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लोकसभा में अनाधिकृत कॉलोनी बिल पास, AAP ने BJP से पूछे 5 सवाल

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Published : Nov 28, 2019, 7:42 PM IST

Updated : Nov 28, 2019, 11:30 PM IST

अनाधिकृत कॉलोनियों को अधिकृत कराने की दिल्ली सरकार की अब तक की कोशिशों का जिक्र करते हुए राघव चड्ढा ने कहा कि नवंबर 2015 में ही अरविंद केजरीवाल की सरकार ने इसके लिए प्रस्ताव पारित कर केंद्र को भेज दिया था. उसके बाद लगातार प्रयास करते रहे, लेकिन केंद्र सरकार इस मामले में कुछ नहीं कर सकी. अब जबकि चुनाव नजदीक है, इन्हें दिल्ली की कच्ची कॉलोनियां याद आ रहीं हैं.

Unauthorised colony: Raghav asked 5 questions from BJP
राघव चड्ढा के पांच सवाल

नई दिल्ली: आज लोकसभा में आवास एवं शहरी विकास मंत्री मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (अप्राधिकृत कालोनी निवासी संपत्ति अधिकार मान्यता) विधेयक 2019 पेश किया, जो पास भी हो गया है.

आम आदमी पार्टी मुख्यालय में पार्टी के प्रवक्ता राघव चड्ढा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अनाधिकृत कॉलोनियों को लेकर केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार केवल 100 लोगों को ही रजिस्ट्री देना चाहती है. राघव चड्ढा ने कहा कि मैं दिल्ली की जनता को बताना चाहता हूं कि केंद्र सरकार उनकी आंखों में धूल झोंकने जा रही है. इस दौरान उन्होंने एक नारा भी दिया कि 'झांसे में नहीं आएंगे, केजरीवाल को जिताएंगे.'

राघव ने भाजपा से पूछे 5 सवाल,
अनाधिकृत कॉलोनियों को अधिकृत कराने की दिल्ली सरकार की अब तक की कोशिशों का जिक्र करते हुए राघव चड्ढा ने कहा कि नवंबर 2015 में ही अरविंद केजरीवाल की सरकार ने इसके लिए प्रस्ताव पारित कर केंद्र को भेज दिया था. उसके बाद लगातार प्रयास करते रहे, लेकिन केंद्र सरकार इस मामले में कुछ नहीं कर सकी. अब जबकि चुनाव नजदीक है, इन्हें दिल्ली की कच्ची कॉलोनियां याद आ रहीं हैं.

राघव चड्ढा के पांच सवाल

  1. कच्ची कॉलोनियों को नियमित करने के दिल्ली सरकार के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार 5 साल क्यों कुंभकरण की नींद सोती रही?
  2. दिल्ली सरकार ने जब नवंबर 2015 में ही सैटेलाइट मैपिंग करा ली थी और केंद्र सरकार को उसे भेजा था, तो केंद्र सरकार ने उसे क्यों नहीं माना और अब 4 साल बाद फिर से क्यों उसे ही आधार बना रही है?
  3. 2008 से पहले कांग्रेस ने अनाधिकृत कॉलोनियों के लोगों को प्रोविजनल सर्टिफिकेट बांटे थे और वह सिर्फ चुनाव प्रचार के रूप में काम आया. भाजपा जो लोगों को वेबसाइट एड्रेस दे रही है, क्यों नहीं उसे भी कांग्रेस के प्रोविजनल सर्टिफिकेट के जैसा ही समझा जाए.
  4. 100 लोगों को ही रजिस्ट्री क्यों दी जा रही है? अगर भाजपा की नियत साफ होती, तो सभी 40 लाख लोगों को रजिस्ट्री देने की कोशिश होती, लेकिन सिर्फ 100 लोगों को रजिस्ट्री देना एक सांकेतिक लॉलीपॉप के जैसा ही है.
  5. अगर भाजपा के मन में अनाधिकृत कॉलोनी में रहने वाले लोगों के प्रति सद्भाव है, तो वो बताएं कि 2014 से अब तक अधिकृत कॉलोनियों में क्या काम कराए हैं?


इन सवालों के साथ-साथ राघव चड्ढा ने अनाधिकृत कॉलोनियों में दिल्ली सरकार द्वारा किए कराए जा रहे कामों का भी जिक्र किया. देखने वाली बात होगी कि राघव के सवालों पर भाजपा की तरफ से क्या जवाब सामने आता है.

नई दिल्ली: आज लोकसभा में आवास एवं शहरी विकास मंत्री मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (अप्राधिकृत कालोनी निवासी संपत्ति अधिकार मान्यता) विधेयक 2019 पेश किया, जो पास भी हो गया है.

आम आदमी पार्टी मुख्यालय में पार्टी के प्रवक्ता राघव चड्ढा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अनाधिकृत कॉलोनियों को लेकर केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार केवल 100 लोगों को ही रजिस्ट्री देना चाहती है. राघव चड्ढा ने कहा कि मैं दिल्ली की जनता को बताना चाहता हूं कि केंद्र सरकार उनकी आंखों में धूल झोंकने जा रही है. इस दौरान उन्होंने एक नारा भी दिया कि 'झांसे में नहीं आएंगे, केजरीवाल को जिताएंगे.'

राघव ने भाजपा से पूछे 5 सवाल,
अनाधिकृत कॉलोनियों को अधिकृत कराने की दिल्ली सरकार की अब तक की कोशिशों का जिक्र करते हुए राघव चड्ढा ने कहा कि नवंबर 2015 में ही अरविंद केजरीवाल की सरकार ने इसके लिए प्रस्ताव पारित कर केंद्र को भेज दिया था. उसके बाद लगातार प्रयास करते रहे, लेकिन केंद्र सरकार इस मामले में कुछ नहीं कर सकी. अब जबकि चुनाव नजदीक है, इन्हें दिल्ली की कच्ची कॉलोनियां याद आ रहीं हैं.

