नई दिल्ली: नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने प्याज के बढ़े हुए दामों को लेकर दिल्ली सरकार पर आरोप लगाया. उनका कहना है कि दिल्ली में केजरीवाल सरकार की प्याज माफिया से सांठगांठ के चलते जनता सौ रूपये प्रति किलोग्राम प्याज खरीदने को मजबूर है. उन्होंने इसकी शिकायत गुरुवार को उपराज्यपाल से भी की है.
विजेन्द्र गुप्ता गुरुवार को आम लोगों के साथ उपराज्यपाल से मिलने राजनिवास पहुंचे. उन्होंने प्याज की कमी से उत्पन्न हुई स्थिति से निबटने में दिल्ली सरकार की नाकामयाबी पर गहरा रोष व्यक्त किया.
'LG प्याज की कालाबाजारी की जांच करें'
उन्होंने उपराज्यपाल से प्याज घोटाले में केजरीवाल सरकार और जमाखोरों और कालाबाजारियों की सांठ गांठ की उच्चस्तरीय जांच की मांग की. उन्होंने कहा कि इस सांठ गांठ के कारण आज जनता को मजबूरी वश 100 रूपये प्रति किलोग्राम की दर से प्याज खरीदना पड़ रहा है.
'प्याज वैन की व्यवस्था क्यों रोकी?'
उन्होंने कहा कि दिल्ली की जनता ये जानना चाहती है कि केजरीवाल सरकार ने 28 सितंबर को 27 वैन को हरी झंडी दिखलाई थी और 400 उचित दर की दुकानों से प्याज बेचने का वायदा किया था. अब इस वितरण व्यवस्था को क्यों रोक दिया गया? सरकार लगभग डेढ़ महीने तक क्यों सोई पड़ी रही? खेद की बात है कि इतने विलंब के बाद बीजेपी के जनता की आवाज उठाने के बाद अब केजरीवाल सरकार की नींद खुली है.
नेता विपक्ष ने कहा कि ये अत्यंत निंदनीय है कि दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार के प्रति द्वेष भावना के चलते आम आदमी को बलि का बकरा बनाया और उसे ब्लैक में मंहगे दामों पर प्याज खरीदने के लिये मजबूर किया.
'केंद्र सरकार ने स्टॉक रखने का किया था आग्रह'
केंद्र सरकार इस साल गर्मियों से दिल्ली सरकार को बार-बार आग्रह करती रही कि वो 57000 मीट्रिक टन के बफर स्टॉक से 15.90 रूपये प्रति किलोग्राम की दर से प्याज खरीदकर अपना स्टॉक बना लें ताकि प्याज की कमी वाले महीनों में इस प्याज को सप्लाई कर इसके मूल्य पर अंकुश रख सकें.
'बफर स्टॉक की बात कहकर रद्द की थी स्पलाई'
विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि इस सारे मामले में दिल्ली सरकार का दोहरा चरित्र सामने आता है. 4 अक्टूबर को उसने सप्लाई आर्डर ये कहते हुए रद्द कर दिया कि उसके पास प्याज का बड़ा बफर स्टॉक मौजूद है और उसे प्याज की आवश्यकता नहीं है. जिस वक्त दिल्ली में प्याज का इतना बड़ा संकट चल रहा था, उस समय प्याज की प्रचुर मात्रा में उपलब्धता होने की झूठी बात कहकर सप्लाई को रोक दिया.
'केजरीवाल ने केंद्र की भेजी प्याज ठुकराई'
इसके बाद 9 अक्टूबर को जिस प्याज को उसके उच्चाधिकारियों ने क्वालिटी के लिये प्रमाणित किया था. उसे दिल्ली सरकार ने लेने से इंकार कर दिया. इसके कारण केंद्र की तरफ से भेजी गई प्याज दिल्ली सरकार के माध्यम से आम जनता तक नहीं पहुंचाई जा सकी.