नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के सेवा विभाग की तरफ से विज्ञान भवन में आईएएस अधिकारियों के लिए एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. यह कार्यशाला अधिकारियों के लिए सिविल सेवकों की कार्य क्षमता निर्माण में वृद्धि के विषय पर आयोजित की गई थी, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना पहुंचे. इस दौरान उन्होंने अधिकारियों की पीठ थपथपाते हुए कहा कि आपको किसी से लड़ने की जरूरत नहीं है. बस आप लोग मेहनत और ईमानदारी से काम कीजिए, आपकाे कोई छू भी नहीं पाएगा.
वहीं मुख्य सचिव ने श्रोताओं को बताया कि कैसे नवीनतम तकनीक के प्रयोग से रेलवे आरक्षण प्रणाली, पासपोर्ट और एपिक कार्ड जारी करने आदि से सार्वजनिक वितरण प्रणाली में क्रांति आई है. उन्होंने कहा कि दिल्ली में सिविल सेवकों की ओर से अभी भी बहुत कुछ किए जाने की आवश्यकता है, ताकि दिल्ली को पूरे देश और दुनिया के सामने एक आदर्श के रूप में प्रस्तुत किया जा सके. मुख्य सचिव ने यह भी कहा, 'हाल ही में केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) अध्यादेश को लागू किया है, जिसके तहत एक राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण की स्थापना की गई है. यह अन्य बातों के साथ राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार से संबंधित मामलों में सेवारत सिविल सेवकों और अन्य कर्मचारियों की क्षमता निर्माण के लिए सिफारिशें करने के लिए जिम्मेदार है.' उन्होंने अधिकारियों से आग्रह किया कि वे किसी भी प्रकार के दबाव में न आकर निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से स्पष्ट रूप से बताए गए नियमों और विनियमों के अनुसार काम करें.
उधर एलजी वीके सक्सेना ने अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि, दिल्ली के उपराज्यपाल के रूप में पद ग्रहण करने के समय से ही उनकी ऐसी कार्यशाला आयोजित करने की इच्छा थी, जहां दिल्ली सरकार के सभी अधिकारी बैठकर सरकारी परियोजनाओं और नीतियों के कार्यान्वयन में आई चुनौतियों और समस्याओं के समाधान पर विचार-विमर्श कर सकें. कार्यक्रम के आयोजन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि, सिविल सेवक अपने कौशल और क्षमता द्वारा सेवा वितरण, कार्यक्रम कार्यान्वयन और कोर गवर्नेंस कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि नागरिक को कभी न कभी अपने दैनिक जीवन में सरकारी सेवाओं की आवश्यकता होती है. उन्होंने आग्रह किया कि अधिकारियों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली में ऐसी सभी बाधाओं को दूर करने के लिए आवश्यक उपाय करने का प्रयास करना चाहिए, जिनका सामना उन्होंने स्वयं सरकारी सेवा में प्रवेश करने से पहले किया हो. इसके विपरीत कई बार यह देखा गया है कि सेवा में आने के बाद उनके व्यवहार में काफी बदलाव आ जाता है, जो कि चिंता का विषय है.
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