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विश्व स्वास्थ्य दिवस: डब्ल्यूएचओ के स्वास्थ्य सेवा मानकों से काफी दूर है राजधानी दिल्ली, एक हजार लोगों पर महज 3 बेड

इंडियन मेडिकल कांग्रेस के अध्यक्ष डॉ. प्रेम अग्रवाल ने बताया कि दिल्ली में प्रति हजार व्यक्तियों पर करीब 2.89 बेड हैं. जबकि डब्ल्यूएचओ का मानक प्रति हजार लोगों पर पांच बेड का है. मतलब एक हजार लोगों पर तीन बेड का आंकड़ा भी दिल्ली पूरा नहीं करती.

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Published : Apr 7, 2023, 6:04 PM IST

नई दिल्ली: विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) शुक्रवार को अपनी स्थापना का 75वां साल माना रहा है. इस बार की थीम है 'हेल्थ फॉर ऑल'. सात अप्रैल पूरी दुनिया में विश्व स्वास्थ्य दिवस के रूप में मनाया जाता है. इसके मद्देनजर राजधानी दिल्ली में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए), दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन(डीएमए), इंडियन मेडिकल कांग्रेस (आईएमसी) आदि जैसे प्रमुख डॉक्टर संगठनों द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. इसके तहत डॉक्टरों की समस्याओं, उनके साथ होने वाली हिंसा, उनकी सुरक्षा के लिए सरकार से अलग से बिल लाने की की मांग के साथ ही दिल्ली की स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति पर भी चर्चा होगी.

अगर दिल्ली की स्वास्थ्य सेवाओं की बात करें तो राजधानी दिल्ली भी विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की स्वास्थ सुविधाओं के मानकों से कोसों दूर है. इंडियन मेडिकल कांग्रेस के अध्यक्ष डा. प्रेम अग्रवाल ने बताया कि दिल्ली में प्रति हजार व्यक्तियों पर करीब 2.89 बेड हैं, जबकि डब्ल्यूएचओ का मानक प्रति हजार लोगों पर पांच बेड का है. मतलब एक हजार लोगों पर तीन बेड का आंकड़ा भी दिल्ली पूरा नहीं करती. बताया कि सरकारी अस्पतालों में सुविधाएं पूरी नहीं हैं जबकि प्राइवेट अस्पताल महंगे हैं. इनमें इलाज कराना हर किसी के वश की बात नहीं है.

हालांकि, दिल्ली की स्वास्थ्य सेवाओं के लिए जिम्मेदार सरकारी निकाय केंद्र, राज्य सरकार और नगर निगम स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार करने का दावा करते रहते हैं. दिल्ली की केजरीवाल सरकार आंकड़ों के साथ दावा करती है कि उसने दिल्ली की स्वास्थ्य सेवाओं में अपने आठ साल के कार्यकाल में पहले की सारी सरकारों से ज्यादा काम किया है.

दिल्ली सरकार ने 500 से ज्यादा मोहल्ला क्लीनिक खोले हैं, कई पॉलिक्लिनिक भी खोले हैं. अस्पतालों में बेड की संख्या भी बढ़ाई है. दिल्ली सरकार की तरफ से मार्च में विधानसभा में आर्थिक सर्वेक्षण पेश करते हुए बताया था कि दिल्ली में वर्ष 2013-14 में बेड की संख्या 43596 थी जो 2021-22 में बढ़कर 58960 हो गई है. दिल्ली सरकार अभी 11 नए अस्पताल भी बना रही है, जिससे बेड की संख्या छह हजार और बढ़ने की उम्मीद है.

आइए जानते हैं आंकड़ों के अनुसार दिल्ली में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति
सरकारी अस्पताल- 89
मेडिकल कॉलेज- 19
डिस्पेंसरी- 1621
मोहल्ला क्लिनिक- 508
मैटरनिटी होम - 128
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र - 48
पॉलीक्लिनिक - 44
प्राइवेट नर्सिंग होम - 1050
-----------------
केंद्र, राज्य सरकार व निगम के कितने अस्पताल व क्लीनिक

