नई दिल्लीः दिल्ली सरकार के फैसलों और फाइलों को लेकर उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच तकरार जारी है. यही कारण है कि दोनों के बीच लंबे समय से कोई बैठक नहीं हुई है. वहीं, दिल्ली की सुरक्षा के मुद्दे पर जब उपराज्यपाल ने पुलिस मुख्यालय में तमाम डीसीपी के साथ मीटिंग की तो उस पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर अपनी प्रतिक्रिया दी. इस पर उपराज्यपाल ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी.
सोशल मीडिया पर LG और CM आमने-सामनेः एक अखबार की रिपोर्ट के क्लिप को ट्वीट करते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लिखा- दिल्ली में पिछले एक साल में कानून व्यवस्था बहुत ज्यादा खराब हो गई है. ये जानकर अच्छा लगा कि LG साहिब ने आखिरकार कानून व्यवस्था पर मीटिंग ली. LG साहब को कानून व्यवस्था पर ध्यान देना चाहिए और ऐसी मीटिंग जल्दी जल्दी करनी चाहिए.
उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने उनके ट्वीट को रीट्वीट किया कि मुख्यमंत्री जी को जान कर खुशी होगी कि मैं हर सप्ताह पुलिस आयुक्त/विशेष आयुक्तों के साथ कानून व्यवस्था की समीक्षा करता हूं. चुनौतियों के बावजूद दिल्ली पुलिस सराहनीय कार्य कर रही है. पुलिस की यथोचित प्रशंसा और निंदा मेरी समावेशी-निरपेक्ष कार्यशैली का हिस्सा हैं. आशा है आप भी सीखेंगे.
वहीं, एलजी के इस ट्वीट का जवाब देते हुए केजरीवाल ने ट्वीट किया- मुझे आश्चर्य है आप दिल्ली की कानून व्यवस्था से संतुष्ट हैं. पिछले एक वर्ष में कानून व्यवस्था बहुत खराब हो गयी है. लोग बहुत असुरक्षित महसूस करने लगे हैं. इसका मतलब जो भी किया जा रहा है, वो पर्याप्त नहीं है. रोज दिल्ली वालों के काम रोकने, राजनीति करने की बजाय इस पर ध्यान दीजिए.
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रोज़ दिल्ली वालों के काम रोकने, राजनीति करने की बजाय इस पर ध्यान दीजिए https://t.co/sg5qWQaTbNमुझे आश्चर्य है आप दिल्ली की क़ानून व्यवस्था से संतुष्ट हैं। पिछले 1 वर्ष में क़ानून व्यवस्था बहुत ख़राब हो गयी है। लोग बहुत असुरक्षित महसूस करने लगे हैं। इसका मतलब जो भी किया जा रहा है, वो पर्याप्त नहीं है।
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रोज़ दिल्ली वालों के काम रोकने, राजनीति करने की बजाय इस पर ध्यान दीजिए https://t.co/sg5qWQaTbN
दरअसल, मंगलवार को दिल्ली के एलजी ने पुलिस मुख्यालय में जिले के तमाम डिसीपी और पुलिस अधिकारियों के साथ एक मीटिंग की थी. पिछले कुछ महीनों में दिल्ली में हुई कुछ घटनाओं को लेकर दिल्ली पुलिस के काम करने के तरीकों पर सवाल भी उठाया था और दिल्ली पुलिस को नसीहत भी दी थी कि थाना चौकी या बीटबॉक्स पर आने वाले लोगों की देखभाल के मामले में जवाबदेही पुलिस की प्राथमिकता होनी चाहिए. उन्होंने कहा था कि शिकायतकर्ता जो पहले से ही दबाव और तनाव में रहता है, उसके साथ संवेदनशील व्यवहार किया जाना चाहिए, जिससे उसकी परेशानी कुछ हद तक कम हो.
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उन्होंने कहा कि एनसीआरबी के आंकड़ों से पता चलता है कि दिल्ली का प्रति लाख जनसंख्या पर हिंसक अपराध के मामलों में तीसरा स्थान है, जबकि महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में यह पूरे देश में दूसरे स्थान पर है. ऐसे तथ्य के बावजूद हमारे पास दिल्ली में लगभग 81000 पुलिस बल उपलब्ध है. उन्होंने श्रद्धा मामले का भी जिक्र करते हुए कहा कि हाल ही में एक लड़की की हत्या कर उसके कई टुकड़े करके दिल्ली में फेंके जाने की घटना का खुलासा कई महीनों बाद हुआ. हमें इसमें सुधार लाना होगा.