नई दिल्ली: राजधानी में जिस तरीके से साइबर अपराध के मामले बढ़ रहे हैं, वह पुलिस के लिए एक बड़ी चिंता का विषय है. चिंता का विषय यह भी है कि पुलिस के जवान साइबर अपराध की जांच के लिए पूरी तरीके से प्रशिक्षित नहीं है. इसे लेकर पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव की तरफ से एक खास योजना बनाई गई है. उन्होंने स्पेशल सेल को साइबर अपराध की जांच के लिए कोर्स बनाने के निर्देश दिए हैं ताकि पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षित कर एक बेहतर जांच अधिकारी बनाया जा सके.
इस समस्या से निपटने के लिए पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने एक खास योजना बनाई है पुलिस कमिश्नर ने हाल ही में हुई एक बैठक में स्पेशल को निर्देश दिया है कि वह साइबर सेल एवं अपने पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण देने के लिए साइबर क्राइम का कोर्स डिजाइन करें. यह कोर्स तैयार करने के बाद धीरे-धीरे दिल्ली के पुलिस कर्मियों को कोर्स कराया जाएगा ताकि उन्हें पता चल सके कि यह अपराध किस प्रकार होते हैं, उनकी जांच कैसे की जाती है और अपराधियों को कैसे पकड़ा जा सकता है. दिल्ली पुलिस चाहती है कि वह अपराधियों पर ज्यादा से ज्यादा नकेल कस सके. यही वजह है कि इस तरह के कोर्स को डिजाइन करने के निर्देश पुलिस कमिश्नर की तरफ से दिए गए हैं.
'होने चाहिए साइबर सेल में भर्ती'
दिल्ली पुलिस के सेवानिवृत्त एसीपी वेद भूषण ने बताया कि दिल्ली पुलिस में अभी तक साइबर क्राइम को लेकर कोई बड़ा प्रशिक्षण नहीं दिया गया है. यही वजह है कि साइबर क्राइम के ज्यादातर मामले अनसुलझे रह जाते हैं. उन्होंने दिल्ली पुलिस कमिश्नर एवं सरकार को सुझाव दिया है कि वह साइबर सेल यूनिट के लिए अलग से भर्ती करें. इसमें तैनात होने वाले पुलिसकर्मी साइबर सेल में ही रहने चाहिए और वहां पर ही वह काम करें. इससे एक तरफ जहां वह बेहतर नतीजे दे पाएंगे तो वहीं दूसरी तरफ इस तरह के अपराधों में कमी आएगी.
80 फीसदी से ज्यादा मामले अनसुलझे
आपको जानकर हैरानी होगी कि राजधानी में दर्ज साइबर अपराध के अधिकांश मामलों को पुलिस सुलझा नहीं पाती है. सूत्रों की माने तो लगभग 80 फ़ीसदी साइबर अपराध के मामले अनसुलझे रह जाते हैं. सेवानिवृत्त एसीपी वेदभूषण ने बताया कि साइबर अपराध के नए तरीके आये दिन सामने आते हैं. खासतौर से ऐसे मामले जिनमें लोगों को आर्थिक नुकसान हुआ हो उन्हें सुलझाना पुलिस के लिए भी आसान नहीं होता. देश-विदेश में बैठे ठग बड़ी आसानी से लोगों के खाते में सेंध लगा देते हैं और पुलिस उन तक पहुंचने में नाकाम रहती है..