नई दिल्ली: आगामी लोकसभा चुनाव के लिए विपक्षी दलों के गठबंधन में सीट बंटवारे पर चर्चा जारी है. आज शुक्रवार को कांग्रेस की गठबंधन समिति और आम आदमी पार्टी के नेताओं के बीच सीट शेयरिंग को लेकर दूसरी बार बैठक होगी. यह बैठक शाम साढ़े छह बजे कांग्रेस नेता मुकुल वासनिक के घर होने की सूचना है. पिछली बैठक भी यहीं हुई थी. बैठक में आम आदमी पार्टी की तरफ से राज्यसभा सदस्य संदीप पाठक, दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी और सौरभ भारद्वाज के हिस्सा लेने की उम्मीद है.
लोकसभा चुनाव के लिए सीट शेयरिंग अहम मुद्दा है, इस पर 14 और 15 जनवरी को फैसला लिया जाएगा. इससे पहले विपक्षी दलों के नेता आपस मे चर्चा कर प्रस्ताव रखेंगे. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आज बैठक में जो सीट शेयरिंग का प्रस्ताव आम आदमी पार्टी की तरफ से रखा जाएगा उसमें दिल्ली और हरियाणा में तीन-तीन लोकसभा सीट, गुजरात व गोवा में एक-एक सीट और पंजाब में आम आदमी पार्टी 6 सीट पर अपने उम्मीदवार को चुनाव लड़ने का दावा कर सकती है. जिस पर कांग्रेस की गठबंधन समिति विचार कर सकती है.
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उधर, सीट शेयरिंग को लेकर अभी भले ही कुछ तय नहीं हुआ है, लेकिन आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल गुजरात और गोवा दौरे कर चुनाव की तैयारियां शुरू कर चुके हैं. गत रविवार को गुजरात में एक जनसभा के दौरान केजरीवाल ने चैतर वसावा को भरूच लोकसभा सीट से पार्टी की ओर से उम्मीदवार बनाने की घोषणा कर दी है.
बता दें कि आम आदमी पार्टी के लिए लोकसभा चुनाव कई मायनों में अहम है. राष्ट्रीय पार्टी बनने के बाद आम आदमी पार्टी राष्ट्रीय विस्तार की संभावनाएं तलाश रही है. पिछले दिनों पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी का प्रदर्शन ठीक नहीं रहा. इसलिए अब लोकसभा चुनाव में कमबैक करना आप के लिए चुनौती के समान है. दिल्ली, पंजाब, गुजरात, गोवा तथा हरियाणा जहां आम आदमी पार्टी को लगता है वहां बेहतर संभावना है. वहां लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी अपना खाता खोलकर धमक दिखाना चाहती है.
इससे पहले वर्ष 2014, 2019 के लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी अपना खाता नहीं खोल पाई थी, दोनों बार पार्टी के उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गयी थी.दिल्ली की सातों लोकसभा सीटें बीजेपी के खाते में चली गई. यहां तक कि 7 में से 5 सीटों पर आम आदमी पार्टी तीसरे नंबर पर रही थी और उसे केवल 18.2 फीसद वोट मिले थे. जबकि कांग्रेस को 22.6 फीसद और बीजेपी को सातों सीट मिलाकर 56.9 फीसद वोट मिले थे.
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