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Delhi NCR में Pollution से आफत, कई इलाकों का AQI फिर पहुंचा Red Zone में

देश की राजधानी दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण (pollution in delhi ncr) से स्थिति फिर खराब होती जा रही है.लकई इलाकों का वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एयर क्वालिटी इंडेक्स (Air Quality Index) फिर रेड जोन में (in red zone) पहुंच गया है. सुबह एनसीआर के कई इलाकों में हल्की धुंध की चादर भी देखी गई.

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Published : Nov 23, 2022, 1:56 PM IST

Updated : Nov 23, 2022, 3:07 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली एनसीआर में बुधवार को भी प्रदूषण का कहर जारी है. एनसीआर के कई इलाकों का प्रदूषण स्तर खराब श्रेणी (200-300 AQI) में दर्ज किया गया है. सुबह एनसीआर के कई इलाकों में हल्की धुंध की चादर भी देखने को मिली है. प्रदूषण के कारण लोगों को स्वास्थ संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. दिल्ली के एनएसआईटी द्वारका, आनंद विहार और बुराड़ी क्रासिंग का प्रदूषण स्तर रेड जोन में दर्ज किया गया है, जबकि अलीपुर, शादीपुर, मंदिर मार्ग, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, नेहरू नगर, पटपड़गंज, अशोक विहार, सोनिया विहार, जहांगीरपुरी, रोहिणी विवेक विहार, नजफगढ़, नरेला, वजीरपुर, बवाना, पूसा, मुंडका का प्रदूषण स्तर खराब श्रेणी में दर्ज किया गया है.

दिल्ली-एनसीआर के प्रमुख इलाकों का प्रदूषण स्तर :-

दिल्ली
आरके पुरम: -187
सिरी फोर्ट:- 243
एनएसआईटी द्वारका:- 310
आईटीओ, 144
अलीपुर, 240
पंजाबी बाग, 251
पूसा, 161
नेहरू नगर, 287
अशोक विहार, 225

गाजियाबाद
लोनी, 198
इंदिरापुरम, 137

नोएडा
सेक्टर 62, 262
सेक्टर 116, 148
सेक्टर 125, 148

ये भी पढ़ें :- दिल्ली में युवक ने किया माता-पिता समेत परिवार के चार लोगों का मर्डर

एयर क्वालिटी इंडेक्स (Air Quality Index) जब 0-50 होता है तो इसे 'अच्छी' श्रेणी में माना जाता है. 51-100 को 'संतोषजनक', 101-200 को 'मध्यम', 201-300 को 'खराब', 301-400 को 'अत्यंत खराब', 400-500 को 'गंभीर' और 500 से ऊपर एयर क्वालिटी इंडेक्स को 'बेहद गंभीर' माना जाता है. विशेषज्ञों के मुताबिक हवा में मौजूद बारीक कण (10 से कम पीएम के मैटर), ओजोन, सल्फर डायऑक्साइड, नाइट्रिक ऑक्साइड, कार्बन मोनो और डायऑक्साइड सभी सांस की नली में सूजन, एलर्जी और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं.

घर पर तैयार करें कॉटन मास्क:- जो लोग अधिकतर समय खुले में बिताते हैं उन्हें प्रदूषण काफी नुकसान पहुंचाता है. ऐसे में प्रदूषण से बचने के लिए उपाय करना भी बेहद जरूरी है. खुले भी अधिकतर समय बिताने वाले लोग घर में कॉटन का 4 लेयर का मास्क तैयार कर सकते हैं. जिसे गीला करके वह अपने चेहरे पर लगा सकते हैं. जिससे कि पार्टिकुलेट मैटर सास के रास्ते शरीर में प्रवेश नहीं कर पाते हैं. गीला होने के चलते पार्टिकुलेट मैटर मास्क में चिपक जाते हैं. हालांकि मार्च को समय-समय पर धोने की आवश्यकता होती है.


बाहर निकलने से करें परहेज:- सुबह और शाम लोग टहलने जाते हैं. खासकर बुजुर्ग और बच्चे शाम के वक्त पार्कों में दिखाई देते हैं. प्रदूषण से सबसे ज्यादा खतरा बुजुर्ग और बच्चों को होता है. जब प्रदूषण का स्तर सामान्य से काफी अधिक हो तो घर के बाहर जाने से बचें. खासकर वह लोग जिन की प्रतिरोधक क्षमता कम है. बच्चों और बुजुर्गों को भी बाहर जाने से परहेज करना चाहिए. एक्सरसाइज आदि भी घर के अंदर करें.

