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Independence Day: आजादी से पहले जन्मे बुजुर्ग अब देश को कहां देख रहे हैं? किस PM का काम आया उन्हें पसंद?

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Published : Aug 14, 2023, 8:45 AM IST

Updated : Aug 14, 2023, 9:25 AM IST

भारत में हर 5 साल के बाद लोकसभा के चुनाव होते हैं. इस चुनाव को आम भाषा में प्रधानमंत्री का चुनाव भी कहा जाता है. देश में पिछला लोक सभा चुनाव 2019 में हुआ था. अब 2024 में आम चुनाव होने हैं. आइए जानते है 75 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों से उनके पसंदीदा प्रधानमंत्री के बारे में.

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बुजुर्गों का पसंदीदा पीएम

नई दिल्लीः भारत की जनता ने देश को 18 बार प्रधानमंत्री दिए हैं. देश में प्रथम चुनाव 1951 में कराया गया था. इस चुनाव में सबसे पहले प्रधानमंत्री बने पंडित जवाहर लाल नेहरू, जिनका कार्यकाल 15 अगस्त 1947 से 27 मई 1967 तक रहा. सबसे लंबा कार्यकाल जवाहर लाल नेहरू के नाम है. यानि नेहरू के नाम 6,130 दिनों तक पीएम रहने का रिकॉर्ड है. 'ETV भारत' ने 75 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों से उनके पसंदीदा प्रधानमंत्री के बारे में जानने की कोशिश की. साथ ही जाना कि उन्हें किस प्रधानमंत्री का कार्यकाल सबसे अच्छा लगा?

दिल्ली के रहने वाले 80 वर्षीय अनिल कुमार कोली ने बताया कि देश में जितने भी प्रधानमंत्री रहे, सभी ने अलग अलग क्षेत्रों में कई अच्छे काम किए हैं. लेकिन, नए भारत की नींव पहले PM पंडित जवाहर लाल नेहरू ने रखी थी. देश में कई बड़े पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग (PSU) की उत्पत्ति हुई है. हिमाचल प्रदेश में स्थित भाखड़ा नांगल डैम उन्हीं की देन है. 58 साल पहले 22 अक्‍टूबर 1963 को प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने भाखड़ा नांगल डैम को राष्‍ट्र को समर्पित किया था. ये देश का दूसरा सबसे बड़ा बांध होने के साथ ही एशिया का भी दूसरा सबसे बड़ा बांध है.

76 वर्ष के फूल सिंह ने बताया कि वह बचपन में दिल्ली के करोल बाग में रहा करते थे. उस समय वहां रहने वालों के लिए सुविधाओं के नाम पर कुछ भी नहीं था. वह नंगे पांव स्कूल जाया करते थे, लेकिन धीरे-धीरे जो विकास हुआ, वो सभी कांग्रेस के शासनकाल में हुआ. उस समय रोजगार की भी कोई कमी नहीं थी. पांच बच्चों के पिता फूल सिंह ने बताया कि शायद आज मैं 10 बच्चों का बाप होता. अगर इंदिरा गांधी द्वारा स्टरलाइजेशन (नसबंदी) नियम नहीं लाया गया होता. दरअसल इमरजेंसी के दौरान पीएम इंदिरा गांधी द्वारा लाई गई नसंबदी नियम से घर-घर में दशहत फेल गयी थी.

फूल सिंह ने बताया कि उस समय वह एक सरकारी नौकर थे. उनके ऊपर नसबंदी करवाने का दबाव बनाया गया और जल्द से जल्द नसबंदी का प्रमाणपत्र दफ्तर में जमा करने को कहा गया. अंततः उन्होंने अपनी पत्नी की नसबंदी करा दी और अपनी नौकरी को सुरक्षित कर लिया. उन्होंने कहा कि अगर मैं ऐसा नहीं करता, तो क्या आज महंगाई के दौर में 5 से ज्यादा बच्चों को पाल पाता. ज्ञात हो कि इमरजेंसी के दौरान पीएम तो इंदिरा गांधी थीं, लेकिन सब मानते थे कि हकीकत में सरकार चला रहे थे उनके बेटे संजय गांधी. उसी दौरान जनसंख्या नियंत्रण के नाम पर उन्होंने नसबंदी अभियान शुरू किया.

80 वर्ष के ओम प्रकाश ने बताया कि उनको अपने जीवन में देश के तीसरे प्रधानमंत्री लालबाहदुर शास्त्री का कार्यकाल सबसे ज्यादा पसंदीदा लगा. उनका मानना है कि लाल बहादुर शास्त्री ऐसे प्रधानमंत्री थे, जिनको किसी भी तरह का कोई लालच नहीं था. उन्होंने जो भी काम किया, सभी केवल देश हित में रहे. वहीं उनके दूसरे पसंदीदा प्रधानमंत्री हैं नरेंद्र मोदी. उनका मानना है कि वर्तमान के PM मोदी ने देश और जनता के हित में काम किए हैं.

