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Delhi Fire Service: कहीं भी लगी हो आग, जल्द काबू पाएगा 'ब्रह्मास्त्र', बेड़े में दो 'स्नेक आर्म लेडर' शामिल

राजधानी दिल्ली में इन दिनों आगजनी की घटनाएं खूब हो रही है. वहीं दिल्ली फायर सर्विस दो ऐसे वाहन को अपने बेड़े में शामिल किया है, जो किसी भी बिल्डिंग किसी भी हिस्से में आग लगी होगी तो उसपर काबू पा लेगा. यह वाहन मेक इन इंडिया है और इसे दिल्ली फायर सर्विस का 'ब्रह्मास्त्र' कहा जाता है. चूंकि यह एक स्थान पर रहकर बिल्डिंग के किसी भी हिस्से में पहुंच सकता है, इसलिए इसे 'स्नेक आर्म लेडर' भी कहा जाता है.

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Published : Jun 16, 2023, 11:15 AM IST

Updated : Jun 16, 2023, 1:38 PM IST

दिल्ली फायर सर्विस के बेड़े में दो 'स्नेक आर्म लेडर' शामिल

नई दिल्लीः राजधानी दिल्ली में जिस तरह से ऊंची बिल्डिंग की संख्या बढ़ी है, दमकल की गाड़ियों की संख्या भी उसी तरह से बढ़ रही है. लेकिन राजधानी में ऊंची इमारतों में लगी आग पर काबू पाने के लिए ऑस्ट्रिया, जर्मनी और फिनलैंड से बनकर आई 10 से 12 करोड़ की गाड़ियों का इस्तेमाल किया जाता है. वहीं, फायर ब्रिगेड में अब ऐसी ही दो ऐसी गाड़ियां शामिल हुई है जो 'मेक इन इंडिया' है और विदेशी गाड़ियों से भी आधी कीमत की है. इतना ही नहीं, खास बात यह है कि यह गाड़ियां सांप की तरह अलग-अलग हिस्सों की खिड़कियों के अंदर बिल्डिंग में पहुंचकर आग बुझाने का काम करती है. यह गाड़ियां 10वीं मंजिल तक की आग पर बिना फायरमैन के बुझा सकेगी. लगभग 6-6 करोड़ की दो गाड़ियों को गुरुवार शाम हेडक्वार्टर में इन वाहनों को सौंपा गया.

इन वाहनों की मदद से 36 मीटर की ऊंचाई पर लगी आग को बिना किसी मेन पावर के काबू में किया जा सकता है. इतना ही नहीं, इसमें अत्याधुनिक कैमरे भी लगे हैं जिससे यह देखा जा सकता है कि ऊपर के किस हिस्से में आग लगी है और कहां-कहां पर लोग फंसे हैं. पूरा सिस्टम रिमोट से ऑपरेट किया जाता है. नीचे लगे स्क्रीन पर ऊपरी घटनाएं साफ दिखती है. इस गाड़ी को दिल्ली फायर सर्विस 'ब्रह्मास्त्र' के रूप में मान रही है.

अभी जो गाड़ियां फायर ब्रिगेड के बेड़े में शामिल हैं, वह ऊंची इमारतों की आग को बुझाने में कामयाब तो जरूर है, लेकिन उसमें फायरकर्मी ऊपर तक पहुंचता है और वह फिर मैनुअली पानी की बौछार करता है. इसमें दिक्कत यह होती है कि जब बिल्डिंग में आग लगी होती है, तो ज्यादा हिट होने की वजह से वहां पर किसी का नजदीक पहुंचकर पानी डालना मुश्किल होता है. लेकिन यह 'स्नेक आर्म लेडर' वाहन में ऐसा नहीं होगा और यह खिड़की के सहारे ऊपरी मंजिल में घुसकर पानी की बौछार करेगी. साथ ही यदि बिल्डिंग की दूसरी तरफ यदि आग लगी है, तो वहां भी पहुंच करके आग पर आसानी से काबू पाने में मददगार साबित होगी.

ये भी पढ़ेंः Mukherjee Nagar: बिना पंजीकरण अवैध तरीके से चल रहे हैं कई कोचिंग सेंटर, सुरक्षा मानकों का नहीं रखते ध्यान

इस गाड़ी को बनाने वाली इंडियन कंपनी के अधिकारी ने कहा कि यह गाड़ी दिल्ली फायर ब्रिगेड के लिए बहुत ही कारगर साबित होगी, क्योंकि इससे पहले 55 मीटर ऊंचाई पर आग बुझाने वाली ऐसे ही गाड़ी को मुंबई फायर सर्विस को दिया गया है. वहां की बिल्डिंग की ऊंचाई दिल्ली की बिल्डिंग से काफी ज्यादा है. अब यह दो गाड़ियां दिल्ली फायर सर्विस को दी गई है. इसके बाद और भी मेट्रो सिटीज में इस तरह की गाड़ियों की डिमांड है. इस गाड़ी की सबसे खास बात यह है कि बिना किसी फायरमैन को ऊपरी हिस्से में लगे आग पर आसानी से काबू पाया जा सकता है.

