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आउटकम बजट पर विजेंद्र गुप्ता ने सरकार को घेरा, कहा- जनता के मुद्दों को घुमाया गया - दिल्ली की खबरें

विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा सरकार के आउटकम बजट की कड़ी निंदा की है. उन्होंने कहा कि आउटकम बजट राजनीतिक पूर्वाग्रह से ग्रस्त था.

विजेंद्र गुप्ता ने सरकार के आउटकम बजट से जताई निराशा
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Published : Feb 26, 2019, 3:49 AM IST

Updated : Feb 26, 2019, 4:35 AM IST

नई दिल्ली: विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि पहले आउटकम बजट में उन्होंने अपनी सरकार की झूठी और आधारहीन प्रशंसा की और दूसरे में उपराज्यपाल के गरिमामय पद पर प्रहार किया. आज तक किसी भी राज्य अथवा केंद्र शासित प्रदेश में सरकार के अपने ही संवैधानिक मुखिया का इस प्रकार अवमूल्यन का अनादर नहीं किया गया.

'सरकार ने जनता के मुद्दों को घुमाया'
विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि सरकार की तथाकथित उपलब्धियों, उपराज्यपाल द्वारा जनहित के मुद्दों को घुमा फिरा कर अपने संकीर्ण राजनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए प्रस्तुत किया. नेता विपक्ष ने कहा कि सरकार का आउटकम बजट स्वतंत्र नहीं था. ईमानदारी और पारदर्शिता का तकाजा था कि सरकार को अपने आउटकम बजट का मूल्यांकन एक निष्पक्ष ऑडिट एजेंसी से करवाना चाहिए था, लेकिन सरकार ने अपने कामों की तारीफ अपने विभाग के अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर की.

विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि उन्होंने अपने मतलब से चालू योजनाओं को चुना और उन पर हुए कार्यों पर आउटपुट इंडिकेटर और आउटकम इंडिकेटर प्रस्तुत किए. सरकार ने ये नहीं बताया कि अनेक विभागों में 31 दिसंबर तक 20% बजट खर्च नहीं हो पाया.

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नई दिल्ली: विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि पहले आउटकम बजट में उन्होंने अपनी सरकार की झूठी और आधारहीन प्रशंसा की और दूसरे में उपराज्यपाल के गरिमामय पद पर प्रहार किया. आज तक किसी भी राज्य अथवा केंद्र शासित प्रदेश में सरकार के अपने ही संवैधानिक मुखिया का इस प्रकार अवमूल्यन का अनादर नहीं किया गया.

'सरकार ने जनता के मुद्दों को घुमाया'
विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि सरकार की तथाकथित उपलब्धियों, उपराज्यपाल द्वारा जनहित के मुद्दों को घुमा फिरा कर अपने संकीर्ण राजनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए प्रस्तुत किया. नेता विपक्ष ने कहा कि सरकार का आउटकम बजट स्वतंत्र नहीं था. ईमानदारी और पारदर्शिता का तकाजा था कि सरकार को अपने आउटकम बजट का मूल्यांकन एक निष्पक्ष ऑडिट एजेंसी से करवाना चाहिए था, लेकिन सरकार ने अपने कामों की तारीफ अपने विभाग के अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर की.

विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि उन्होंने अपने मतलब से चालू योजनाओं को चुना और उन पर हुए कार्यों पर आउटपुट इंडिकेटर और आउटकम इंडिकेटर प्रस्तुत किए. सरकार ने ये नहीं बताया कि अनेक विभागों में 31 दिसंबर तक 20% बजट खर्च नहीं हो पाया.

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Intro:नई दिल्ली. विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा सरकार के आउटकम बजट और उपराज्यपाल पर आउटकम बजट की जिस तरह पेश किया उसकी कड़ी भर्त्सना की है. उन्होंने कहा कि दोनों ही आउटकम बजट राजनीतिक पूर्वाग्रह से ग्रस्त थे. पहले में उन्होंने अपनी सरकार की झूठी और आधारहीन प्रशंसा की और दूसरे में उपराज्यपाल के गरिमामय पद पर प्रहार किया. आज तक किसी भी राज्य अथवा केंद्र शासित प्रदेश में सरकार के अपने ही संवैधानिक मुखिया का इस प्रकार अवमूल्यन का अनादर नहीं किया गया.


Body:विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि सरकार की तथाकथित उपलब्धियों उपराज्यपाल द्वारा जनहित के मुद्दों को घुमा फिरा कर अपने संकीर्ण राजनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए प्रस्तुत किया.

नेता विपक्ष ने कहा कि सरकार का आउटकम बजट स्वतंत्र नहीं था. ईमानदारी और पारदर्शिता का तकाजा था कि सरकार को अपने आउटकम बजट का मूल्यांकन एक निष्पक्ष ऑडिट एजेंसी से करवाना चाहिए था. परंतु सरकार ने अपने कामों की तारीफ अपने विभाग के अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर किया. उन्होंने अपने मतलब से चालू योजनाओं को चुना और उन पर हुए कार्यों पर आउटपुट इंडिकेटर और आउटकम इंडिकेटर प्रस्तुत किए. सरकार ने यह नहीं बताया कि अनेक विभागों में 31 दिसंबर तक 20% बजट खर्च नहीं हो पाया.

समाप्त, आशुतोष झा


Conclusion:
Last Updated : Feb 26, 2019, 4:35 AM IST
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