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बुजुर्गों का पसंदीदा पीएम

नई दिल्लीः भारत की जनता ने देश को 18 बार प्रधानमंत्री दिए हैं. देश में प्रथम चुनाव 1951 में कराया गया था. इस चुनाव में सबसे पहले प्रधानमंत्री बने पंडित जवाहर लाल नेहरू, जिनका कार्यकाल 15 अगस्त 1947 से 27 मई 1967 तक रहा. सबसे लंबा कार्यकाल जवाहर लाल नेहरू के नाम है. यानि नेहरू के नाम 6,130 दिनों तक पीएम रहने का रिकॉर्ड है. 'ETV भारत' ने 75 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों से उनके पसंदीदा प्रधानमंत्री के बारे में जानने की कोशिश की. साथ ही जाना कि उन्हें किस प्रधानमंत्री का कार्यकाल सबसे अच्छा लगा?

दिल्ली के रहने वाले 80 वर्षीय अनिल कुमार कोली ने बताया कि देश में जितने भी प्रधानमंत्री रहे, सभी ने अलग अलग क्षेत्रों में कई अच्छे काम किए हैं. लेकिन, नए भारत की नींव पहले PM पंडित जवाहर लाल नेहरू ने रखी थी. देश में कई बड़े पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग (PSU) की उत्पत्ति हुई है. हिमाचल प्रदेश में स्थित भाखड़ा नांगल डैम उन्हीं की देन है. 58 साल पहले 22 अक्‍टूबर 1963 को प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने भाखड़ा नांगल डैम को राष्‍ट्र को समर्पित किया था. ये देश का दूसरा सबसे बड़ा बांध होने के साथ ही एशिया का भी दूसरा सबसे बड़ा बांध है.

76 वर्ष के फूल सिंह ने बताया कि वह बचपन में दिल्ली के करोल बाग में रहा करते थे. उस समय वहां रहने वालों के लिए सुविधाओं के नाम पर कुछ भी नहीं था. वह नंगे पांव स्कूल जाया करते थे, लेकिन धीरे-धीरे जो विकास हुआ, वो सभी कांग्रेस के शासनकाल में हुआ. उस समय रोजगार की भी कोई कमी नहीं थी. पांच बच्चों के पिता फूल सिंह ने बताया कि शायद आज मैं 10 बच्चों का बाप होता. अगर इंदिरा गांधी द्वारा स्टरलाइजेशन (नसबंदी) नियम नहीं लाया गया होता. दरअसल इमरजेंसी के दौरान पीएम इंदिरा गांधी द्वारा लाई गई नसंबदी नियम से घर-घर में दशहत फेल गयी थी.

फूल सिंह ने बताया कि उस समय वह एक सरकारी नौकर थे. उनके ऊपर नसबंदी करवाने का दबाव बनाया गया और जल्द से जल्द नसबंदी का प्रमाणपत्र दफ्तर में जमा करने को कहा गया. अंततः उन्होंने अपनी पत्नी की नसबंदी करा दी और अपनी नौकरी को सुरक्षित कर लिया. उन्होंने कहा कि अगर मैं ऐसा नहीं करता, तो क्या आज महंगाई के दौर में 5 से ज्यादा बच्चों को पाल पाता. ज्ञात हो कि इमरजेंसी के दौरान पीएम तो इंदिरा गांधी थीं, लेकिन सब मानते थे कि हकीकत में सरकार चला रहे थे उनके बेटे संजय गांधी. उसी दौरान जनसंख्या नियंत्रण के नाम पर उन्होंने नसबंदी अभियान शुरू किया.

80 वर्ष के ओम प्रकाश ने बताया कि उनको अपने जीवन में देश के तीसरे प्रधानमंत्री लालबाहदुर शास्त्री का कार्यकाल सबसे ज्यादा पसंदीदा लगा. उनका मानना है कि लाल बहादुर शास्त्री ऐसे प्रधानमंत्री थे, जिनको किसी भी तरह का कोई लालच नहीं था. उन्होंने जो भी काम किया, सभी केवल देश हित में रहे. वहीं उनके दूसरे पसंदीदा प्रधानमंत्री हैं नरेंद्र मोदी. उनका मानना है कि वर्तमान के PM मोदी ने देश और जनता के हित में काम किए हैं.

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Last Updated : Aug 14, 2023, 9:25 AM IST
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