नई दिल्ली: दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अनिल कुमार ने कहा कि उपराज्यपाल द्वारा एल्डरमैन की नियुक्ति मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एमसीडी में एल्डरमैन मनोनीत करने की शक्ति उपराज्यपाल को देने का मतलब वह चुनी हुए निकाय को अस्थिर कर सकते है. दिल्ली कांग्रेस इस फैसले का स्वागत करती है. दिल्ली कांग्रेस इस फैसले का स्वागत करती है. लोकतांत्रिक व्यवस्था के अनुसार एल्डरमैन मनोनीत करने की शक्ति चुनी हुई सरकार की होती है. कहा कि अरविंद केजरीवाल दिल्ली और निगम में सरकार होने के बाद अब बहानेबाजी बंद कर लोगों के हितों और दिल्ली को विकसित बनाने के लिए काम करें.
अनिल कुमार ने आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली नगर निगम में आम आदमी पार्टी को सत्ता में आए हुए 6 महीने हो चुके है परंतु अभी तक टकराव की राजनीति के अलावा जनता के हित में कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लिया गया, जबकि अरविंद केजरीवाल ने वायदा किया था कि सत्ता में आते दिल्ली की सफाई व्यवस्था, कूड़े के पहाड़ों के हटाने और अस्थाई कर्मचारियों को पक्का करने के लिए प्राथमिकता से काम करेंगे. कहा कि राजधानी में न तो दिल्ली सरकार दिल्ली की जनता के लिए काम कर रही है और न दिल्ली नगर निगम. राजधानी में गदंगी और प्रदूषण का यह आलम है कि दिल्ली प्रदूषण में नंबर वन और सफाई व्यवस्था में निचले पायदान पर है. ऐसा इसलिए है क्योंकि केजरीवाल की दिल्ली सरकार और निगम की काम करने की नियत ही नही है. उनकी करनी और कथनी में भारी अंतर है.
अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली नगर निगम में एल्डरमैन की नियुक्ति का अधिकार चुनी हुई सरकार को होना चाहिए, परंतु उसमें विशेष व्यक्तित्व वाले लोगों को नामित किया जाए. उन्होंने कहा कि दिल्ली में जब कांग्रेस की सरकार थी तब शीला दीक्षित सरकार ने एल्डरमैन की नियुक्ति स्वायतता से की थी. उन्होंने कहा कि एल्डरमैन के पास वोटिंग की शक्ति है, अगर उपराज्यपाल द्वारा एल्डरमैन मनोनीत किए जाते है तो वे किसी के भी पक्ष में जा सकते है, जो एमसीडी को प्रभावी तौर पर अस्थाई कर सकता है.
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