नई दिल्ली: राजधानी में बुधवार को नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) की मासिक बैठक हुई. इसमें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी भाग लिया. हालांकि, यह बैठक हंगामें की भेंट चढ़ गई. इसमें न तो आम जनता से जुड़े एजेंडे पर बहस हो पाई, न कोई एजेंडा पास हो सका. वहीं, सीएम केजरीवाल भी बैठक से बीच में ही उठकर चले गए.
इसके बाद एनडीएमसी के उपाध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने बैठक का ब्यौरा देते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने बताया कि आज की हुई एनडीएमसी सदस्यों की मीटिंग को अलग तरह से याद किया जाएगा. मीटिंग दिल्ली के ढोंगी राजा पर आधारित है, जिसने आम जनता के खून पसीने की कमाई का बड़ा हिस्सा अपने शीशमहल पर खर्च किया. उन्होंने कहा कि हमने दिल्ली के मुख्यमंत्री से खर्च हुए रुपए का हिसाब मांगा, लेकिन मुख्यमंत्री कोई जवाब नहीं दे पाए.
वहीं, बीजेपी नेता कुलजीत सिंह चहल ने आरोप लगाया कि जब हम सबने मुख्यमंत्री के शीशमहल या कहें रंगमहल के बारे में जानकारी मांगी तो वे हमें डराने की नीयत से घूरकर देख रहे थे. हमने उनसे आग्रह किया कि हम सभी एमडीएमसी के सदस्य हैं. इस नाते हमें अपने घर पर चाय पिलाने के लिए बुला लीजिए. हम सभी भी महंगे मार्बल और सोफा आदि का आनंद ले सकेंगे. इस पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इन बातों का जवाब न देते हुए एजेंडा पास करने को बोला.
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कुलजीत चहल ने आगे बताया कि हंगामे के बीच जनता से जुड़ा कोई भी मुद्दे का हल नहीं हो सका. बैठक केवल आधे घंटे में ही खत्म हो गई. उन्होंने एक वीडियो भी दिखाया, जिसमें बैठक के दौरान हंगामा होने की आवाजें आ रही थी. वहीं कॉन्ट्रैक्ट कर्मियों के मुद्दे पर एनडीएमसी के उपाध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने बताया कि अभी तक इस पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है. मालूम हो कि निगम चुनाव से पहले कर्मचारियों को नियमित करने का आश्वासन दिया गया था.
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