नई दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्यालय(डीयू) में आज दो नवंबर से नया सत्र शुरू हुआ. जिन छात्रों ने स्नातक पाठ्यक्रम में दाखिला लिया है वे अपने कॉलेज पहुंचे. इस बीच कई छात्र संगठन कॉलेज में हेल्प डेस्क लगाकर फ्रेशर छात्रों की मदद करते दिखे. इसी बीच छात्र संगठन स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (Students' Federation of India) यानी एसएफआई और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (Akhil Bharatiya Vidyarthi Parishad) यानी एबीवीपी के बीच झड़प हो गई. दिल्ली विश्वविद्यालय परिसर स्थित रामजस कॉलेज के पास हुई इस झड़प के बाद एसएफआई नेआरोप लगाया है कि एबीवीपी गुंडों ने एसएफआई के एक्टिविस्ट को बुरी तरह पीटा है. एसएफआई ने इस संबंध में एक नोट भी जारी किया है.
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नोट जारी कर लगाया गंभीर आरोप : एसएफआई दिल्ली ने एबीवीपी पर आरोप लगाते हुए नोट जारी किया. इस नोट में कहा गया है कि बुधवार को एसएफआई के एक्टिविस्ट संत कुमार, अंकित बिरपाली संग अन्य कार्यकर्ता कॉलेज में आए फ्रेशर्स के स्वागत में लगे हुए थे. इसी दौरान एबीवीपी के गुंडों ने इन पर हमला कर दिया. इस दौरान सर पर गंभीर चोट लगने के कारण संत को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. अंकित के जबड़े में हेयरलाइन फ्रैक्चर है. एक महिला एसएफआई कार्यकर्ता के खिलाफ उत्पीड़न का विरोध करते हुए एबीवीपी कार्यकर्ताओं के एक समूह ने संत और अंकित पर पत्थरों, डंडों और हेलमेट से हमला किया. उन्होंने हमारे साथियों पर जातिसूचक गालियां दीं. इस दौरान हमारे कार्यकर्ताओं के मोबाइल फोन भी छीन लिए.
48 घंटे में यह दूसरा हमला : एसएफआई ने अपने नोट में लिखा कि पिछले 48 घंटों में हमारे साथियों पर इस तरह का यह दूसरा हमला है. एक नवंबर को एबीवीपी के हमले में दिल्ली विश्वविद्यालय के चार छात्र घायल हो गए थे. यह इस बात को रेखांकित करता है कि एबीवीपी एक हिंसक, छात्र-विरोधी संगठन है, जिसे विश्वविद्यालयों में प्रतिबंधित किया जाना चाहिए. एबीवीपी को दिल्ली भर में एक प्रगतिशील छात्र आंदोलन के विकास के लिए खतरा है. एसएफआई दिल्ली ने दिल्ली पुलिस से दोषियों को तत्काल गिरफ्तार करने और प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की है.
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