने से क्या होती है बीमारी
डॉक्टर ने बताया कि गंदगी और रुके हुए पानी में पनपने वाले मच्छर कई प्रकार के होते हैं. उन्होंने बताया कि मच्छर काटने से मलेरिया, डेंगू, येलो फीवर (अफ्रीकन देशों में पाया जाता है), जीका फीवर, चिकिनगुनिया, वेस्ट नाइल वाइरस शामिल हैं. उन्होंने बताया भारत में अभी सिर्फ चिकिनगुनिया, डेंगू और मलेरिया का प्रकोप है. इससे निपटने के लिए हम सक्षम हैं बस जरूरत है जागरूकता की.

मलेरिया से कैसे बचें
डॉक्टर ने बताया कि मलेरिया जैसी बीमारी से बचने के लिए सबसे आसान तरीका यह है कि आप अपने आसपास गंदगी पनपते हुए दिखे तो उस पानी को जल्द से जल्द साफ कर दें और संबंधित अथॉरिटी को भी इसकी सूचना दें. जिससे कि मलेरिया का लार्वा न पनप पाए. साथ ही इसका असर बरसात के दिनों में ज्यादा होता है. यहां गौर करने वाली बात ये है कि 20 अगस्त को 1897 में इसका पहला वाइरस पाया गया था.

नई दिल्ली: पूरी दुनिया में 20 अगस्त को विश्व मच्छर दिवस मनाया जाता है और मच्छरों के कारण होने वाली बीमारियों से लोगों को जागरूक किया जाता है. इसी कड़ी में मलेरिया को देखते हुए इस साल डब्ल्यूएचओ ने जीरो मलेरिया डे बनाया है.

20 अगस्त को मनाया जाता है विश्व मच्छर दिवस

भारत में मलेरिया से लड़ने के लिए क्या है इंतजाम और क्या है इसकी जरूरत. इसको लेकर ईटीवी भारत की टीम ने राम मनोहर लोहिया के डॉक्टर बृजेश कुमार से बातचीत की.

मलेरिया पर काबू न पाने की वजह?
डॉक्टर बृजेश कुमार ने बताया कि भारत में मलेरिया पर काबू न पाने का एकमात्र कारण लोगों के बीच जागरूकता का न होना और साथ ही संबंधित अथॉरिटी की ओर से साफ सफाई ना करना है.

उन्होंने बताया कि आज मलेरिया का उपचार करना बेहद आसान है. लेकिन कई लोग इसकी चपेट में सिर्फ और सिर्फ इस वजह से आते हैं कि उन्हें इसके उपचार की कोई जानकारी नहीं होती. वे समय रहते डॉक्टर के पास नहीं जाते. इसके बाद स्थिति ज्यादा बिगड़ जाती है और वह जानलेवा भी साबित होती है. इसलिए जरूरी है कि समय रहते डॉक्टर को जरूर दिखाएं.

मच्छर काटने से क्या होती है बीमारी
डॉक्टर ने बताया कि गंदगी और रुके हुए पानी में पनपने वाले मच्छर कई प्रकार के होते हैं. उन्होंने बताया कि मच्छर काटने से मलेरिया, डेंगू, येलो फीवर (अफ्रीकन देशों में पाया जाता है), जीका फीवर, चिकिनगुनिया, वेस्ट नाइल वाइरस शामिल हैं. उन्होंने बताया भारत में अभी सिर्फ चिकिनगुनिया, डेंगू और मलेरिया का प्रकोप है. इससे निपटने के लिए हम सक्षम हैं बस जरूरत है जागरूकता की.

मलेरिया से कैसे बचें
डॉक्टर ने बताया कि मलेरिया जैसी बीमारी से बचने के लिए सबसे आसान तरीका यह है कि आप अपने आसपास गंदगी पनपते हुए दिखे तो उस पानी को जल्द से जल्द साफ कर दें और संबंधित अथॉरिटी को भी इसकी सूचना दें. जिससे कि मलेरिया का लार्वा न पनप पाए. साथ ही इसका असर बरसात के दिनों में ज्यादा होता है. यहां गौर करने वाली बात ये है कि 20 अगस्त को 1897 में इसका पहला वाइरस पाया गया था.

