नई दिल्ली: भारतीय इतिहास में रुचि रखने वाले लोगों के लिए खुशखबरी है. उन्हें अब एक छत के नीचे एक-दो साल नहीं, बल्कि 2500 साल पुराने इतिहास से रू-ब-रू होने का मौका मिलेगा. दरअसल, मथुरा रोड स्थित पुराना किला में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) यहां पर बनाए गए म्यूजियम में खुदाई में निकली 2500 साल पुरानी चीजों को प्रदर्शित करने जा रहा है. एएसआई का मानना है कि हम लोगों को दिखाना चाहते हैं कि इस किले में विभिन्न काल में कौन कौन-सी सभ्यताओं के अंश रहे.
बता दें कि बीते माह एएसआई को यहां खुदाई में 2500 साल का इतिहास मिला है. एएसआई को यहां पर पूर्व-मौर्यन, मौर्य, शुंग, कुषाण, गुप्त और राजपूत काल के समय की चीजें मिली हैं, जिसमें भगवान विष्णु, भगवान गणेश सहित माता लक्ष्मी की मूर्तियां शामिल हैं. इसके साथ ही साथ कुछ सिक्के मिले हैं, जो इस बात का प्रमाण देते हैं कि यमुना नदी से सटा यह किला विभिन्न काल में व्यापार के लिए मुख्य केंद्र था. एएसआई का कहना है कि किले के अंदर बनाए गए म्यूजियम में इन सभी चीजों को रखा जाएगा. उम्मीद है कि साल के अंत तक आम जनता के लिए यह खोल दिया जाएगा.
क्या कहती हैं मंत्री
मोदी सरकार में मंत्री मीनाक्षी लेखी कहती हैं कि एएसआई पुराना किला में खुदाई का काम कर रही है. मैंने बीते दिनों इस साइट का दौरा किया था. यह साइट दिल्ली के निरंतर इतिहास के उजागर साक्ष्यों का खजाना है और इसमें लगभग 2500 वर्षों के इतिहास का पता चला है, जिसमें 9 सांस्कृतिक स्तर उजागर हुए हैं, जिनमें पूर्व-मौर्यन, मौर्य, शुंग, कुषाण, गुप्त और राजपूत शामिल हैं. इस स्थल की पहचान इंद्रप्रस्थ के हिस्से के रूप में की गई है. खुदाई से प्राप्त अवशेषों को आम जनता के लिए संग्रहालय में संरक्षित किया जाएगा और जल्द ही यह स्थल भी आम जनता के देखने के लिए खोल दिया जाएगा.
पहला ऐसा किला जहां 2500 साल का इतिहास
एएसआई के अधिकारी कहते हैं कि देश में यह पहला ऐसा किला है, जहां 2500 साल के इतिहास के साक्ष्य दिखाई देते हैं. एएसआई देश भर के कई साइट पर खुदाई कर चुकी है लेकिन ऐसा देखने को नहीं मिला है. एएसआई के अधिकारी का कहना है कि हम खुदाई जारी रखेंगे और उम्मीद है कि हमे कुछ अलग और पुराना इतिहास भी मिलेगा. एएसआई को उम्मीद है कि महाभारत काल से संबंधित कुछ न कुछ साक्ष्य जरूर मिलेगी. एएसआई को मिले अब तक पुरानी चीजों पर एक्सपर्ट रिसर्च भी करेंगे.
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