एजेंसी सेंटर बेड की संख्या
केंद्र सरकार - 19 9544
दिल्ली सरकार - 40 14244
एनडीएमसी - 02 221
एमसीडी - 47 3625
एम्स और अन्य - 05 3786
ऑटोनॉमस बॉडी
प्राइवेट - 1050 27540

दिल्ली में कुल स्वास्थ्य संस्थानों की संख्या 1163
कुल बेड की संख्या 58960

ये भी पढ़ें: Corona In India: लगातार बेलगाम हो रहा कोरोना, दर्ज हुए 6 हजार से ज्यादा केस

नई दिल्ली: विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) शुक्रवार को अपनी स्थापना का 75वां साल माना रहा है. इस बार की थीम है 'हेल्थ फॉर ऑल'. सात अप्रैल पूरी दुनिया में विश्व स्वास्थ्य दिवस के रूप में मनाया जाता है. इसके मद्देनजर राजधानी दिल्ली में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए), दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन(डीएमए), इंडियन मेडिकल कांग्रेस (आईएमसी) आदि जैसे प्रमुख डॉक्टर संगठनों द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. इसके तहत डॉक्टरों की समस्याओं, उनके साथ होने वाली हिंसा, उनकी सुरक्षा के लिए सरकार से अलग से बिल लाने की की मांग के साथ ही दिल्ली की स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति पर भी चर्चा होगी.

अगर दिल्ली की स्वास्थ्य सेवाओं की बात करें तो राजधानी दिल्ली भी विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की स्वास्थ सुविधाओं के मानकों से कोसों दूर है. इंडियन मेडिकल कांग्रेस के अध्यक्ष डा. प्रेम अग्रवाल ने बताया कि दिल्ली में प्रति हजार व्यक्तियों पर करीब 2.89 बेड हैं, जबकि डब्ल्यूएचओ का मानक प्रति हजार लोगों पर पांच बेड का है. मतलब एक हजार लोगों पर तीन बेड का आंकड़ा भी दिल्ली पूरा नहीं करती. बताया कि सरकारी अस्पतालों में सुविधाएं पूरी नहीं हैं जबकि प्राइवेट अस्पताल महंगे हैं. इनमें इलाज कराना हर किसी के वश की बात नहीं है.

हालांकि, दिल्ली की स्वास्थ्य सेवाओं के लिए जिम्मेदार सरकारी निकाय केंद्र, राज्य सरकार और नगर निगम स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार करने का दावा करते रहते हैं. दिल्ली की केजरीवाल सरकार आंकड़ों के साथ दावा करती है कि उसने दिल्ली की स्वास्थ्य सेवाओं में अपने आठ साल के कार्यकाल में पहले की सारी सरकारों से ज्यादा काम किया है.

दिल्ली सरकार ने 500 से ज्यादा मोहल्ला क्लीनिक खोले हैं, कई पॉलिक्लिनिक भी खोले हैं. अस्पतालों में बेड की संख्या भी बढ़ाई है. दिल्ली सरकार की तरफ से मार्च में विधानसभा में आर्थिक सर्वेक्षण पेश करते हुए बताया था कि दिल्ली में वर्ष 2013-14 में बेड की संख्या 43596 थी जो 2021-22 में बढ़कर 58960 हो गई है. दिल्ली सरकार अभी 11 नए अस्पताल भी बना रही है, जिससे बेड की संख्या छह हजार और बढ़ने की उम्मीद है.

आइए जानते हैं आंकड़ों के अनुसार दिल्ली में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति
सरकारी अस्पताल- 89
मेडिकल कॉलेज- 19
डिस्पेंसरी- 1621
मोहल्ला क्लिनिक- 508
मैटरनिटी होम - 128
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र - 48
पॉलीक्लिनिक - 44
प्राइवेट नर्सिंग होम - 1050
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केंद्र, राज्य सरकार व निगम के कितने अस्पताल व क्लीनिक

एजेंसी सेंटर बेड की संख्या
केंद्र सरकार - 19 9544
दिल्ली सरकार - 40 14244
एनडीएमसी - 02 221
एमसीडी - 47 3625
एम्स और अन्य - 05 3786
ऑटोनॉमस बॉडी
प्राइवेट - 1050 27540

दिल्ली में कुल स्वास्थ्य संस्थानों की संख्या 1163
कुल बेड की संख्या 58960

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