नई दिल्ली: राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) द्वारा नदियों में पूजन सामग्री व पॉलिथीन डालने पर रोक है. इसके बावजूद लोग पूजन सामग्री नदी में ही प्रवाहित करते हैं. अब दिल्ली में यमुना को प्रदूषण से बचाने के लिए वालंटियर्स तैनात करने का निर्णय लिया गया है, ताकि यमुना में कोई पूजन सामग्री आदि को प्रवाहित न कर सके. इतना ही नहीं, ये वॉलेंटियर्स लोगों को पूजन सामग्री प्रवाहित करने से रोकने के साथ, उन्हें इसके दुष्परिणामों को जागरूक भी करेंगे.
इसके लिए एनजीटी द्वारा गठित की गई हाई लेवल की कमेटी ने रविवार को छठीं बैठक की. चीफ सेक्रेटरी की अध्यक्षता में हुई बैठक में रिवेन्यू डिपार्टमेंट को यमुना नदी को प्रदूषण से बचाने के लिए सख्ती से पेश आने का निर्देश दिया गया. इसके अंतर्गत दिल्ली में यमुना नदी के सभी ब्रिज पर सिविल डिफेंस के चार-चार वालंटियर्स तैनात किए जाएंगे.
इस समय यमुना में डाली जाती है पूजन सामग्री: दरअसल त्योहार के सीजन में लोग घरों में पूजा पाठ करते हैं. इस दौरान घर से निकलने वाली पूजन सामग्री को लाकर वे नदी में प्रवाहित करते हैं, जिससे नदी दूषित होती है. वहीं, दिल्ली की यमुना नदी का प्रदूषण स्तर किसी से छुपा नहीं है, इसलिए इस मुहिम की शुरुआत की जा रही है. त्योहारों के समय पूजन सामग्री यमुना में प्रवाहित करने वालों पर विशेष नजर रखी जाएगी.
यह भी पढ़ें-आपदा प्रबंधन क्षमताओं को बढ़ाने और जी 20 शिखर सम्मेलन के मद्देनजर एनडीएमसी ने उठाए महत्वपूर्ण कदम
जल और वायु प्रदूषण है प्रमुख समस्या: दिल्ली के लोगों के लिए वायु और जल प्रदूषण एक प्रमुख समस्या है. सर्दियों में वायु प्रदूषण इस कदर बढ़ जाता है कि हवा जहरीली हो जाती है, जिसका लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है. इसी तरह दिल्ली में जल प्रदूषण के चलते भी स्थिति बेहद खराब है. यमुना नदी के प्रदूषित होने के कारण दिल्ली के भूजल का टीडीएस स्तर (टोटल डिजॉल्व्ड सॉलिड्स) बहुत ज्यादा है, जो लोगों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है.
यह भी पढ़ें-इंतजार खत्म : कल सुल्तानपुरी अंडरपास का मेयर शैली ओबेरॉय करेंगी उद्घाटन, 13 साल पहले शुरू हुआ था बनना