नई दिल्ली: लंबे समय से राजनीतिक आरोपों-प्रत्यारोपों का कारण बना रहा राफेल चुनाव से ऐन पहले एक बार फिर चर्चा में आ गया है. इसपर ईटीवी भारत ने आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद और इस मामले में लंबे समय से मुखर रहे संजय सिंह से बातचीत की.
राफेल मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में इस सौदे से संबंधित दस्तावेजों को आधार बनाए जाने को लेकर केंद्र सरकार की तरफ से आपत्ति दर्ज की गई थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उस आपत्ति को नकार दिया है. केंद्र सरकार ने इसे लेकर विशेषाधिकार का दावा किया था और कहा था कि यह दस्तावेज गैरकानूनी तरीके से हासिल किए गए हैं लेकिन मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति के एम जोसेफ ने कहा है कि हम केंद्र द्वारा समीक्षा याचिका की स्वीकार्यता पर उठाई प्रारंभिक आपत्ति को खारिज करते हैं.
'चौकीदार ही चोर है'
शीर्ष अदालत की इस टिप्पणी के साथ ही अब स्पष्ट हो गया है कि जिन दस्तावेजों को कोर्ट में सरकार ने चोरी किए हुए दस्तावेज बताया था, उसी को सबूत मान कर अब आगे की कार्यवाही चलेगी. इस मामले में आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी से साबित हो गया है कि चौकीदार ही चोर है.
संजय सिंह ने फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के बयान, डिफेंस सेक्रेट्री के नोट, प्रधानमंत्री कार्यालय के हस्तक्षेप आदि का जिक्र करते हुए कहा कि यह तो स्पष्ट है कि राफेल हिंदुस्तान की आजादी के बाद का सबसे बड़ा घोटाला है. संजय सिंह ने कहा कि जब सरकार की तरफ से इस मामले में झूठ बोला गया तो हमने कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की कि इसमें तो सीएजी ऑडिट ही नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि अब स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री के साथ साथ पूरी सरकार और अनिल अंबानी भी इस मामले में नपेंगे.