नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि भाजपा शासित एमसीडी ने अंदरूनी नालियों-नालों से गाद निकालने के नाम पर भ्रष्टाचार किया है.कॉलोनियों में पांच फीसदी नालियों-नालों की भी सफाई नहीं हुई है. उत्तरी दिल्ली नगर निगम कह रहा है कि 9883 मीट्रिक टन गाद (silt) निकाली है और दक्षिणी दिल्ली नगर निगम का दावा है कि 35 हजार मीट्रिक टन सिल्ट निकाली है, जबकि हकीकत यह है कि गाद नहीं निकाली गई है.
उन्होंने कहा कि मानसून में सभी कॉलोनियों के अंदर पानी भरेगा क्योंकि नालियां-नाले अभी भी सिल्ट से भरे हुए हैं. बारिश में पानी ओवर फ्लो होकर मुख्य रास्तों पर आएगा. दक्षिणी नगर निगम के कमिश्नर ज्ञानेश भारती बताएं कि किस कॉलोनी की कौनसी नाली से सिल्ट निकाली गई है.
MCD report दिखाते हुए सौरभ भारद्वाज ने कहा कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम का कहना है कि इस साल उन्होंने 9883 मीट्रिक टन गाद (सिल्ट) अलग-अलग कॉलोनियों की नालियों से निकाली हैं. दक्षिणी दिल्ली नगर निगम का कहना है कि उन्होंने 35,705 मीट्रिक टन सिल्ट अलग-अलग नालियों से निकाल दी है, जबकि हकीकत यह है कि गाद नहीं निकाली गई है.
इसके दो बड़े सबूत हैं, जिसको कहीं पर भी वेरीफाई कर सकते हैं. ग्रेटर कैलाश, साउथ एक्स, ईस्ट कैलाश सहित किसी भी कॉलोनी के अंदर चले जाइए. उनसे पूछिए कि क्या उन्होंने एमसीडी के अधिकारियों-कर्मचारियों को इन नालों को खोलकर गाद निकालते हुए देखा है. मैं दावे से बता सकता हूं कि 5 फीसदी नालियों को भी इन्होंने खोल करके नहीं देखा है, गाद निकालने की तो बहुत अलग बात है. इसका भले आप सर्वे कर लीजिए.
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दक्षिणी एमसीडी कह रही है कि 35 हजार मीट्रिक टन से अधिक सिल्ट निकाल दी है. उत्तरी नगर निगम कह रहा है कि 9883 मीट्रिक टन सिल्ट निकाल दी है.इसका सच दूसरी जब बरसात होगी, उस दिन आपके सामने आ जाएगा. सभी कॉलोनियों के अंदर पानी भरेगा, क्योंकि नालियां और नाले मिट्टी और सिल्ट से आज भी भरे हुए हैं. जब बारिश होगी तो पानी ओवर फ्लो होकर मुख्य रास्तों पर पहुंच जाएगा.
सौरभ भारद्वाज ने कहा है कि 35 हजार मीट्रिक टन सिल्ट निकालने के लिए दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने लगभग 30 से 40 करोड़ रुपये का भुगतान किया होगा. ऐसे जब कुछ काम नहीं हुआ है तो एमसीडी के जो दक्षिणी नगर निगम के कमिश्नर (Commissioner Southern Municipal Corporation) ज्ञानेश भारती से सीधा सीधा सवाल है कि वह सड़क पर निकलें और बताए कि कहां से सिल्ट निकाली गई है. वह बताएं कि हमें कौन से गांव और कॉलोनी के अंदर आना है. वहां पर चलकर हम देखते हैं कि कहां पर गाद निकाली गई है.
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उन्होंने कहा कि 35 हजार मीट्रिक टन सिल्ट के नाम पर सिर्फ और सिर्फ अफसरों और नेताओं की मिलीभगत से करोड़ों रुपए की लूट की गई है. ठेकेदारों को भुगतान किया गया है और फिर वह बांटी गई है. हम दावे के साथ कह सकते हैं कि सारा का सारा पैसा लूटा गया है. एमसीडी ने कोई गाद निकालने का काम नहीं किया है.
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