ये भी पढे़ंः Fire in Mukherjee nagar: दिल्ली के मुखर्जी नगर में कोचिंग सेंटर में लगी भीषण आग, खिड़की से कूदे छात्र

दिल्ली फायर सर्विस के बेड़े में दो 'स्नेक आर्म लेडर' शामिल

नई दिल्लीः राजधानी दिल्ली में जिस तरह से ऊंची बिल्डिंग की संख्या बढ़ी है, दमकल की गाड़ियों की संख्या भी उसी तरह से बढ़ रही है. लेकिन राजधानी में ऊंची इमारतों में लगी आग पर काबू पाने के लिए ऑस्ट्रिया, जर्मनी और फिनलैंड से बनकर आई 10 से 12 करोड़ की गाड़ियों का इस्तेमाल किया जाता है. वहीं, फायर ब्रिगेड में अब ऐसी ही दो ऐसी गाड़ियां शामिल हुई है जो 'मेक इन इंडिया' है और विदेशी गाड़ियों से भी आधी कीमत की है. इतना ही नहीं, खास बात यह है कि यह गाड़ियां सांप की तरह अलग-अलग हिस्सों की खिड़कियों के अंदर बिल्डिंग में पहुंचकर आग बुझाने का काम करती है. यह गाड़ियां 10वीं मंजिल तक की आग पर बिना फायरमैन के बुझा सकेगी. लगभग 6-6 करोड़ की दो गाड़ियों को गुरुवार शाम हेडक्वार्टर में इन वाहनों को सौंपा गया.

इन वाहनों की मदद से 36 मीटर की ऊंचाई पर लगी आग को बिना किसी मेन पावर के काबू में किया जा सकता है. इतना ही नहीं, इसमें अत्याधुनिक कैमरे भी लगे हैं जिससे यह देखा जा सकता है कि ऊपर के किस हिस्से में आग लगी है और कहां-कहां पर लोग फंसे हैं. पूरा सिस्टम रिमोट से ऑपरेट किया जाता है. नीचे लगे स्क्रीन पर ऊपरी घटनाएं साफ दिखती है. इस गाड़ी को दिल्ली फायर सर्विस 'ब्रह्मास्त्र' के रूप में मान रही है.

अभी जो गाड़ियां फायर ब्रिगेड के बेड़े में शामिल हैं, वह ऊंची इमारतों की आग को बुझाने में कामयाब तो जरूर है, लेकिन उसमें फायरकर्मी ऊपर तक पहुंचता है और वह फिर मैनुअली पानी की बौछार करता है. इसमें दिक्कत यह होती है कि जब बिल्डिंग में आग लगी होती है, तो ज्यादा हिट होने की वजह से वहां पर किसी का नजदीक पहुंचकर पानी डालना मुश्किल होता है. लेकिन यह 'स्नेक आर्म लेडर' वाहन में ऐसा नहीं होगा और यह खिड़की के सहारे ऊपरी मंजिल में घुसकर पानी की बौछार करेगी. साथ ही यदि बिल्डिंग की दूसरी तरफ यदि आग लगी है, तो वहां भी पहुंच करके आग पर आसानी से काबू पाने में मददगार साबित होगी.

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इस गाड़ी को बनाने वाली इंडियन कंपनी के अधिकारी ने कहा कि यह गाड़ी दिल्ली फायर ब्रिगेड के लिए बहुत ही कारगर साबित होगी, क्योंकि इससे पहले 55 मीटर ऊंचाई पर आग बुझाने वाली ऐसे ही गाड़ी को मुंबई फायर सर्विस को दिया गया है. वहां की बिल्डिंग की ऊंचाई दिल्ली की बिल्डिंग से काफी ज्यादा है. अब यह दो गाड़ियां दिल्ली फायर सर्विस को दी गई है. इसके बाद और भी मेट्रो सिटीज में इस तरह की गाड़ियों की डिमांड है. इस गाड़ी की सबसे खास बात यह है कि बिना किसी फायरमैन को ऊपरी हिस्से में लगे आग पर आसानी से काबू पाया जा सकता है.

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Last Updated : Jun 16, 2023, 1:38 PM IST
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