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बोले दिल्ली के मुसलमान- 'घुसकर कर दो नेस्तनाबूद पाकिस्तान' - muslim community

नई दिल्ली: पुलवामा हमले के बाद सोशल मीडिया पर भारतीय सौहार्द को बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है. इस पर भारतीय मुसलमान आखिर क्या सोचता है. इसको जानने की कोशिश की ईटीवी भारत ने...

ईटीवी भारत से बात करते दिल्ली के मुसलमान
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Published : Feb 18, 2019, 1:43 PM IST

पुरानी दिल्ली के कई इलाके अल्पसंख्यक बहुल हैं. यहीं पर तुर्कमान गेट के इलाके में कुछ स्थानीय अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों से ईटीवी भारत ने बातचीत की. हमने उनसे जानने की कोशिश की कि ऐसी आतंकी घटनाओं के बाद जब कुछ लोग आतंक को मजहब से के नजरिए से देखने हैं और इनकी निष्ठा पर सवाल उठाते हैं, तो इन्हें कैसा महसूस होता है अरे ये क्या सोचते हैं.

ईटीवी भारत से बात करते दिल्ली के मुसलमान
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पाकिस्तान के कारण भारत का मुसलमान होता है बदनाम
सामाजिक रूप से सक्रिय रहने वाले बिलाल जैदी ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा आतंक को पनाह देने के कारण भारत के मुसलमान भी बदनाम होते है, लेकिन भारत का हर एक मुसलमान अपने देश के प्रति सच्ची निष्ठा रखता है. उन्होंने कहा कि हम हर बार सरकार से मांग करते हैं और इस बार भी यही मांग कर रहे हैं कि ऐसी आतंकी घटनाओं के लिए पाकिस्तान को नेस्तोनाबूद किया जाए.
यहां हमने कई बुजुर्गों से भी बातचीत की और अनुभव के नजरिए से इस बारे में उनकी राय जानी चाहिए. इनका भी यही कहना था कि भारत में वे सामाजिक सौहार्द के साथ मिलजुल कर रहते हैं. उन्होंने इसका भी जिक्र किया कि भारत में हर किसी को जितनी आजादी है उतनी दुनिया के किसी देश में नहीं है.

पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए हैं तैयार
कॉलेज जाने वाले कुछ युवा ने इच्छा जाहिर करते हुए सरकार से कहा कि अगर कभी सीमा पर जाकर जवानों की तरह आतंकियों को और पाकिस्तान को सबक सिखाने का मौक मिले तो वो लोग तैयार है. तमाम युवाओं का कहना है कि आतंक का कोई मजहब नहीं होता भारत का हर मुसलमान देश के प्रति वफादार है और हमेशा रहेगा.

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पुरानी दिल्ली के कई इलाके अल्पसंख्यक बहुल हैं. यहीं पर तुर्कमान गेट के इलाके में कुछ स्थानीय अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों से ईटीवी भारत ने बातचीत की. हमने उनसे जानने की कोशिश की कि ऐसी आतंकी घटनाओं के बाद जब कुछ लोग आतंक को मजहब से के नजरिए से देखने हैं और इनकी निष्ठा पर सवाल उठाते हैं, तो इन्हें कैसा महसूस होता है अरे ये क्या सोचते हैं.

ईटीवी भारत से बात करते दिल्ली के मुसलमान
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पाकिस्तान के कारण भारत का मुसलमान होता है बदनाम
सामाजिक रूप से सक्रिय रहने वाले बिलाल जैदी ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा आतंक को पनाह देने के कारण भारत के मुसलमान भी बदनाम होते है, लेकिन भारत का हर एक मुसलमान अपने देश के प्रति सच्ची निष्ठा रखता है. उन्होंने कहा कि हम हर बार सरकार से मांग करते हैं और इस बार भी यही मांग कर रहे हैं कि ऐसी आतंकी घटनाओं के लिए पाकिस्तान को नेस्तोनाबूद किया जाए.
यहां हमने कई बुजुर्गों से भी बातचीत की और अनुभव के नजरिए से इस बारे में उनकी राय जानी चाहिए. इनका भी यही कहना था कि भारत में वे सामाजिक सौहार्द के साथ मिलजुल कर रहते हैं. उन्होंने इसका भी जिक्र किया कि भारत में हर किसी को जितनी आजादी है उतनी दुनिया के किसी देश में नहीं है.

पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए हैं तैयार
कॉलेज जाने वाले कुछ युवा ने इच्छा जाहिर करते हुए सरकार से कहा कि अगर कभी सीमा पर जाकर जवानों की तरह आतंकियों को और पाकिस्तान को सबक सिखाने का मौक मिले तो वो लोग तैयार है. तमाम युवाओं का कहना है कि आतंक का कोई मजहब नहीं होता भारत का हर मुसलमान देश के प्रति वफादार है और हमेशा रहेगा.

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Intro:जैसा कि हर आतंकी घटना के बाद होता है पुलवामा के हमले के बाद भी सोशल मीडिया में या कई जगह जमीनी स्तर पर भी भारत के मुसलमानों की देश के प्रति निष्ठा पर सवाल उठाने जाने लगे हैं। ऐसे में हमने जानने की कोशिश की है किस पर भारत का मुसलमान क्या सोचता है।


Body:पुरानी दिल्ली के कई इलाके अल्पसंख्यक बहुल हैं। यहीं पर तुर्कमान गेट के इलाके में कुछ स्थानीय अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों से ईटीवी भारत ने बातचीत की। हमने उनसे जानने की कोशिश की कि ऐसी आतंकी घटनाओं के बाद जब कुछ लोग आतंक को मजहब से के नजरिए से देखने हैं और इनकी निष्ठा पर सवाल उठाते हैं, तो इन्हें कैसा महसूस होता है अरे ये क्या सोचते हैं।

सामाजिक रूप से सक्रिय रहने वाले बिलाल जैदी ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा आतंक को पनाह देने के कारण भारत के मुसलमान भी बदनाम होते है। लेकिन भारत का हर एक मुसलमान अपने देश के प्रति सच्ची निष्ठा रखता है। उन्होंने कहा कि हम हर बार सरकार से मांग करते हैं और इस बार भी यही मांग कर रहे हैं कि ऐसी आतंकी घटनाओं के लिए पाकिस्तान को नेस्तोनाबूद किया जाए।

यहां हमने कई बुजुर्गों से भी बातचीत की और अनुभव के नजरिए से इस बारे में उनकी राय जानी चाहिए। इनका भी यही कहना था कि भारत में वे सामाजिक सौहार्द के साथ मिल जुल कर रहते हैं। उन्होंने इसका भी जिक्र किया कि भारत में हर किसी को जितनी आजादी है उतनी दुनिया के किसी देश में नहीं है।

यहां कॉलेज जाने वाले कुछ युवा भी हमें मिले। इनमें से एक ने तो यह इच्छा जाहिर की कि सरकार अगर इस बारे में कभी सोचे तो ये भी सीमा पर जाकर जवानों की तरह आतंकियों को और पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए तैयार हैं। इनका भी साफ तौर पर यही कहना था कि आतंक का कोई मजहब नहीं होता भारत का हर मुसलमान देश के प्रति वफादार है और हमेशा रहेगा।


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