नई दिल्ली: ज़्यादा मताधिकार का इस्तेमाल करने और फर्ज़ी व दोहरे मतदान को रोकने के लिए आधार पर आधारित मतदान प्रणाली को लागू करने की मांग करने वाली याचिका का निपटारा करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग से 8 सप्ताह के भीतर कानून के अनुसार फैसला लेने का निर्देश दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने निर्वाचन आयोग को दिया निर्देश
चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने निर्वाचन आयोग को ये निर्देश दिया है. याचिका बीजेपी नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने दायर की थी. याचिका में आधार को वोटर आईकार्ड से लिंक करने का निर्वाचन आयोग को निर्देश देने की मांग की गई थी.
कोर्ट ने याचिका पर विचार करने का दिया था निर्देश
याचिका में कहा गया था कि याचिकाकर्ता ने इसके लिए सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर की थी. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले 8 मार्च को निर्वाचन आयोग को निर्देश दिया था कि वो अश्विनी उपाध्याय की मांग पर विचार करें लेकिन आयोग ने ऐसा नहीं किया. जिसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया.
बढ़ेगा वोट प्रतिशत
याचिका में कहा गया था कि आधार से वोटर आईकार्ड के लिंक होने पर किसी व्यक्ति को वोट डालने के लिए निर्वाचन क्षेत्र में जाने की जरुरत नहीं होगी. इससे वही व्यक्ति वोट डाल पाएंगे जो वैध वोटर होंगे. इसके अलावा वे दोबारा वोट नहीं डाल पाएंगे. इससे मतदाता सूची में भी गड़बड़ियां नहीं होंगी और वोट प्रतिशत बढ़ेगा.