राघव चड्ढा के पांच सवाल

  1. कच्ची कॉलोनियों को नियमित करने के दिल्ली सरकार के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार 5 साल क्यों कुंभकरण की नींद सोती रही?
  2. दिल्ली सरकार ने जब नवंबर 2015 में ही सैटेलाइट मैपिंग करा ली थी और केंद्र सरकार को उसे भेजा था, तो केंद्र सरकार ने उसे क्यों नहीं माना और अब 4 साल बाद फिर से क्यों उसे ही आधार बना रही है?
  3. 2008 से पहले कांग्रेस ने अनाधिकृत कॉलोनियों के लोगों को प्रोविजनल सर्टिफिकेट बांटे थे और वह सिर्फ चुनाव प्रचार के रूप में काम आया. भाजपा जो लोगों को वेबसाइट एड्रेस दे रही है, क्यों नहीं उसे भी कांग्रेस के प्रोविजनल सर्टिफिकेट के जैसा ही समझा जाए.
  4. 100 लोगों को ही रजिस्ट्री क्यों दी जा रही है? अगर भाजपा की नियत साफ होती, तो सभी 40 लाख लोगों को रजिस्ट्री देने की कोशिश होती, लेकिन सिर्फ 100 लोगों को रजिस्ट्री देना एक सांकेतिक लॉलीपॉप के जैसा ही है.
  5. अगर भाजपा के मन में अनाधिकृत कॉलोनी में रहने वाले लोगों के प्रति सद्भाव है, तो वो बताएं कि 2014 से अब तक अधिकृत कॉलोनियों में क्या काम कराए हैं?


इन सवालों के साथ-साथ राघव चड्ढा ने अनाधिकृत कॉलोनियों में दिल्ली सरकार द्वारा किए कराए जा रहे कामों का भी जिक्र किया. देखने वाली बात होगी कि राघव के सवालों पर भाजपा की तरफ से क्या जवाब सामने आता है.

Intro:अनधिकृत कॉलोनियों से जुड़ा बिल केंद्र सरकार सदन के पटल पर रख चुकी है. लेकिन आम आदमी पार्टी अब भी इसे लेकर केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल उठा रही है.


Body:नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी मुख्यालय में पार्टी के प्रवक्ता राघव चड्ढा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अनधिकृत कॉलोनियों को लेकर केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार केवल 100 लोगों को ही रजिस्ट्री देना चाहती है. राघव चड्ढा ने कहा कि मैं दिल्ली की जनता को बताना चाहता हूं कि केंद्र सरकार उनकी आंखों में धूल झोंकने जा रही है. इस दौरान उन्होंने एक नारा भी दिया कि

'झांसे में नहीं आएंगे,
केजरीवाल को जिताएंगे.'

अनधिकृत कॉलोनियों को अधिकृत कराने की दिल्ली सरकार की अब तक की कोशिशों का जिक्र करते हुए राघव चड्ढा ने कहा कि नवंबर 2015 में ही अरविंद केजरीवाल की सरकार ने इसके लिए प्रस्ताव पारित कर केंद्र को भेज दिया था. उसके बाद लगातार प्रयास करते रहे, लेकिन केंद्र सरकार इस मामले में कुछ नहीं कर सकी. अब जबकि चुनाव नजदीक है, इन्हें दिल्ली की कच्ची कॉलोनियां याद आ रहीं हैं.

राघव चड्ढा ने इस दौरान केंद्र सरकार के सामने अपने पांच सवाल भी रखे.

1. कच्ची कॉलोनियों को नियमित करने के दिल्ली सरकार के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार 5 साल क्यों कुंभकरण की नींद सोती रही?

2. दिल्ली सरकार ने जब नवंबर 2015 में ही सैटेलाइट मैपिंग करा ली थी और केंद्र सरकार को उसे भेजा था, तो केंद्र सरकार ने उसे क्यों नहीं माना और अब 4 साल बाद फिर से क्यों उसे ही आधार बना रही है?

3. 2008 से पहले कांग्रेस ने अनधिकृत कॉलोनियों के लोगों को प्रोविजनल सर्टिफिकेट बांटे थे और वह सिर्फ चुनाव प्रचार के रूप में काम आया. भाजपा जो लोगों को वेबसाइट एड्रेस दे रही है, क्यों नहीं उसे भी कांग्रेस के प्रोविजनल सर्टिफिकेट के जैसा ही समझा जाए.

4. 100 लोगों को ही रजिस्ट्री क्यों दी जा रही है? अगर भाजपा की नियत साफ होती, तो सभी 40 लाख लोगों को रजिस्ट्री देने की कोशिश होती, लेकिन सिर्फ 100 लोगों को रजिस्ट्री देना एक सांकेतिक लॉलीपॉप के जैसा ही है.

5. अगर भाजपा के मन में अनधिकृत कॉलोनी में रहने वाले लोगों के प्रति सद्भाव है, तो वो बताएं कि 2014 से अब तक अधिकृत कॉलोनियों में क्या काम कराए हैं?



Conclusion:इन सवालों के साथ-साथ राघव चड्ढा ने अनधिकृत कॉलोनियों में दिल्ली सरकार द्वारा किए कराए जा रहे कामों का भी जिक्र किया. देखने वाली बात होगी कि राघव के सवालों पर भाजपा की तरफ से क्या जवाब सामने आता है.
Last Updated : Nov 28, 2019, 11:30 PM IST
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