ये भी पढ़ें :- पहाड़ों में बर्फबारी के चलते दिल्ली के तापमान में आई गिरावट, मौसम सामान्य

नई दिल्ली : दिल्ली एनसीआर में बुधवार को भी प्रदूषण का कहर जारी है. एनसीआर के कई इलाकों का प्रदूषण स्तर खराब श्रेणी (200-300 AQI) में दर्ज किया गया है. सुबह एनसीआर के कई इलाकों में हल्की धुंध की चादर भी देखने को मिली है. प्रदूषण के कारण लोगों को स्वास्थ संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. दिल्ली के एनएसआईटी द्वारका, आनंद विहार और बुराड़ी क्रासिंग का प्रदूषण स्तर रेड जोन में दर्ज किया गया है, जबकि अलीपुर, शादीपुर, मंदिर मार्ग, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, नेहरू नगर, पटपड़गंज, अशोक विहार, सोनिया विहार, जहांगीरपुरी, रोहिणी विवेक विहार, नजफगढ़, नरेला, वजीरपुर, बवाना, पूसा, मुंडका का प्रदूषण स्तर खराब श्रेणी में दर्ज किया गया है.

दिल्ली-एनसीआर के प्रमुख इलाकों का प्रदूषण स्तर :-

दिल्ली
आरके पुरम: -187
सिरी फोर्ट:- 243
एनएसआईटी द्वारका:- 310
आईटीओ, 144
अलीपुर, 240
पंजाबी बाग, 251
पूसा, 161
नेहरू नगर, 287
अशोक विहार, 225

गाजियाबाद
लोनी, 198
इंदिरापुरम, 137

नोएडा
सेक्टर 62, 262
सेक्टर 116, 148
सेक्टर 125, 148

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एयर क्वालिटी इंडेक्स (Air Quality Index) जब 0-50 होता है तो इसे 'अच्छी' श्रेणी में माना जाता है. 51-100 को 'संतोषजनक', 101-200 को 'मध्यम', 201-300 को 'खराब', 301-400 को 'अत्यंत खराब', 400-500 को 'गंभीर' और 500 से ऊपर एयर क्वालिटी इंडेक्स को 'बेहद गंभीर' माना जाता है. विशेषज्ञों के मुताबिक हवा में मौजूद बारीक कण (10 से कम पीएम के मैटर), ओजोन, सल्फर डायऑक्साइड, नाइट्रिक ऑक्साइड, कार्बन मोनो और डायऑक्साइड सभी सांस की नली में सूजन, एलर्जी और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं.

घर पर तैयार करें कॉटन मास्क:- जो लोग अधिकतर समय खुले में बिताते हैं उन्हें प्रदूषण काफी नुकसान पहुंचाता है. ऐसे में प्रदूषण से बचने के लिए उपाय करना भी बेहद जरूरी है. खुले भी अधिकतर समय बिताने वाले लोग घर में कॉटन का 4 लेयर का मास्क तैयार कर सकते हैं. जिसे गीला करके वह अपने चेहरे पर लगा सकते हैं. जिससे कि पार्टिकुलेट मैटर सास के रास्ते शरीर में प्रवेश नहीं कर पाते हैं. गीला होने के चलते पार्टिकुलेट मैटर मास्क में चिपक जाते हैं. हालांकि मार्च को समय-समय पर धोने की आवश्यकता होती है.


बाहर निकलने से करें परहेज:- सुबह और शाम लोग टहलने जाते हैं. खासकर बुजुर्ग और बच्चे शाम के वक्त पार्कों में दिखाई देते हैं. प्रदूषण से सबसे ज्यादा खतरा बुजुर्ग और बच्चों को होता है. जब प्रदूषण का स्तर सामान्य से काफी अधिक हो तो घर के बाहर जाने से बचें. खासकर वह लोग जिन की प्रतिरोधक क्षमता कम है. बच्चों और बुजुर्गों को भी बाहर जाने से परहेज करना चाहिए. एक्सरसाइज आदि भी घर के अंदर करें.

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Last Updated : Nov 23, 2022, 3:07 PM IST
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