पुरानी दिल्ली के कई इलाके अल्पसंख्यक बहुल हैं. यहीं पर तुर्कमान गेट के इलाके में कुछ स्थानीय अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों से ईटीवी भारत ने बातचीत की. हमने उनसे जानने की कोशिश की कि ऐसी आतंकी घटनाओं के बाद जब कुछ लोग आतंक को मजहब से के नजरिए से देखने हैं और इनकी निष्ठा पर सवाल उठाते हैं, तो इन्हें कैसा महसूस होता है अरे ये क्या सोचते हैं.
पाकिस्तान के कारण भारत का मुसलमान होता है बदनाम
सामाजिक रूप से सक्रिय रहने वाले बिलाल जैदी ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा आतंक को पनाह देने के कारण भारत के मुसलमान भी बदनाम होते है, लेकिन भारत का हर एक मुसलमान अपने देश के प्रति सच्ची निष्ठा रखता है. उन्होंने कहा कि हम हर बार सरकार से मांग करते हैं और इस बार भी यही मांग कर रहे हैं कि ऐसी आतंकी घटनाओं के लिए पाकिस्तान को नेस्तोनाबूद किया जाए.
यहां हमने कई बुजुर्गों से भी बातचीत की और अनुभव के नजरिए से इस बारे में उनकी राय जानी चाहिए. इनका भी यही कहना था कि भारत में वे सामाजिक सौहार्द के साथ मिलजुल कर रहते हैं. उन्होंने इसका भी जिक्र किया कि भारत में हर किसी को जितनी आजादी है उतनी दुनिया के किसी देश में नहीं है.
पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए हैं तैयार
कॉलेज जाने वाले कुछ युवा ने इच्छा जाहिर करते हुए सरकार से कहा कि अगर कभी सीमा पर जाकर जवानों की तरह आतंकियों को और पाकिस्तान को सबक सिखाने का मौक मिले तो वो लोग तैयार है. तमाम युवाओं का कहना है कि आतंक का कोई मजहब नहीं होता भारत का हर मुसलमान देश के प्रति वफादार है और हमेशा रहेगा.