नई दिल्ली : 21 जुलाई को दिल्ली सहित पूरे देश में कुर्बानी का त्योहार बकरीद मनाया जाएगा. आम तौर पर दिल्ली के जामा मस्जिद, जाफराबाद, सीलमपुर इलाकों में बकरों की मंडी सजती थी, जहां बकरों की खरीद बिक्री की जाती थी. लेकिन, कोरोना ने सब कुछ बदल दिया है. जामा मस्जिद का इलाका, जहां आमतौर पर बकरों की मंडी सजती थी, वहां अभी सन्नाटा पसरा है और अस्थाई रूप से बकरा मंडी तुर्कमान गेट के पास लगाया गया है.
बकरों के विक्रेता सलमान ने बताया कि कोरोना के बावजूद बकरों का बाजार सज रहा है. खरीदारों की संख्या कम है, लेकिन बकरों का अच्छा भाव मिल रहा है. उन्होंने बताया कि जामा मस्जिद इलाके में लगने वाले बाजार को पुलिस ने बंद करा दिया है. इस वजह से तुर्कमान गेट के पास बकरों का बाजार लगा रहे हैं. कोरोना के कारण थोड़ी परेशानी हो रही है, लेकिन लोग बकरों की खरीद कर रहे हैं और उसके अच्छे पैसे भी दे रहे हैं.
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बकरों के एक दूसरे विक्रेता अरशद ने बताया कि कोरोना के कारण बकरों के भाव में इस बार तेजी देखने को मिल रही है. बकरों की कीमत 6 हजार से लेकर 80 हजार रुपये तक है. कोरोना के कारण कम संख्या में लोग आ रहे हैं, लेकिन इस साल हमें बकरों की अच्छी कीमत मिल रही है. इसके पीछे एक बड़ी वजह यह भी है कि पुरानी दिल्ली के आसपास लगने वाले सभी बकरा मंडी बंद हो चुके हैं. इस कारण बकरों को खरीदने के लिए लोग तुर्कमान गेट के पास आ रहे हैं.
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तुर्कमान गेट स्थित बकरा मंडी में बकरा खरीदने आए इजहार ने बताया कि बकरों के दांत जितने कम होंगे, उस बकरे की कीमत उतनी ही ज्यादा होगी. अगर बकरा दो दांत का है तो उसकी कीमत सबसे ज्यादा होगी. इसके साथ ही बकरा खरीदते समय बकरे में मांस की मात्रा देखी जाती है और साथ ही यह देखा जाता है कि बकरा कितना मजबूत है. उसे कोई अन्य बीमारी तो नहीं या बकरा किसी प्रकार से अपाहिज तो नहीं.