नई दिल्ली: सेक्स री-असाइनमेंट ट्रांसजेंडर समुदाय की एक बड़ी समस्या है. इसे लेकर आए दिन ट्रांसजेंडर आवाज उठाते रहते हैं, लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं होती. दिल्ली के गिने चुने अस्पतालों में ही यह सुविधा उपलब्ध है और जहां है भी वहां बहुत पैसे खर्च करने पड़ते हैं.
आयोग ने केंद्र और राज्य सरकार को जारी किया नोटिस
यह मुद्दा जब दिल्ली महिला आयोग तक पहुंचा. तो इसे लेकर आयोग ने केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है. दिल्ली महिला आयोग ने हाल में ट्रांसजेंडरों के लिए एक अलग सेल बनाई थी. जो इस समुदाय की समस्याओं को देखती है.
इस सेल के अंतर्गत दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्षा स्वाती मालीवाल और सदस्या प्रोमिला गुप्ता ने पिछले एक महीने में ट्रांसजेंडरों के साथ कई मीटिंग की.
इन मीटिंग्स के दौरान ट्रांसजेंडरों के सामने आने वाली समस्याओं सहित कई मुद्दों पर बात भी की. जिसमें ट्रांसजेंडरों के सेक्स री-असाइनमेंट से जुड़ी समस्या सामने आई.
कुछ ही अस्पतालों में है सेक्स री-असाइनमेंट की सुविधा
ट्रांसजेंडरों ने आयोग को बताया कि यह सुविधा दिल्ली में कुछ ही अस्पतालों में उपलब्ध है और वहां भी इसके लिए बहुत ज्यादा लम्बा इंतज़ार करना पड़ता है.
इसके बाद इस मामले में संज्ञान लेते हुए दिल्ली महिला आयोग ने दिल्ली और केंद्र के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग को नोटिस जारी करके पूछा है कि क्या सरकारी अस्पतालों में सेक्स री-असाइनमेंट सर्जरी की सुविधा मुफ्त उपलब्ध है.
31 जुलाई तक मांगा नोटिस का जवाब
इस नोटिस में यह भी कहा गया है कि अब तक की गई सर्जरी और वर्तमान में लंबित सर्जरी की जानकारी भी दी जाए और यह भी बताया जाए कि सभी सरकारी अस्पतालों में एसआरएस की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं.
31 जुलाई तक इस नोटिस का जवाब मांगा गया है. अब देखना यह है कि इस नोटिस पर केंद्र और राज्य के स्वास्थ्य विभाग का क्या जवाब आता है और ट्रांसजेंडरों की इस समस्या से कब तक निजात मिल पाती है.