नई दिल्ली: अरविंद केजरीवाल के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में आम आदमी पार्टी में शामिल होते हुए प्रह्लाद सिंह साहनी ने सबसे पहले शीला दीक्षित का नाम लिया. इस सवाल पर कि क्या शीला दीक्षित होती होतीं तो वे कांग्रेस में ही बने रहते? प्रह्लाद सिंह साहनी ने कहा शायद ऐसा हो सकता था. उन्होंने कहा कि वे सभी विधायकों की बड़ी बहन जैसी थीं, उन्होंने हमें सच बोलना सिखाया और वे हमेशा कहती थीं कि किसी का भी फोन आए, जवाब जरूर देना चाहिए.
'AAP के अच्छे कामों से प्रभावित'
आम आदमी पार्टी में शामिल होने के कारणों के बारे में प्रह्लाद सिंह साहनी ने कहा कि मैंने आम आदमी पार्टी की अच्छाइयां देखकर इसे ज्वाइन किया है. उन्होंने कहा कि बिजली-पानी, महिलाओं की सुरक्षा आदि मुद्दों पर आम आदमी पार्टी ने बेहतर काम किया है.
प्रहलाद सिंह साहनी ने अलका लांबा को लेकर कह कि 10 लोगों से पूछ लीजिए अलका लांबा के बारे में कोई नहीं जानता.
'पार्टी चाहेगी तो लड़ेंगे चुनाव'
अलका लांबा द्वारा आम आदमी पार्टी के खिलाफ बागी तेवर अपनाकर पार्टी छोड़ने के बाद आम आदमी पार्टी को चांदनी चौक से नए उम्मीदवार की तलाश थी और प्रह्लाद सिंह पटेल पर वो तलाश पूरी हो गई है. इस सवाल पर कि क्या प्रह्लाद सिंह साहनी वहां से चुनाव लड़ सकते हैं? उन्होंने कहा, अगर पार्टी चाहेगी तो जरूर.
प्रह्लाद सिंह साहनी के साथ उनके कई समर्थक भी आम आदमी पार्टी में शामिल हुए, जिसमें कांग्रेस के 3 ब्लॉक प्रेसिडेंट, डिस्ट्रिक्ट का इलेक्टेड मेंबर और महिला प्रेसिडेंट भी शामिल हुईं. शीला दीक्षित के निधन के बाद से दिल्ली प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व विहीन है. प्रह्लाद सिंह साहनी ने आम आदमी पार्टी में शामिल होने का एक कारण यह भी बताया कि कांग्रेस पार्टी के पास कोई नेतृत्व नहीं है, कोई सूझबूझ वाला आदमी नहीं है.