नई दिल्ली/नोएडा: नोएडा के साइबर क्राइम थाना पुलिस ने उत्तर प्रदेश के वाराणसी से धोखाधड़ी करने करने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपी केवाईसी अपडेट कराने के नाम पर लोगों के साथ धोखाधड़ी करने का काम कर रहे थे. पकड़े गए आरोपियों में एक आरोपी ने बीटेक की पढ़ाई की हैं, तो दूसरा इलेक्ट्रिकल से आईटीआई किए हुए हैं.
पुलिस के अनुसार दोनों ही आरोपी शातिर किस्म के धोखाधड़ी करने वाले हैं, इनके खिलाफ मार्च महीने में एक पीड़िता ने मुकदमा दर्ज कराया गया था और पुलिस मामले की जांच करते हुए अब जाकर इन्हें गिरफ्तार करने का काम किया गया है. इन्होंने अब तक सैकड़ों लोगों को अपना शिकार बनाया है. (Two arrested for cheating in name of KYC, relationship with Jamtara cyber gang)
नोएडा के सेक्टर 36 स्थित साइबरक्राइम थाने पर आशा कौल ने तहरीर दी कि पीएनबी पेंशन बैंक खाता की केवाईसी अपडेट कराने के लिए 15 फरवरी 2022 को बैंक अधिकारी बनकर 625000 रुपए की धोखाधड़ी कर चार विभिन्न बैंक खातों में जमा करा लिया गया. पीड़िता ने इस संबंध में 12 मार्च 2022 को मुकदमा दर्ज कराया गया था.
पीड़िता की शिकाययत पर साइबर क्राइम थाना पुलिस ने धारा 419, 420 और 66/66D आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया. जांच के दौरान मिले साक्ष्य के आधार पर धारा 467, 468, 471, 120बी आईपीसी की बढ़ोतरी की गई. आरोपियों की पहचान 26 वर्षीय अंकित कुमार और 25 वर्षीय सूरज सिंह के रूप में हुई है. इनसे पूछताछ में सामने आया कि इनके खातों में धोखाधड़ी किए हुए लाखों रुपए हैं. दोनों ही आरोपियों के पास से पुलिस ने तीन मोबाइल फोन और 7 सिम बरामद किया है.
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इस मामले में साइबरक्राइम थाना प्रभारी रीता यादव ने बताया कि जांच में गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ करने पर प्रकाश में आया कि आरोपी अंकित ने सूरज का बैंक खाता खोलने के लिए सीसीजी इंटरप्राइजेज के नाम पर आईसीआईसीआई बैंक वाराणसी में अकाउंट से कमीशन बेस पर खाता खुलवाया. उस खाते का एटीएम, रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर, सिम बैंक चेक बुक अपने सरगना को दे दिया, जिसका मोटा कमीशन दोनों प्राप्त किए.
अंकित ने अंकित इंटरप्राइजेज के नाम पर अपना स्वयं का भी बैंक खाता खुलवाया, जिसमें धोखाधड़ी के करोड़ों रुपए का आना पाया गया. ऐसे ही अन्य सौ से डेढ़ सौ व्यक्तियों के खाते खुलवाए गए और उनका एटीएम, रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर, सिम, चेक बुक अपने गैंग को देते हैं. आरोपियों का जामताड़ा, झारखंड के साइबर अपराधियों का एक गैंग है.
उन्होंने बताया कि यह संगठित गैंग, बैंक खाता धारकों को बैंक अधिकारी बनकर कॉल कर के ऑनलाइन केवाईसी अपडेट करने को कहते हैं. बैंक खाता धारकों के मोबाइल में एनीडेक्स एप्लीकेशन डाउनलोड करा कर ओटीपी लेकर उनके बैंक खातों से लाखों रुपए की धोखाधड़ी कर ट्रांसफर कर लेते हैं. इनके अन्य अपराधिक इतिहास के बारे में और जानकारी की जा रही है.
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