नई दिल्ली/नोएडा: नोएडा के स्कूल-कॉलेज की बसों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर लापरवाही बरती जा रही है. नोएडा के 165 स्कूल बसों की फिटनेस खत्म हो चुकी है. इसके बावजूद फिटनेस जांच नहीं कराई गई. वहीं, फिटनेस के अलावा रोड टैक्स जमा न होने समेत अन्य कमियां मिलने पर परिवहन विभाग ने 379 बसों को काली सूची में डाल दिया है. आटीओ विभाग इन बसों के खिलाफ कार्यवाही करने में लगा है.
परिवहन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, स्कूल-कॉलेज की 1646 बस पंजीकृत हैं. जनवरी से 12 दिसंबर तक चलाए गए जांच अभियान में कमी मिलने पर 295 बस के चालान किए गए हैं. वहीं, 81 बस सीज की गई हैं. 113 चालान बिना फिटनेस जांच के कारण बस के पकड़े जाने पर किए गए हैं. वहीं, एआरटीओ विभाग का कहना है कि यह कार्रवाई आगे भी लगातार जारी रहेगी और बच्चों की सुरक्षा से खिलवाड़ करने वाले स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
एआरटीओ प्रशासन सियाराम वर्मा ने कहा कि वर्तमान समय में 99 ऐसी स्कूल बस हैं, जिनके प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र की अवधि खत्म हो गई है. बस को दुरुस्त कराने के लिए लगातार नोटिस भेजे जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि काली सूची में वे बस डाली गई है, जिनकी फिटनेस जांच नोटिस के बाद भी नहीं कराई गई है. बस 15 साल की अवधि पूरी कर चुकी है, रोड टैक्स नहीं जमा होने समेत अन्य कमियां हैं. काली सूची में शामिल बस यदि सड़क पर दौड़ती मिलेंगी तो जब्त कर ली जाएंगी.
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उन्होंने कहा कि एनजीटी के आदेशानुसार 15 साल पुरानी सीएनजी और पेट्रोल, जबकि दस वर्ष पुराने पेट्रोल वाहनों को चलाने पर पाबंदी है. ऐसी जानकारी भी मिली है कि 15 साल की अवधि पूरी करने के बाद स्कूल ने दूसरे जिले में बस को ले जाने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र तो ले लिया है, लेकिन उसका पालन नहीं किया जा रहा है. इनमें से कुछ बस जिले में ही दौड़ रही हैं. उन्होंने कहा कि 1060 स्कूल बस के लिए नोटिस भेजे गए हैं.
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