नई दिल्ली: विधान सभा सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को भी जमकर हंगामा हुआ और भाजपा विधायक मार्शल आउट कर दिए गए। इससे नाराज विधायकों ने विधान सभा अध्यक्ष से कहा कि आपका तरीका ठीक नहीं है, तो अध्यक्ष ने कहा कि एलजी जो कर रहे हैं, वो कौन-सा तरीका है, क्या वह ठीक है?
यह दृश्य किसी छोटे राज्य का नहीं, देश की राजधानी स्थित दिल्ली विधानसभा सत्र के दूसरे दिन का है. सोमवार को पहले दिन सिर्फ 15 मिनट के बाद ही सदन को स्थगित करना पड़ा था, वहीं, दूसरे दिन दोपहर 12 बजकर 4 मिनट पर जैसे ही कालकाजी से विधायक आतिशी शिक्षा और शिक्षकों की फिनलैंड में ट्रेनिंग के मुद्दे पर अपनी बात रखने वाली थीं, विपक्ष की ओर से हंगामा शुरू हो गया. इसे देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल के निर्देश पर मार्शल द्वारा सभी भाजपा विधायकों को बाहर कर दिया गया. अध्यक्ष ने भाजपा विधायकों को सदन चलने तक बाहर रहने का निर्देश दिया. इस पर भाजपा विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष से कहा कि यह तरीका ठीक नहीं.
इस दौरान आप विधायक आतिशी ने कहा कि यह तो अब जगजाहिर है कि भाजपा वाले शिक्षा पर चर्चा नहीं चाहते. अगर चाहते तो हंगामा शुरू नहीं करते. उन्होंने कहा कि भाजपा के विधायक नहीं चाहते हैं कि बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले. भाजपा वाले चाहते हैं कि देश और दिल्ली के बच्चे इनकी झूठी व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी में पढ़ें. लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री चाहते हैं कि दिल्ली के सभी बच्चों को विश्वस्तरीय शिक्षा मिले. इसलिए दिल्ली सरकार टीचर ट्रेनिंग के लिए शिक्षकों के एक बैच को फिनलैंड भेजना चाह रही है. जब इसकी फाइल एलजी के पास भेजी गई तो उन्होंने इसे रोक दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि एलजी अपने पद का गलत इस्तेमाल कर बेहतर शिक्षा से छात्रों को वंचित करना चाहते हैं.
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आतिशी ने कहा कि मैं एलजी विनय कुमार सक्सेना को बताना चाहती हूं कि, साल 2015 से पहले सरकारी स्कूलों का हाल देखिए. स्कूलों में क्लासरूम की छत टूटी हुई थी, क्लास में शिक्षक नहीं थे और स्कूल में शौचालय नहीं था. लोग मजबूरी में सरकारी स्कूलों में अपने बच्चों का दाखिला कराते थे. लेकिन जब से दिल्ली में केजरीवाल की सरकार बनी, शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति आ गई. हमने कुल बजट का 25 फीसदी शिक्षा पर दिया. इतना ही नहीं, हमनें शिक्षकों की ट्रेनिंग पर भी 100 करोड़ रुपये से अधिक सालाना खर्च किया.
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