Intro:वर्ल्ड मलेरिया दिवस: अस्पतालों में मेलरिया को लेकर बढ़ानी चाहिए स्वास्थ्य सुविधाएं, जगरूकता की भी है कमी

नई दिल्ली: मलेरिया को देखते हुए इस वर्ष डब्ल्यूएचओ ने जीरो मलेरिया डे बनाया है.भारत मे आखिर क्या है, मलेरिया से लड़ने के इंतजाम और क्या है जरूरत है.इसको लेकर ईटीवी भारत ने राम मनोहर लोहिया के डॉक्टर बृजेश कुमार से बातचीत की.उन्होंने खुलकर मलेरिया के फैलने की वजह और किन कमियों को सुधारने की जरूरत है,इसके बारे में बताया.


Body:आखिर क्या है मलेरिया पर काबू न पाने की वजह
डॉक्टर बृजेश ने बताया कि भारत में मलेरिया पर काबू न पाने का एकमात्र कारण है इसमें लोगों के बीच जागरूकता ना होना. साथ ही संबंधित अथॉरिटी की ओर से साफ सफाई ना करना. उन्होंने बताया कि आज मलेरिया का उपचार करना बेहद आसान है. लेकिन कई लोग इसकी चपेट में सिर्फ और सिर्फ इस वजह से आते हैं कि उन्हें इसके उपचार की कोई जानकारी नहीं होती. वे समय रहते डॉक्टर के पास नहीं जाते.इसके बाद स्थिति ज्यादा बिगड़ जाती है और वह जानलेवा भी साबित होती है. इसलिए जरूरी है कि समय रहते डॉक्टर को जरूर दिखाएं.

मच्छर काटने से क्या होती हैं बीमारी
डॉक्टर ने बताया कि गंदगी और रुके हुए पानी में पनपने वाले मच्छर कई प्रकार के होते हैं. ऐसे में कई बीमारियां इससे होती है उन्होंने बताया कि मच्छर काटने से मलेरिया, डेंगू, येलो फीवर (अफ्रीकन देशों में पाया जाता है), जीका फीवर, चिकिनगुनिया, वेस्ट नाइल वाइरस शामिल हैं. उन्होंने बताया भारत मे अभी सिर्फ चिकिनगुनिया, डेंगू और मलेरिया का प्रकोप है.इससे निपटने के लिए हम सक्षम हैं. जरूरत है तो जागरूकता की.

कैसे बचें मलेरिया से
डॉक्टर ने बताया कि मलेरिया जैसी बीमारी से बचने के लिए सबसे आसान तरीका यह है कि आप अपने आसपास गंदगी पनपते हुए देख रहे हैं तो रुके हुए पानी को जल्द से जल्द साफ करें और संबंधित अथॉरिटी को भी इसकी सूचना दें. जिससे कि मलेरिया का लार्वा न पनप पाए. उन्होंने बताया कि बरसात के दिनो में असर ज्यादा होता है और 20 अगस्त को 1897 में इसका पहला वाइरस पाया गया था.

बढ़ने चाहिए इंफ्रास्ट्रक्चर
डॉक्टर ने बताया कि जिस तरीके से बारिश के दिनों में मलेरिया के मरीजों की संख्या बढ़ जाती है. उसके हिसाब से सभी अस्पतालों में अलग से वार्ड बनाया जाता है. लेकिन आज भी ऐसी स्थिति है कि कई जगह पर इसके लिए उचित इंतजाम नहीं किए गए हैं.इसलिए जरूरी है कि सरकार और अस्पताल प्रशासन को इसके लिए कदम उठाने होंगे.जिससे ऐसी बीमारियों से बचा जा सके


Conclusion:वर्ल्ड मलेरिया डे के मौके पर डॉक्टर का यही कहना है कि हमें इस बीमारी से बचने के लिए खुद जागरूक होने की जरूरत है. आसपास फैली गंदगी को निपटाना ही इस बीमारी से बचना है.
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