नई दिल्लीः दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में घटिया दवाओं की सप्लाई का मामला लगातार सुर्खियों में है. इसको लेकर दिल्ली सरकार और दिल्ली बीजेपी के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर चल रहा है. इसी बीच दिल्ली के सतर्कता विभाग ने दिल्ली के स्वास्थ्य सचिव को पत्र लिखकर मामले पर चिंता जाहिर की है. साथ ही स्वास्थ्य सचिव से सरकारी अस्पतालों से जल्द घटिया दवाओं को वापस लेने को कहा है.
दिल्ली सतर्कता विभाग की ओर से दिल्ली के स्वास्थ्य सचिव को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि घटिया दवाओं के स्टॉक से किसी भी मरीज को दवा नहीं दी जानी चाहिए. जल्द से जल्द युद्धस्तर पर घटिया दवाओं को अस्पतालों से तुरंत वापस लिया जाए. इतना ही नहीं इन दवाओं की सप्लाई करने वाली कंपनियों को कोई भी भुगतान करने से मना किया गया है. यानी घटिया दवा की सप्लाई करने वाली कंपनियों को इसका पैसा नहीं मिलेगा.
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सतर्कता विभाग ने स्वास्थ्य सचिव से दवाओं के खरीद से संबंधित सभी दस्तावेजों को अपने कब्जे में लेने को कहा है. सतर्कता विभाग ने उन दस्तावेजों की प्रति की भी मांग की है. बता दें, कुछ महीने पहले दिल्ली में कई तरह के दवाओं के सैंपल लिए गए थे. जांच में पांच दवाओं की गुणवत्ता मानक के अनुरूप नहीं पाई गई.
दिल्ली के अस्पतालों में घटिया दवाओं की सप्लाई पर उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने सीबीआई से जांच कराने की सिफारिश की है. उपराज्यपाल ने मुख्य सचिव को एक पत्र भी लिखा था. इसमें उन्होने कहा था कि निजी और सरकारी लैब में जांच के बाद दवाएं खराब गुणवत्ता की निकलीं. यह बेहत चिंता का विषय है. ये दवाएं सरकारी अस्पतालों में मरीजों को दी जा रहीं थी. मोहल्ला क्लीनिकों में भी इन दवाओं की आपूर्ती हो रही थी.
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