नई दिल्ली: डीयू के अंतर्गत आने वाले सेंट स्टीफेंस कॉलेज परिसर में शिक्षकों ने विरोध शुरू कर दिया है. शिक्षकों का आरोप हैं कि कॉलेज प्रशासन ने बिना अनुमति कॉलेज परिसर में पार्किंग का निर्माण कार्य शुरू कर दिया है. जिससे न सिर्फ पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है बल्कि वहां रह रहे शिक्षक समुदाय के घरों के बाहरी परिसर भी क्षतिग्रस्त हुए हैं. ऐसे में उन्होंने कॉलेज के प्रिंसिपल को पत्र लिखकर इस निर्माण कार्य को तत्काल प्रभाव से रोकने की मांग की है.
वहीं सेंट स्टीफेंस कॉलेज के इकोनॉमिक्स के प्रो. संजीव ग्रेवाल ने कहा कि कॉलेज परिसर में हरी-भरी पार्किंग पहले से ही मौजूद है. बावजूद इसके हरियाली को नष्ट कर कंक्रीट पार्किंग बनाई जा रही है. साथ ही कहा कि इस निर्माण कार्य के दौरान कई पुराने वृक्षों को जो कि इस कॉलेज की धरोहर हैं. उन्हें नुकसान पहुंचाया गया है. जबकि कई वृक्षों की जड़ों तक खुदाई किये जाने से उनकी जड़ें कट गई हैं. इस तरह हरे-भरे पेड़ों को नुकसान पहुंचना पर्यावरण संगरक्षण के नियमों का उल्लंघन है.
घरों के बाहरी हिस्सों की खुदाई
वहीं प्रो. ग्रेवाल ने कहा कि कॉलेज परिसर में कई शिक्षकों को भी घर अलॉट किये गए हैं जहां वह रहते हैं. ऐसे में शिक्षकों को बिना कोई पूर्व सूचना दिए और बिना उनकी अनुमति लिए उनके बागीचे और चारदीवारी को भी क्षतिग्रस्त कर दहलीज तक खुदाई की गई है जिससे शिक्षकों में काफी रोष है.
सुरक्षा प्रोटोकॉल का नहीं हो रहा पालन
इसके अलावा प्रोफेसर नंदिता नारायण का कहना है कि निर्माण कार्य मे किसी प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया जा रहा है. खुदाई से निकली मिट्टी को बिना ढके यूं ही छोड़ दिया जाता है जो लगातार कॉलेज परिसर में उड़ती रहती हैं. इसके अलावा बिना किसी जांच या पहचान पत्र देखे बाहरी मज़दूरों को कॉलेज परिसर में प्रवेश दिया जा रहा है जिससे वहां रह रहे शिक्षकों की सुरक्षा को भी खतरा हो सकता है.
पत्र लिखकर निर्माण कार्य बंद करने की मांग
इन तमाम बातों का हवाला देते हुए सेंट स्टीफेंस कॉलेज के शिक्षकों ने कॉलेज के प्रिंसिपल को एक पत्र लिख इस मामले का संज्ञान लेने को कहा है. साथ ही कहा कि पर्यावरण के प्रति संवेदनशील बनें और इस निर्माण कार्य को तत्काल प्रभाव से बंद कराएं.