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G-20 Summit : शिखर सम्मेलन के दौरान सार्वजनिक अवकाश पर क्या बोल रहे व्यापारी नेता, जानें... - Confederation of All India Traders

दिल्ली में होने वाले G-20 शिखर सम्मेलन के दौरान सार्वजनिक अवकाश की खबरों पर ETV भारत ने विभिन्न व्यापार संगठनों के पदाधिकारियों से बातचीत की. जानें इसको लेकर क्या है उनकी राय...

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Aug 22, 2023, 5:00 PM IST

G-20 शिखर सम्मेलन के दौरान सार्वजनिक अवकाश पर व्यापार संगठनों के पदाधिकारियों की राय

नई दिल्ली: जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान 8, 9 और 10 सितंबर को सार्वजनिक अवकाश घोषित होने के आसार हैं. इसका असर दिल्ली के व्यापर जगत पर पड़ता नज़र आ रहा है. इस तरह की खबरों के बीच अलग-अलग बाजारों के व्यापारियों के मन में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. मसलन कौन से मार्केट बंद रहेंगे, कौन से नहीं ? इन दिनों में छुट्टी होगी या काम पर आना पड़ेगा ? जन्माष्टमी भी 6 और 7 सितंबर को पड़ रही है. इन सबके बीच बिजनेस कैसे हो पाएगा ? ट्रेडर्स में भ्रम की स्थिति बनी हुई है.

चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री(CTI) के चेयरमैन बृजेश गोयल ने ETV भारत को बताया कि मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान बाजार, सड़कें, ऑफिस, स्कूल व कॉलेज बंद रहेंगे. इसको लेकर व्यापारियों में भी असमंजस की स्थिति है कि क्या बाजार और दुकानें बंद रहेंगी ? पहले कहा जा रहा था कि लुटियन दिल्ली के आसपास के बाजारों को बंद रखा जाएगा. अब पुरानी दिल्ली के बाजारों समेत अन्य मार्केट्स को लेकर भी तरह-तरह की बातें हो रही हैं. 6 और 7 सितंबर को जन्माष्टमी है, 8 से 10 तक छुट्टी रहेगी तो लोग बाहर घूमने के लिए छुट्टी प्लान कर रहे हैं.

ऐसे में सीटीआई ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर को पत्र लिखकर बाजारों को बंद नहीं किये जाने की अपील की है. ट्रेडर्स चाहते हैं कि विदेशी मेहमान दिल्ली के बाजारों में घूमने-फिरने आएं. पुरानी दिल्ली के स्वादिष्ट व्यंजनों को स्वाद लें, यहां के कपड़े और मशहूर चीजें खरीदें. चांदनी चौक, करोल बाग, खान मार्केट, कमला नगर, कनॉट प्लेस, लाजपत नगर व सरोजिनी नगर मार्केट आएं. सरकार साफ करे कि कौन सी सड़क और बाजार बंद रहेंगे. वैसे भी मार्केट बंद करने का औचित्य नहीं बनता है. कई बाजारों को सजाया और संवारा गया है. यदि मार्केट बंद ही कर देंगे, तो उसके सौंदर्यीकरण का क्या लाभ होगा?

'छुट्टी पर जो भी फैसला हो, समय पर जानकारी हो सार्वजनिक'
व्यापारियों में शिखर सम्मेलन के दौरान बाजारों और शॉपिंग मॉल्स को बंद करने की खबर तेजी से फैल रही है. कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष विपिन आहूजा ने कहा कि जी-20 शिखर सम्मेलन देश का महत्वपूर्ण आयोजन है. सरकार ने सुरक्षा कारणों से इस बात का निर्णय लिया है कि आगामी 8, 9 और 10 सितंबर को अवकाश हो सकता है. जी-20 शिखर सम्मेलन देश की छवि को दुनिया के समक्ष रखेगा. इस लिहाज से व्यापारी सरकार के संग सहयोग करने को तैयार हैं. सम्मेलन के दौरान छुट्टी को लेकर सरकार जो भी फैसला करे, उसकी सही जानकारी समय पर सार्वजनिक की जाए. तभी दिल्ली के व्यापारी उस हिसाब से निर्णय ले सकेंगे.

रोज कुआं खोदने और कमाने वालों की कठिनाई के बारे में सोचे सरकार
भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के राष्ट्रीय संयोजक पवन कुमार ने कहा कि देश के लिए बड़े हर्ष का विषय है कि G-20 सम्मेलन भारत में हो रहा है. व्यापारियों ने सरकार के हर आयोजन में सदैव हिस्सा लिया है, उसे सफल बनाने में सहयोग दिया है. G-20 में भी बढ़-चढ़ कर सहयोग करेंगे. लेकिन ऐसे आयोजनों पर सार्वजनिक अवकाश से छोटे व्यापारियों व मजदूरों को बहुत नुकसान होता है. रोज कुआं खोदने और रोज कमाने वालों की कठिनाई के बारे में सरकार सोचे. इस पर ध्यान देने की जरूरत है. फिर भी G-20 को हमें राष्ट्रीय पर्व की तरह लेना है और आयोजन को सफल बनाना है.

बता दें कि जी 20 समिट से पहले दो दिन शनिवार-रविवार पड़ रहे हैं. इसके बाद 7 सितंबर को जन्माष्टमी है. माना जा रहा है कि 6 सितंबर से लेकर 10 सितंबर तक 5 दिन का अवकाश किया जा सकता है.

G-20 शिखर सम्मेलन के दौरान सार्वजनिक अवकाश पर व्यापार संगठनों के पदाधिकारियों की राय

नई दिल्ली: जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान 8, 9 और 10 सितंबर को सार्वजनिक अवकाश घोषित होने के आसार हैं. इसका असर दिल्ली के व्यापर जगत पर पड़ता नज़र आ रहा है. इस तरह की खबरों के बीच अलग-अलग बाजारों के व्यापारियों के मन में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. मसलन कौन से मार्केट बंद रहेंगे, कौन से नहीं ? इन दिनों में छुट्टी होगी या काम पर आना पड़ेगा ? जन्माष्टमी भी 6 और 7 सितंबर को पड़ रही है. इन सबके बीच बिजनेस कैसे हो पाएगा ? ट्रेडर्स में भ्रम की स्थिति बनी हुई है.

चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री(CTI) के चेयरमैन बृजेश गोयल ने ETV भारत को बताया कि मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान बाजार, सड़कें, ऑफिस, स्कूल व कॉलेज बंद रहेंगे. इसको लेकर व्यापारियों में भी असमंजस की स्थिति है कि क्या बाजार और दुकानें बंद रहेंगी ? पहले कहा जा रहा था कि लुटियन दिल्ली के आसपास के बाजारों को बंद रखा जाएगा. अब पुरानी दिल्ली के बाजारों समेत अन्य मार्केट्स को लेकर भी तरह-तरह की बातें हो रही हैं. 6 और 7 सितंबर को जन्माष्टमी है, 8 से 10 तक छुट्टी रहेगी तो लोग बाहर घूमने के लिए छुट्टी प्लान कर रहे हैं.

ऐसे में सीटीआई ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर को पत्र लिखकर बाजारों को बंद नहीं किये जाने की अपील की है. ट्रेडर्स चाहते हैं कि विदेशी मेहमान दिल्ली के बाजारों में घूमने-फिरने आएं. पुरानी दिल्ली के स्वादिष्ट व्यंजनों को स्वाद लें, यहां के कपड़े और मशहूर चीजें खरीदें. चांदनी चौक, करोल बाग, खान मार्केट, कमला नगर, कनॉट प्लेस, लाजपत नगर व सरोजिनी नगर मार्केट आएं. सरकार साफ करे कि कौन सी सड़क और बाजार बंद रहेंगे. वैसे भी मार्केट बंद करने का औचित्य नहीं बनता है. कई बाजारों को सजाया और संवारा गया है. यदि मार्केट बंद ही कर देंगे, तो उसके सौंदर्यीकरण का क्या लाभ होगा?

'छुट्टी पर जो भी फैसला हो, समय पर जानकारी हो सार्वजनिक'
व्यापारियों में शिखर सम्मेलन के दौरान बाजारों और शॉपिंग मॉल्स को बंद करने की खबर तेजी से फैल रही है. कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष विपिन आहूजा ने कहा कि जी-20 शिखर सम्मेलन देश का महत्वपूर्ण आयोजन है. सरकार ने सुरक्षा कारणों से इस बात का निर्णय लिया है कि आगामी 8, 9 और 10 सितंबर को अवकाश हो सकता है. जी-20 शिखर सम्मेलन देश की छवि को दुनिया के समक्ष रखेगा. इस लिहाज से व्यापारी सरकार के संग सहयोग करने को तैयार हैं. सम्मेलन के दौरान छुट्टी को लेकर सरकार जो भी फैसला करे, उसकी सही जानकारी समय पर सार्वजनिक की जाए. तभी दिल्ली के व्यापारी उस हिसाब से निर्णय ले सकेंगे.

रोज कुआं खोदने और कमाने वालों की कठिनाई के बारे में सोचे सरकार
भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के राष्ट्रीय संयोजक पवन कुमार ने कहा कि देश के लिए बड़े हर्ष का विषय है कि G-20 सम्मेलन भारत में हो रहा है. व्यापारियों ने सरकार के हर आयोजन में सदैव हिस्सा लिया है, उसे सफल बनाने में सहयोग दिया है. G-20 में भी बढ़-चढ़ कर सहयोग करेंगे. लेकिन ऐसे आयोजनों पर सार्वजनिक अवकाश से छोटे व्यापारियों व मजदूरों को बहुत नुकसान होता है. रोज कुआं खोदने और रोज कमाने वालों की कठिनाई के बारे में सरकार सोचे. इस पर ध्यान देने की जरूरत है. फिर भी G-20 को हमें राष्ट्रीय पर्व की तरह लेना है और आयोजन को सफल बनाना है.

बता दें कि जी 20 समिट से पहले दो दिन शनिवार-रविवार पड़ रहे हैं. इसके बाद 7 सितंबर को जन्माष्टमी है. माना जा रहा है कि 6 सितंबर से लेकर 10 सितंबर तक 5 दिन का अवकाश किया जा सकता है.

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